लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय से एक करोड़ नौ लाख रुपए की जालसाजी के तहत निकासी का मामला सामने आया था. जिसमें यूनिवर्सिटी के कुलपति ने थाना हसनगंज में मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद कई टीमें इस मामले की जांच में जुटी हुई है, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से न तो बैंक के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई है और न ही कोषा विभाग में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों पर जांच की बात हुई है. लेकिन अब लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. विनीत कुमार वर्मा लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रशासन पर ही सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं.
लखनऊ यूनिवर्सिटी के खाते फर्जी तरीके से निकाले गए थे एक करोड़ नौ लाख
हाल ही में लखनऊ यूनिवर्सिटी के खाते से एक करोड़ नौ लाख की फर्जी तरीके से चेक बना कर जालसाजी के तहत निकाले गए थे. जिसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी को यूनिवर्सिटी के खाते से पैसे निकलने की जानकारी मिली थी. लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति एसपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था की फर्जी क्लोज चेक बना कर बैंक से करीब एक करोड़ 9 लाख रुपये निकाले गए हैं. जो कि अलग-अलग चार बैंकों से निकाला गया है. वहीं यह भी बताया यह सिलसिला पिछले करीब 15 महीनों से चल रहा था. बीते 15 महीनों से किसी को भनक तक नहीं लगी कि खाते से पैसा कैसे निकाला जा रहा है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी सवालों के घेरे में
इसी के दौरान पत्रकारों ने यह सवाल किया था लखनऊ विश्वविद्यालय के खाते में पैसों की कमी हुआ करती थी. फिर इतनी बड़ी रकम निकल जाने के बाद आपको आज तक पता क्यों नहीं चला था. इस सवाल पर कुलपति गोल होते हुए दिखाई दिए और तमाम कागजात दिखाते हुए उन्होंने पल्ला झाड़ते नजर आए. जवाब में बताया कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के खाते में करीब 150 करोड़ रुपए जमा है. जिसके चलते छोटी-मोटी रकम निकलने का पता नहीं चलता है. इस वजह से लखनऊ यूनिवर्सिटी एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ी है.
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शिक्षक संघ के महामंत्री ने यूनिवर्सिटी के लोगों पर ही लगाया आरोप
हालांकि इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी हद तक नहीं पहुंच पाई है. वह इस पूरी वारदात पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ महामंत्री डॉ. विनीत वर्मा से बात की तो उन्होंने इस पूरी जालसाजी में यूनिवर्सिटी के लोगों पर ही आरोप लगाया. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसकी जांच उच्च स्तरीय होनी चाहिए. जिससे यह पता चले कि आखिर यूनिवर्सिटी में जालसाज के नेटवर्क कहां तक जुड़े हुए हैं. मांग करते हुए शासन से कहा की यूनिवर्सिटी और जिस बैंक से पैसे निकाले गए हैं उनका हाथ जरूर हो सकता है.
बैंक पर भी दर्ज हो एफआईआर
फिलहाल लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. विनीत वर्मा सीधे तौर पर लखनऊ यूनिवर्सिटी पर आरोप लगाते हुए दिखाई दिए. सीधे शब्दों में उन्होंने कहा अगर फर्जी तरीके से पैसे निकाले गए हैं और बैंक में फर्जी क्लोन लगाकर पैसे की निकासी की गई है, तो कहीं न कहीं बैंक पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी. इतने लंबे समय से पैसे निकलते हुए यूनिवर्सिटी को पता नहीं चला इस लापरवाही के चलते लखनऊ यूनिवर्सिटी के उन लोगों पर भी कार्रवाई और जांच होनी चाहिए. इस घटना में जो लिप्त हो सकते हैं उनके खिलाफ शासन से उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए.