लखनऊ: राजधानी में विदेशी भाषाएं इस समय युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रही हैं. मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ काम करने की चाह छात्रों को भाषा सीखने की ओर आकर्षित कर रही है.
राजधानी स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय छात्रों को कई विदेशी भाषाएं सीखने का मौका देने जा रहा है. विश्वविद्यालय की ओर से तैयार की गई सूची में आगामी शैक्षिक सत्र से फ्रेंच, जर्मन, कोरियन और जैपनीज भाषा में पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया गया है. इतना ही नहीं जल्द ही यहां छात्रों को तुर्की, पाली, प्राकृत जैसी भाषाएं भी पढ़ने को मिलेंगी.
फ्रांस और जर्मनी के दूतावास के साथ एमओयू
विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ. तनु डंग ने बताया कि फ्रांस और जर्मनी के दूतावास से संपर्क किया. उनकी ओर से छात्रों को पाठ्य सामग्री के साथ अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर सहमति बनी है. जल्द ही इस संबंध में एमओयू भी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि भाषाओं के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए फॉरेन फेस्टिवल भी कराने की तैयारी है.
इसे भी पढ़ें-भाषा विश्वविद्यालय में आयोजित की गई कार्य परिषद की बैठक
कोरोना संक्रमण के बाद से बढ़ी डिमांड
भाषा विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर यूरोपियन एंड एशियन स्टडीज की डॉक्टर तनवीर खदीजा कहती हैं कि जैसे-जैसे विदेशी कंपनियां भारत आ रही हैं. युवाओं में भी भाषाओं को सीखने की रुचि बढ़ी है. मल्टीनेशनल कंपनियां आने से ट्रांसलेशन का काम काफी बड़ा है. इन कंपनियों को संवाद स्थापित करने के लिए ऐसे युवाओं की जरूरत है.
लखनऊ विश्वविद्यालय में नहीं है ठीक हालात
लखनऊ विश्वविद्यालय में बीते कई वर्षों से चाइनीज, जर्मन जैसी विदेशी भाषाओं को शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. हर साल दाखिले के समय इन विषयों में आवेदन मांगे जाते हैं, लेकिन आवेदनों की संख्या कम होने के कारण फिलहाल इनका संचालन नहीं हो पा रहा है.