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अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद का निधन - अरुणांचल प्रदेश

former governor of arunachal pradesh passes away
माता प्रसाद
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Published : Jan 20, 2021, 10:09 AM IST

Updated : Jan 20, 2021, 3:49 PM IST

09:26 January 20

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद का मंगलवार देर रात निधन हो गया. उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली. माता प्रसाद सन् 1957 से लेकर 1977 तक शाहगंज विधान सभा सीट से विधायक चुने गये थे. 1980 से लेकर 1992 तक विधान परिषद के सदस्य रहे. सन् 1988 में उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री बनाए गए. जिस दौरान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने माता प्रसाद को 1988 से 89 तक राजस्व मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में रखा था.

पूर्व राजस्व मंत्री के निधन से शोक की लहर.

जौनपुर/लखनऊ : अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री माता प्रसाद का लखनऊ में मंगलवार की देर रात निधन हो गया. 97 वर्ष की आयु में उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर सुनते ही गृह जनपद जौनपुर में शोक की लहर दौड़ गई. निधन की जानकारी होते ही जौनपुर स्थित आवास से उनके घर के सदस्य लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

कौन हैं माता प्रसाद 
जनपद के मछलीशहर तहसील के काजियान मोहल्ले में माता प्रसाद का 11 अक्टूबर 1924 को जन्म हुआ था. बचपन से ही उन्हें साहित्य से प्रेम था. राजनीति में रुचि के कारण उन्हें 1955 में कांग्रेस का जिला सचिव बनाया गया था. माता प्रसाद जौनपुर के शाहगंज (सुरक्षित) से कांग्रेस के टिकट से (1957-1975) तक लगातार 5 बार विधायक चुने गए थे. इसके अलावा 1980 से 1992 तक वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार में वह राजस्व मंत्री भी रहे. 21 अक्टूबर 1993 से लेकर 31 मई 1999 तक इन्होंने अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद को भी सुशोभित किया. माता प्रसाद ने अपने राजनीतिक करियर के साथ साथ हिंदी काव्य जगत में भी अपना योगदान दिया है.

पूर्व पिंडरा विधायक अजय राय ने दी श्रद्धांजलि
पिंडरा विधानसभा से पूर्व कांग्रेस विधायक अजय राय ने माता प्रसाद को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि माता प्रसाद पूर्वांचल के सबसे सरल नेताओं में से एक थे. उनकी छवि बेदाग रही है. बेहद ही सरल व्यक्तित्व के वे धनी थे. 

'माता प्रसाद जी का निधन अपूर्णीय क्षति'
माता प्रसाद के पड़ोसी और तिलकधारी महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि माता प्रसाद सादगी की मिसाल थे. उन्होंने तमाम पदों को सुशोभित किया. उनका जाना जनपद के लिए अपूरणीय क्षति है. उनके निधन की खबर सुनते ही जनपद में शोक की लहर है. 

09:26 January 20

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद का मंगलवार देर रात निधन हो गया. उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली. माता प्रसाद सन् 1957 से लेकर 1977 तक शाहगंज विधान सभा सीट से विधायक चुने गये थे. 1980 से लेकर 1992 तक विधान परिषद के सदस्य रहे. सन् 1988 में उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री बनाए गए. जिस दौरान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने माता प्रसाद को 1988 से 89 तक राजस्व मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में रखा था.

पूर्व राजस्व मंत्री के निधन से शोक की लहर.

जौनपुर/लखनऊ : अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री माता प्रसाद का लखनऊ में मंगलवार की देर रात निधन हो गया. 97 वर्ष की आयु में उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर सुनते ही गृह जनपद जौनपुर में शोक की लहर दौड़ गई. निधन की जानकारी होते ही जौनपुर स्थित आवास से उनके घर के सदस्य लखनऊ के लिए रवाना हो गए.

कौन हैं माता प्रसाद 
जनपद के मछलीशहर तहसील के काजियान मोहल्ले में माता प्रसाद का 11 अक्टूबर 1924 को जन्म हुआ था. बचपन से ही उन्हें साहित्य से प्रेम था. राजनीति में रुचि के कारण उन्हें 1955 में कांग्रेस का जिला सचिव बनाया गया था. माता प्रसाद जौनपुर के शाहगंज (सुरक्षित) से कांग्रेस के टिकट से (1957-1975) तक लगातार 5 बार विधायक चुने गए थे. इसके अलावा 1980 से 1992 तक वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार में वह राजस्व मंत्री भी रहे. 21 अक्टूबर 1993 से लेकर 31 मई 1999 तक इन्होंने अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद को भी सुशोभित किया. माता प्रसाद ने अपने राजनीतिक करियर के साथ साथ हिंदी काव्य जगत में भी अपना योगदान दिया है.

पूर्व पिंडरा विधायक अजय राय ने दी श्रद्धांजलि
पिंडरा विधानसभा से पूर्व कांग्रेस विधायक अजय राय ने माता प्रसाद को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि माता प्रसाद पूर्वांचल के सबसे सरल नेताओं में से एक थे. उनकी छवि बेदाग रही है. बेहद ही सरल व्यक्तित्व के वे धनी थे. 

'माता प्रसाद जी का निधन अपूर्णीय क्षति'
माता प्रसाद के पड़ोसी और तिलकधारी महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि माता प्रसाद सादगी की मिसाल थे. उन्होंने तमाम पदों को सुशोभित किया. उनका जाना जनपद के लिए अपूरणीय क्षति है. उनके निधन की खबर सुनते ही जनपद में शोक की लहर है. 

Last Updated : Jan 20, 2021, 3:49 PM IST
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