लखनऊः प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं, दूसरी ओर रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी तेज हो गई है. ठाकुरगंज पुलिस ने रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करने वाले दो डॉक्टरों समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों के पास से 34 रेमडेसिवीर इंजेक्शन के साथ 4 लाख 69 हजार रुपये भी बरामद हुए हैं. पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
चैन के तहत होती थी रेमडेसिवीर की अवैध बिक्री
पुलिस के अनुसार अभी भी एक आरोपी फरार है जिसका नाम थापा बताया जा रहा है. थापा 4 से 5 हजार रुपये में रेमडेसिवीर विपिन को देता था. विपिन 5500 रुपये में तहजीब को देता था. फिर तहजीब डॉक्टर अतहर को 7500 रुपये में रेमडेसिवीर देता था. वहीं डॉक्टर अतहर द्वारा डॉक्टर सम्राट को 10 हजार में इंजेक्शन दिया करता था. डॉक्टर सम्राट उसे अपने मनमुताबिक 15 से 17 हजार रुपये में जरूरतमंद लोगों को बेचता था. बताया जा रहा है कि यह आरोपी सीधा कस्टमर से नहीं मिलते थे.
सभी ठाकुरगंज के हैं निवासी
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील कुमार दुबे ने बताया कि आरोपियों की पहचान विपिन कुमार, डॉ. अतहर, डॉ. सम्राट और तहजबुल हसन ठाकुरगंज निवासी के रूप में हुई है. इस गिरोह का एक साथी अभी फरार है. उन्होंने बताया कि मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ लोगों के द्वारा एरा हॉस्पिटल के पास रेमडेसिवीर इंजेक्शन महंगे दामों पर बेची जा रही है. इस सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके से दो डॉक्टर समेत चार को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए आरोपियों के पास से रेमडेसिवीर के 34 इंजेक्शन व और लाख 69 हजार रुपये की बरामदगी भी हुई है.
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बड़े अस्पतालों में हो सकती है छापेमारी
पुलिस सूत्रों की मानें तो पकड़े गए आरोपियों का संपर्क ठाकुरगंज में पड़ने वाले बड़े हॉस्पिटल से भी है, जहां से डॉक्टर द्वारा इन लोगों को यह इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के लिए दी जाती थी. वहीं सूत्रों का कहना है कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े हॉस्पिटल में छापेमारी की जा सकती है. इस छापेमारी के दौरान डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को भी गिरफ्तार किया सकता है. इस छापेमारी के लिए पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर की तरफ से टीमों का गठन भी किया गया है.