लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. खाद्य विभाग मोटे अनाज की सरकारी खरीद करने वाले किसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रहा है. खाद्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार की है. जिसमें यह प्रस्ताव है कि जो किसान मोटा अनाज, बाजरा, जौ, रागी, कोदो, चना की पैदावार करते हैं, वह लोग मार्केट में बेचते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है. जिसको लेकर अब खाद्य विभाग मोटे अनाज की सरकारी खरीद कराएगा.
दरअसल, मोटे अनाज को बढ़ावा देने के साथ-साथ उससे बनने वाले प्रोडक्ट को भी प्रमोट किया जाएगा. तमाम सरकारी आयोजनों में भी मोटे अनाज से बनने वाले व्यंजनों को परोसने का काम किया जा रहा है. कैबिनेट बैठक से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तर प्रदेश में जो विजिट हुई थी, उसमें भी मंत्रियों के साथ रात्रि भोज का आयोजन किया गया था. इसके साथ ही राजभवन में रात्रि भोज के आयोजन में मोटे अनाज के व्यंजनों को परोसा गया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने तमाम तरह के मोटे अनाज को बढ़ावा देने में उनसे जुड़े किसानों को राहत देने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है.
खाद्य विभाग ने बकायदा एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें यह कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से सरकारी खरीद केंद्रों में धान गेहूं की खरीद कराई जाती है, अब उसी प्रकार मोटे अनाज की मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, मक्का की खरीद कराई जाएगी. एक अक्टूबर से 31 दिसंबर तक यह सरकारी खरीद केंद्रों में कराए जाने की योजना प्रस्तावित की गई है, हालांकि इससे पहले विभाग के इस प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी प्रदान की जाएगी. मंत्री परिषद की बैठक की मंजूरी के बाद ही सरकारी खरीद केंद्रों में मोटे अनाज की खरीद प्रक्रिया शुरू होगी. प्रदेश के खाद्य आयुक्त की तरफ से यह प्रस्ताव तैयार कराया गया है, जिसमें खाद्य विभाग के स्तर पर मोटे अनाज की खरीद के लिए हर स्तर पर तैयारी करने व मोटे अनाज वाले किसानों के पंजीकरण की व्यवस्था भी शुरू करने की दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
ईटीवी भारत ने मोटे अनाज की सरकारी खरीद की प्रक्रिया को लेकर अपर खाद्य आयुक्त (मार्केटिंग) राजीव मिश्रा से बात की. उन्होंने कहा कि 'उच्चाधिकारियों के निर्देश पर विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है कि मोटे अनाज जिनमें ज्वार, बाजरा, मक्का की खरीद कराई जाएगी. इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है. प्रस्ताव तैयार हो चुका है. उच्च स्तर पर मंजूरी मिलने के बाद इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा. फिलहाल जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसके अनुसार 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक मोटे अनाज की सरकारी खरीद कराने की तैयारी की गई है. इसके लिए बाकायदा मोटे अनाज खरीद का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. बाजरा की सरकारी खरीद के लिए 5 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि मक्का 50 हज़ार मीट्रिक टन व ज्वार की खरीद के लिए 30 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए रजिस्ट्रेशन आदि की व्यवस्था शुरू कराई गई है.