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AKTU के दीक्षांत समारोह में बोले प्रो. धांडे, आज डिजिटल एकलव्य की है जरूरत - आईआईटी कानपुर

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का यह 19 वां दीक्षांत समारोह इस बार बेहद खास रहा है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक पद्म श्री प्रो. एसजी धांडे ने मेडल दिए. प्रो. धांडे ने छात्रों को सफलता के टिप्स भी दिए.

आज डिजिटल एकलव्य की है जरूरत
आज डिजिटल एकलव्य की है जरूरत
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Published : Dec 16, 2021, 1:26 PM IST

लखनऊ: आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. संजय गोविंद धांडे ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) में छात्रों को सफलता के टिप्स दिए. वह दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यतिथि शिरकत कर रहे थे. उन्होंने छात्रों से कहा कि स्नातक करने वाले छात्र अब लाइफ लॉन्ग लर्निंग के एक नए विश्वविद्यालय में प्रवेश कर रहे हैं, जिसे 3L विश्वविद्यालय कहा जाता है. यह वह जगह है जहां कोई परीक्षा नहीं है, कोई अंक नहीं है, कोई प्रमाण पत्र नहीं है, कोई व्याख्यान नहीं है, कोई व्यावहारिक नहीं है. हालांकि, इस विश्वविद्यालय के सभी छात्र अनुभवों के माध्यम से सीख रहे हैं.


कोविड के बाद तेजी से हो रहे बदलाव


प्रो. संजय गोविंद धांडे ने कहा कि वास्तविक दुनिया एक गतिशील प्रणाली है. कोविड के बाद यह तेजी से बदल रहा है. इस बदलते परिदृश्य में, कुछ कौशल अप्रचलित हो जाते हैं और कुछ कौशल नए हो जाते हैं. अपने दम पर नए कौशल हासिल करना ही वह वास्तविक कौशल है जिसकी आज की दुनिया को आवश्यकता है.

प्रो. धांडे ने कहा कि इस लिहाज से मैं एकलव्य की कहानी को बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं. उसने अपने दम पर तीरंदाजी के सभी कौशल सीखे और हासिल किए. उन्होंने गुरु दक्षिणा के रूप में अपना अंगूठा भी त्याग दिया और कौशल ने अपने पैरों के माध्यम से तीरंदाजी का कौशल हासिल कर लिया. तो, आज हमें ऐसे कई एकलव्य की आवश्यकता है. आप ऐसे व्यक्ति को डिजिटल एकलव्य कह सकते हैं.

AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे
AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे


बता दें कि समारोह सुबह 11:00 बजे शुरू हुआ. विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता की. विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी, कानपुर के पूर्व निदेशक पद्म श्री प्रो एसजी धांडे मंचासीन रहें. इस बार के दीक्षांत समारोह में पहली बार स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में भी मेडल प्रदान किये गए.

AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे
AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे
यह मेडल दिए गए


दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों में से टापर विद्यार्थी को मेडल प्रदान किए गए. सम्बद्ध राजकीय एवं निजी क्षेत्र की संस्थानों में एमटेक एवं एमफार्म में एक–एक स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किये जाएंगे. साथ ही, घटक एवं शैक्षिक स्वायत्तशासी संस्थानों में 8 स्वर्ण, 4 रजत, एवं 04 कांस्य पदक प्रदान किए गए. स्नातक पाठ्यक्रमों में सम्बद्ध राजकीय एवं निजी संस्थानों में एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक, एक श्रीमती कमल रानी मेमोरियल अवार्ड (पदक) के साथ 16 स्वर्ण, 16 रजत एवं 16 कांस्य पदक प्रदान किये गए. साथ ही, घटक एवं शैक्षिक स्वायत्तशासी संस्थानों में 6 स्वर्ण, 6 रजत, एवं 6 कांस्य पदक प्रदान किए गए.




यह भी पढ़ें- अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन, पुलिस से हुई नोकझोंक



इन होनहारों के नाम रहे मेडल


इस बार कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की छात्रा राशी माथुर को प्रदान किया गया. श्रीमती कमल रानी वरुण मेमोरियल पदक, एसआर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियिरंग से शीलू गौतम को प्रदान किया गया. विश्वविद्यालय के 19 वें दीक्षांत समारोह में लगभग 53226 उपाधियां विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रदान की गयीं. इनमें बीटेक में 33584, बीफार्म में 6646, बीएचएमसीटी में 210, बीआर्क में 309, बीएफएडी/बीएफए 32, बीडीएस 26, एमबीए/एमबीए-टीएम 10149, एमसीए 2064, एमफार्म में 20, एमटेक में 66, एमआर्क में 38, एमएएम में 8, एमसीएडीडी में 1 एवं पीएचडी में 70 उपाधियां प्रदान की गईं.


