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लखनऊ : बाबा साहब की जयंती पर हर साल जुटते हैं लाखों अनुयायी

संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर लोग राजधानी में स्थित बाबा साहब के स्मारक पर पहुंचे. स्मारक में दर्शकों और अनुयायियों के लिए बाबा साहब के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को भित्ति चित्र के जरिए प्रदर्शित किया गया है.

बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंती
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Published : Apr 14, 2019, 6:35 PM IST

लखनऊ : बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो संविधान देश को सौंपा, उसने उन्हें लाखों करोड़ों हिंदुस्तानियों की श्रद्धा का केंद्र बना दिया. लखनऊ में स्थित बाबा साहब का स्मारक भी अनुयायियों के लिए तीर्थ स्थल बन गया है, जहां उनकी जयंती मनाने के लिए बड़ी तादाद में लोग पहुंचे.

लखनऊ : बाबा साहब की जयंती पर हर साल जुटते हैं लाखों अनुयायी.

लखनऊ में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नाम पर बने स्मारक में उनकी विशालकाय प्रतिमा एक कुर्सी पर ठीक उसी तरह विराजमान है, जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की प्रतिमा. उनकी जयंती के मौके पर इसे खूबसूरत फूलों से सजाया गया है, यहां पहुंचने वाले अनुयायी श्रद्धा से उन्हें प्रणाम कर रहे हैं. स्मारक परिसर के मुख्य हिस्से में बाबा साहब के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को भित्ति चित्र के जरिए प्रदर्शित किया गया है. मसलन अध्ययनरत बाबा साहब परिवार के साथ बाबा साहब बौद्ध दीक्षा लेते हुए बाबा साहब और संविधान की प्रति सौंपते हुए बाबा साहब. स्मारक पहुंचे उनके अनुयायी बाबा साहब के प्रति कितने कृतज्ञ हैं कि उन्हें भगवान से भी श्रेष्ठ बता रहे हैं.

विशालकाय अंबेडकर स्मारक परिसर में अन्य भी कई दर्शनीय स्थल हैं. बीते एक साल के दौरान लगभग 8 लाख पर्यटक इस परिसर में बाबा साहब के जीवन दर्शन से रूबरू होने पहुंचे हैं. महापुरुषों की अलग गैलरी है. गाजीपुर से आया पांडे परिवार बाबा साहब की जयंती उत्सव में शामिल होने पहुंचा है और स्मारक की भव्यता से अभिभूत है.

लखनऊ : बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो संविधान देश को सौंपा, उसने उन्हें लाखों करोड़ों हिंदुस्तानियों की श्रद्धा का केंद्र बना दिया. लखनऊ में स्थित बाबा साहब का स्मारक भी अनुयायियों के लिए तीर्थ स्थल बन गया है, जहां उनकी जयंती मनाने के लिए बड़ी तादाद में लोग पहुंचे.

लखनऊ : बाबा साहब की जयंती पर हर साल जुटते हैं लाखों अनुयायी.

लखनऊ में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नाम पर बने स्मारक में उनकी विशालकाय प्रतिमा एक कुर्सी पर ठीक उसी तरह विराजमान है, जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की प्रतिमा. उनकी जयंती के मौके पर इसे खूबसूरत फूलों से सजाया गया है, यहां पहुंचने वाले अनुयायी श्रद्धा से उन्हें प्रणाम कर रहे हैं. स्मारक परिसर के मुख्य हिस्से में बाबा साहब के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को भित्ति चित्र के जरिए प्रदर्शित किया गया है. मसलन अध्ययनरत बाबा साहब परिवार के साथ बाबा साहब बौद्ध दीक्षा लेते हुए बाबा साहब और संविधान की प्रति सौंपते हुए बाबा साहब. स्मारक पहुंचे उनके अनुयायी बाबा साहब के प्रति कितने कृतज्ञ हैं कि उन्हें भगवान से भी श्रेष्ठ बता रहे हैं.

विशालकाय अंबेडकर स्मारक परिसर में अन्य भी कई दर्शनीय स्थल हैं. बीते एक साल के दौरान लगभग 8 लाख पर्यटक इस परिसर में बाबा साहब के जीवन दर्शन से रूबरू होने पहुंचे हैं. महापुरुषों की अलग गैलरी है. गाजीपुर से आया पांडे परिवार बाबा साहब की जयंती उत्सव में शामिल होने पहुंचा है और स्मारक की भव्यता से अभिभूत है.

Intro:लखनऊ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जो संविधान देश को सौंपा उसने उन्हें लाखों करोड़ों हिंदुस्तानियों की श्रद्धा का केंद्र बना दिया है. लखनऊ में स्थित बाबा साहब का स्मारक भी अनुयायियों के लिए तीर्थ स्थल बन गया है जहां उनकी जयंती मनाने के लिए बड़ी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं.


Body:लखनऊ में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर बने स्मारक में उनकी विशालकाय प्रतिमा एक कुर्सी पर ठीक उसी तरह विराजमान है जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की प्रतिमा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. उनकी जयंती के मौके पर इसे खूबसूरत फूलों से सजाया गया है यहां पहुंचने वाले अनुयाई श्रद्धा से उन्हें प्रणाम कर रहे हैं स्मारक परिसर के मुख्य हिस्से में बाबा साहब के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं को भित्ति चित्र के जरिए प्रदर्शित किया गया है मसलन अध्ययनरत बाबा साहब परिवार के साथ बाबा साहब बौद्ध दीक्षा लेते हुए बाबा साहब और संविधान की प्रति सौंपते हुए बाबा साहब. स्मारक पहुंचे उनके अनुयाई बाबा साहब के प्रति कितने कृतज्ञ हैं कि उन्हें भगवान से भी श्रेष्ठ बता रहे हैं.

बाइट/ एसपी गौतम, लखनऊ
अरुण वर्मा, अंबेडकर नगर

विशालकाय अंबेडकर स्मारक परिसर में अन्य भी कई दर्शनीय स्थल हैं . बीते 1 साल के दौरान लगभग 8 लाख पर्यटक इस परिसर में बाबा साहब के जीवन दर्शन से रूबरू होने पहुंचे हैं .महापुरुषों की अलग गैलरी है . गाजीपुर से आया पांडे परिवार बाबा साहब की जयंती उत्सव में शामिल होने पहुंचा है और स्मारक की भव्यता से अभिभूत है.


बाइट ,/ पांडे परिवार, आशीष पांडे /ओम प्रकाश पांडे पिता


Conclusion:पीटीसी अखिलेश तिवारी
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