बसपा के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को गिरफ्तार कर लिया गया है. भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार पर अभद्र टिप्पणी के मामले में यह कार्रवाई की गई है. दोनों नेताओं ने मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर के साथ अंतरिम जमानत की अर्जी डाली थी. कोर्ट ने अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. नियमित जमानत अर्जी पर कल होगी सुनवाई.
अदालत ने घोषित किया था भगोड़ा
अदालत ने सोमवार को आदेश देते हुए हजरतगंज पुलिस से कहा कि वो आगामी 22 जनवरी को इस निर्देश पर किए गए अमल की रिपोर्ट दे. दोनों आरोपी बार-बार वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं हुए थे. बाद में अदालत ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था.
गौरतलब है कि विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने सोमवार को बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में बीएसपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे. वर्ष 2016 में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के विरुद्ध अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के इस मामले में यह दोनों अभियुक्त अदालत में हाजिर नहीं हो रहे थे, जबकि अदालत ने इससे पहले इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कुर्की की कार्रवाई से पहले की नोटिस भी जारी किया था.
इस मामले में इन दोनों के अलावा बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, अतरह सिंह राव और नौशाद अली भी अभियुक्त हैं. 12 जनवरी 2018 को इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 और पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत भी आरोप पत्र दाखिल किया गया था. मामले की एफआईआर भाजपा नेता की मां ने 22 जुलाई, 2016 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी इस एफआईआर में नसीमुद्दीन, राम अचल राजभर और मेवालाल सहित बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायवाती को भी नामजद किया था.