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लखनऊ: आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. संजय गोविंद धांडे ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) में छात्रों को सफलता के टिप्स दिए. वह दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यतिथि शिरकत कर रहे थे. उन्होंने छात्रों से कहा कि स्नातक करने वाले छात्र अब लाइफ लॉन्ग लर्निंग के एक नए विश्वविद्यालय में प्रवेश कर रहे हैं, जिसे 3L विश्वविद्यालय कहा जाता है. यह वह जगह है जहां कोई परीक्षा नहीं है, कोई अंक नहीं है, कोई प्रमाण पत्र नहीं है, कोई व्याख्यान नहीं है, कोई व्यावहारिक नहीं है. हालांकि, इस विश्वविद्यालय के सभी छात्र अनुभवों के माध्यम से सीख रहे हैं.


कोविड के बाद तेजी से हो रहे बदलाव


प्रो. संजय गोविंद धांडे ने कहा कि वास्तविक दुनिया एक गतिशील प्रणाली है. कोविड के बाद यह तेजी से बदल रहा है. इस बदलते परिदृश्य में, कुछ कौशल अप्रचलित हो जाते हैं और कुछ कौशल नए हो जाते हैं. अपने दम पर नए कौशल हासिल करना ही वह वास्तविक कौशल है जिसकी आज की दुनिया को आवश्यकता है.

प्रो. धांडे ने कहा कि इस लिहाज से मैं एकलव्य की कहानी को बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं. उसने अपने दम पर तीरंदाजी के सभी कौशल सीखे और हासिल किए. उन्होंने गुरु दक्षिणा के रूप में अपना अंगूठा भी त्याग दिया और कौशल ने अपने पैरों के माध्यम से तीरंदाजी का कौशल हासिल कर लिया. तो, आज हमें ऐसे कई एकलव्य की आवश्यकता है. आप ऐसे व्यक्ति को डिजिटल एकलव्य कह सकते हैं.

AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे
AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे


बता दें कि समारोह सुबह 11:00 बजे शुरू हुआ. विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता की. विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी, कानपुर के पूर्व निदेशक पद्म श्री प्रो एसजी धांडे मंचासीन रहें. इस बार के दीक्षांत समारोह में पहली बार स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में भी मेडल प्रदान किये गए.

AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे
AKTU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए प्रो. धांडे
यह मेडल दिए गए


दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों में से टापर विद्यार्थी को मेडल प्रदान किए गए. सम्बद्ध राजकीय एवं निजी क्षेत्र की संस्थानों में एमटेक एवं एमफार्म में एक–एक स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किये जाएंगे. साथ ही, घटक एवं शैक्षिक स्वायत्तशासी संस्थानों में 8 स्वर्ण, 4 रजत, एवं 04 कांस्य पदक प्रदान किए गए. स्नातक पाठ्यक्रमों में सम्बद्ध राजकीय एवं निजी संस्थानों में एक कुलाधिपति स्वर्ण पदक, एक श्रीमती कमल रानी मेमोरियल अवार्ड (पदक) के साथ 16 स्वर्ण, 16 रजत एवं 16 कांस्य पदक प्रदान किये गए. साथ ही, घटक एवं शैक्षिक स्वायत्तशासी संस्थानों में 6 स्वर्ण, 6 रजत, एवं 6 कांस्य पदक प्रदान किए गए.




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इस बार कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की छात्रा राशी माथुर को प्रदान किया गया. श्रीमती कमल रानी वरुण मेमोरियल पदक, एसआर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियिरंग से शीलू गौतम को प्रदान किया गया. विश्वविद्यालय के 19 वें दीक्षांत समारोह में लगभग 53226 उपाधियां विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रदान की गयीं. इनमें बीटेक में 33584, बीफार्म में 6646, बीएचएमसीटी में 210, बीआर्क में 309, बीएफएडी/बीएफए 32, बीडीएस 26, एमबीए/एमबीए-टीएम 10149, एमसीए 2064, एमफार्म में 20, एमटेक में 66, एमआर्क में 38, एमएएम में 8, एमसीएडीडी में 1 एवं पीएचडी में 70 उपाधियां प्रदान की गईं.


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