ETV Bharat / state

दुराचार पीड़िता और गवाह के आत्मदाह के मामले में अमिताभ ठाकुर को कोर्ट से नहीं मिली राहत

दुराचार पीड़िता और गवाह के आत्मदाह मामले में अमिताभ ठाकुर को कोर्ट से राहत नहीं मिली है. उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कमिटल आदेश को चुनौती दी थी. 27 अगस्त 2021 को अमिताभ ठाकुर को इस मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.

etv bharat
दुराचार पीड़िता और गवाह के आत्मदाह का मामला
author img

By

Published : Jan 25, 2022, 10:58 PM IST

लखनऊ : जनपद न्यायालय ने बसपा सांसद अतुल राय पर दुराचार का आरोप लगाने वाली युवती और उसके गवाह की आत्मदाह से हुई मृत्यु के मामले में निरुद्ध अभियुक्त और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र को पोषणीयता (Revision Application Sustainability) के अभाव में खारिज कर दिया है.

उक्त प्रार्थना पत्र में अमिताभ ठाकुर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कमिटल आदेश को चुनौती दी थी. 8 नवंबर 2021 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह मुकदमा कमिट कर विचारण के लिए सत्र अदालत को भेजा था. अमिताभ का कहना था कि मुकदमा कमिट करने से पहले उन्हें आरोप पत्र के साथ दाखिल अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज और सीडी आदि आवश्यक प्रपत्रों की प्रतियां दिए बिना उनके मामले को सत्र अदालत के समक्ष विचारण के लिए सुपुर्द कर दिया गया. निगरानी याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ गत 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.

इसे भी पढ़ेंः दुराचार पीड़िता व गवाह के आत्मदाह का मामला, चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर आरोपी अमिताभ ठाकुर ने जताई आपत्ति

इसके बाद 25 अक्टूबर को विवेचक की ओर से अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. उन्हें जेल से 28 अक्टूबर को तलब कर धारा-207 दंड प्रक्रिया संहिता के अनुपालन में दस्तावेजों की नकले दी गई लेकिन बहुत से आवश्यक प्रपत्र एवं उनके संलग्नक नहीं दिए गए हैं. इसके कारण वह अपना बचाव कर पाने में असमर्थ है. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि निगरानी याचिका पोषणीय न होने कारण सुनवाई के स्तर पर ही खारिज की जाती है.

जनपद न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र ने कहा है कि अभियुक्त की ओर से आरोप मुक्त किए जाने की मांग वाली अर्जी विचाराधीन है. सुनवाई के स्तर पर अभियुक्त को जिन प्रपत्रों की नकले नहीं मिली है. उनकी लिस्ट बनाकर दे सकता है. उस लिस्ट पर अदालत की ओर से नियमानुसार विचार किया जा सकता है.

आरोप पत्र के साथ दाखिल प्रपत्रों में 208 पेज आरोपी प्राप्त कर चुका है. फिर भी उसे लगता है कि कोई प्रपत्र नहीं मिला है तो वकील के माध्यम से रिकार्ड का मुआयना कर प्राप्त कर सकता है. 27 अगस्त 2021 को अमिताभ ठाकुर को इस मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : जनपद न्यायालय ने बसपा सांसद अतुल राय पर दुराचार का आरोप लगाने वाली युवती और उसके गवाह की आत्मदाह से हुई मृत्यु के मामले में निरुद्ध अभियुक्त और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र को पोषणीयता (Revision Application Sustainability) के अभाव में खारिज कर दिया है.

उक्त प्रार्थना पत्र में अमिताभ ठाकुर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कमिटल आदेश को चुनौती दी थी. 8 नवंबर 2021 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह मुकदमा कमिट कर विचारण के लिए सत्र अदालत को भेजा था. अमिताभ का कहना था कि मुकदमा कमिट करने से पहले उन्हें आरोप पत्र के साथ दाखिल अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज और सीडी आदि आवश्यक प्रपत्रों की प्रतियां दिए बिना उनके मामले को सत्र अदालत के समक्ष विचारण के लिए सुपुर्द कर दिया गया. निगरानी याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ गत 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.

इसे भी पढ़ेंः दुराचार पीड़िता व गवाह के आत्मदाह का मामला, चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर आरोपी अमिताभ ठाकुर ने जताई आपत्ति

इसके बाद 25 अक्टूबर को विवेचक की ओर से अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया. उन्हें जेल से 28 अक्टूबर को तलब कर धारा-207 दंड प्रक्रिया संहिता के अनुपालन में दस्तावेजों की नकले दी गई लेकिन बहुत से आवश्यक प्रपत्र एवं उनके संलग्नक नहीं दिए गए हैं. इसके कारण वह अपना बचाव कर पाने में असमर्थ है. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि निगरानी याचिका पोषणीय न होने कारण सुनवाई के स्तर पर ही खारिज की जाती है.

जनपद न्यायाधीश राम मनोहर नारायण मिश्र ने कहा है कि अभियुक्त की ओर से आरोप मुक्त किए जाने की मांग वाली अर्जी विचाराधीन है. सुनवाई के स्तर पर अभियुक्त को जिन प्रपत्रों की नकले नहीं मिली है. उनकी लिस्ट बनाकर दे सकता है. उस लिस्ट पर अदालत की ओर से नियमानुसार विचार किया जा सकता है.

आरोप पत्र के साथ दाखिल प्रपत्रों में 208 पेज आरोपी प्राप्त कर चुका है. फिर भी उसे लगता है कि कोई प्रपत्र नहीं मिला है तो वकील के माध्यम से रिकार्ड का मुआयना कर प्राप्त कर सकता है. 27 अगस्त 2021 को अमिताभ ठाकुर को इस मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.