लखनऊ : प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की है, लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है. आम मोहल्लों को छोड़िए यहां वीआईपी और विशिष्ट क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बदहाल है. प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री के आवास के आसपास सफाई न होना चिंताजनक है. इसके अलावा दूरदराज के इलाकों को छोड़ दें तो राजधानी में ही कचरा प्रबंधन को आज तक नगर निगम लागू नहीं कर सका है. विशेष सफाई अभियान चलाने का भी यहां कोई असर नहीं है. पूर्व डिप्टी सीएम ने उनके ऐशबाग वार्ड में सफाई न होने पर नगर आयुक्त को पत्र लिखा है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री व सदस्य विधान परिषद डॉ. दिनेश शर्मा ने 21 जुलाई को नगर आयुक्त को यह पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा है कि ऐशबाग वार्ड स्थित हमारे आवास के आसपास सफाई व्यवस्था अत्यंत दयनीय है. मुझे बताया गया है कि सफाईकर्मियों की अत्याधिक कमी के कारण सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है. उन्होंने ऐशबाग वार्ड में उनके आवास के आस-पास सफाई व्यवस्था कराने के लिए पांच सफाई कर्मी तैनात करने की अपेक्षा की है.
बता दें, शहर के दूसरे वार्डों व मोहल्लों की यही स्थिति है. सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं. डोर टू डोर कूड़ा उठान नहीं हो रहा है. इस वजह से शहरभर में जगह-जगह कूड़े के डंपिंग यार्ड बन गए हैं. नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही शहर के लोगों को इस अव्यवसथा से निजात मिलेगी. बारिश के मौसम में शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गली मोहल्लों में कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं. जिससे बीमारी फैलने की आशंका है. समय पर कूड़े की सफाई नहीं होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. नगर निगम के अधिकारी सफाई को लेकर गंभीर नहीं हैं. कूड़े के ढेरों से निकलने वाली बदबू, मच्छर व मक्खियों से बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है. गंदगी की वजह से आसपास के दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है तथा ग्राहक भी दुकानों पर आने से कतराते हैं.
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