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गायत्री प्रजापति के बेटे की जमानत याचिका खारिज - अनिल प्रजापति की जमानत याचिका खारिज

पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की अल्प अवधि जमानत याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. उन पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज व जबरन वसूली के आरोप हैं.

जमानत याचिका खारिज
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Published : Feb 22, 2021, 9:10 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की अल्प अवधि जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. सोमवार को अभियुक्त के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने उक्त याचिका को खारिज कर दिया है.

ये बोले जज
न्यायमूर्ति फैज आलम खान की एकल सदस्यीय पीठ ने अनिल कुमार प्रजापति की याचिका को खारिज किया. याचिका वापस लेने के आधार पर खारिज करते हुए न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियुक्त यदि कानून सम्मत कोई अन्य राहत के लिए याचिका दाखिल करता है तो खारिज होने के आदेश का उस पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति और एक अन्य महिला के विरुद्ध गायत्री की कंपनी के पूर्व डायरेक्टर बृज भवन चौबे ने 17 सितंबर 2020 को थाना गोमती नगर विस्तार में एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी के नाम की खरगापुर में स्थित जमीन, उसे धमकी देकर नामजद महिला के नाम करा दी गई. कहा गया कि चित्रकूट निवासी उक्त महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसी मुकदमे में महिला को अपने पक्ष में बयान देने के बदले अभियुक्तों द्वारा वादी की जमीन उसके नाम करा दी गई. बाद में उक्त महिला गायत्री प्रजापति के पक्ष में बयान भी देने लगी. आरोप है कि उक्त महिला वादी को दुराचार के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए जमीन पर कब्जा देने का दबाव बना रही है.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की अल्प अवधि जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. सोमवार को अभियुक्त के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने का अनुरोध किया जिसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने उक्त याचिका को खारिज कर दिया है.

ये बोले जज
न्यायमूर्ति फैज आलम खान की एकल सदस्यीय पीठ ने अनिल कुमार प्रजापति की याचिका को खारिज किया. याचिका वापस लेने के आधार पर खारिज करते हुए न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियुक्त यदि कानून सम्मत कोई अन्य राहत के लिए याचिका दाखिल करता है तो खारिज होने के आदेश का उस पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. उल्लेखनीय है कि गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति और एक अन्य महिला के विरुद्ध गायत्री की कंपनी के पूर्व डायरेक्टर बृज भवन चौबे ने 17 सितंबर 2020 को थाना गोमती नगर विस्तार में एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी के नाम की खरगापुर में स्थित जमीन, उसे धमकी देकर नामजद महिला के नाम करा दी गई. कहा गया कि चित्रकूट निवासी उक्त महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसी मुकदमे में महिला को अपने पक्ष में बयान देने के बदले अभियुक्तों द्वारा वादी की जमीन उसके नाम करा दी गई. बाद में उक्त महिला गायत्री प्रजापति के पक्ष में बयान भी देने लगी. आरोप है कि उक्त महिला वादी को दुराचार के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए जमीन पर कब्जा देने का दबाव बना रही है.

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