लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव सिर पर है. वहीं कांग्रेस के पैरों तले से जमीन ही खिसकती जा रही है. लगातार पार्टी के नेता नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगाकर हाथ का साथ छोड़ रहे हैं. अब पार्टी के पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी (Gayadin Anuragi) ने भी अपने सभी पदों के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे ने एक बार फिर नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा हो गई है कि वाकई अब नेतृत्व अपने नेताओं पर विश्वास ही नहीं कर रहा है. इसीलिए मजबूरी में नेताओं को पार्टी का साथ छोड़ना पड़ रहा है.
गयादीन अनुरागी (Gayadin Anuragi) यूपी में कांग्रेस पार्टी के बड़े चेहरे माने जाते हैं. वह पार्टी के हमीरपुर की राठ विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं और एआईसीसी के सदस्य भी, लेकिन चुनाव से पहले उन्होंने भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को गयादीन अनुरागी ने अपना इस्तीफा भेज दिया है.
अपने इस्तीफे में उन्होंने जिक्र किया है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उच्च पदाधिकारियों की कार्यशैली और निष्क्रियता को देखते हुए अपने आपको पार्टी में काम करने में असहज महसूस कर रहा हूं, इसलिए मैं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी से अपने सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं.
पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि गयादीन अनुरागी पार्टी में वामपंथी विचारधारा वाले लोगों की बढ़ते संख्या से खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि जिस कांग्रेस में थे, उस कांग्रेस में कांग्रेस की विचारधारा नहीं बची. देश की आजादी, गांधी और नेहरू के खिलाफ वाली विचारधारा (वामपंथ) कबूल नहीं.
बता दें कि गयादीन अनुरागी ने साल 2012 में कांग्रेस पार्टी से राठ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर विधायक बने थे. उस समय राठ विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बहुत ही दयनीय थी.
बता दें कि अभी कुछ ही दिन पहले कांग्रेस पार्टी के 100 साल पुराने चौथी पीढ़ी के ब्राह्मण नेता ललितेश पति त्रिपाठी ने भी अपने सभी पदों के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने भी पार्टी नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगाया था. ललितेश से पहले भी तमाम नेता कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर उपेक्षा के साथ ही निष्क्रियता और कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अपना त्यागपत्र दे चुके हैं.
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