ETV Bharat / state

कोरोना अब केवल वायरल फ्लू बनकर रह गया है? लखनऊ में फ्लू के मरीज बढ़े

author img

By

Published : Apr 10, 2023, 7:11 AM IST

सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कहा कि लखनऊ में फ्लू के मरीज बढ़ रहे हैं. कोरोना अब केवल वायरल फ्लू बनकर रह गया है.

Etv Bharat
Flu patients increasing in Lucknow लखनऊ में बढ़ रहे फ्लू के मरीज कोरोना अब रह गया है केवल वायरल फ्लू लखनऊ में फ्लू के मरीज Flu patients in Lucknow लखनऊ में फ्लू के मरीज बढ़े

लखनऊ: साल 2019 में कोरोनावायरस ने दस्तक दी इसके बाद साल 2020 में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरी दुनिया को हिला दिया आलम यह था कि कोरोना की दूसरी लहर में हर किसी ने किसी ना किसी अपने को जरूर खोया. 2021 में कोरोना की वैक्सीन आई, स्थिति थोड़ी सी संभली. साल 2022 में कोरोना के भय से बीता. वहीं साल 2023 तक लोगों की इम्यूनिटी इतनी कमजोर हो गई थी. बड़ी ही आसानी से कोई भी वायरल फ्लू किसी को भी अपनी चपेट में ले ले रहा है. यह बात सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कही.

उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस ने इतनी बुरी तरह से सेहत पर असर डाला है कि अब मरीज को आसानी से अन्य बीमारियां भी अपनी चपेट में ले लेती हैं. कमजोर इम्यूनिटी होने पर कब्ज, अपच, एसिडिटी आदि समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही व्यक्ति को पेट में दर्द आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. कोरोना के कारण जल्दी-जल्दी लोगों की तबियत करने खराब होने लगी है. इम्यूनिटी खराब होने के कारण मरीज जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना लगता है और मरीज को कमजोरी काफी ज्यादा हो जाती है. कई बार ऐसे केस में मरीजों का वजन भी कम हो जाता है.

संचारी रोग ने भी बढ़ा दी थी दिक्कतें: केजीएमयू के पलमोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि पहले से ही कोरोनावायरस ने ही मरीजों का जीना मुहाल किया था. उसके बाद संचारी रोग जिसमें डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जोकि अक्टूबर-नवंबर के महीने में तेजी से फैला था और सभी लोग इससे प्रभावित हुए थे. ऐसे में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तो पॉजिटिव नहीं आ रही थी, लेकिन कमजोरी और बदन में दर्द से मरीजों का हाल बेहाल हो गया था.

इस स्थिति में सभी ने अस्पताल जाकर खुद को जरूर दिखाया यहां तक कि बहुत से मरीज को इमरजेंसी में भर्ती भी करना पड़ा था वायरल सीजन में मरीजों को बदन में दर्द कमजोरी हड्डियों में दर्द हड्डियों का सुज जाना जैसी समस्याएं हो रही थी. इससे उभरने में भी मरीजों को महीनों लगे थे. कोरोनावायरस की वजह से मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है. कोरोनावायरस के कारण सभी स्वास्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है.

इन्फ्लूएंजा ने बढ़ाई दिक्कतें: उन्होंने बताया कि संचारी रोग के बाद इनफ्लुएंस एच3एन2 ने भी लोगों को काफी परेशान किया. एक हफ्ते पहले अस्पतालों में ज्यादातर मरीज वायरल बुखार यानी इनफ्लूएंजा से पीड़ित अस्पताल में मरीजों की संख्या रही. उन्होंने कहा कि इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी है. इसके लिए बनेगी सभी लोग अपनी सेहत का ख्याल रखें. अपने खाने-पीने का ध्यान दें. इसके अलावा अपनी दिनचर्या में सुधार लाएंगे, तो सेहत की अच्छी बनी रहेगी. अच्छे खान-पान और अच्छी दिनचर्या से अपनी सेहत का ख्याल रखा जा सकता है. हर कोई स्वस्थ रह सकता है.

ये भी पढ़ें- चुनाव आचार संहिता लागू होते ही लखनऊ नगर निगम ने हटाए अवैध होर्डिंग और बैनर

लखनऊ: साल 2019 में कोरोनावायरस ने दस्तक दी इसके बाद साल 2020 में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरी दुनिया को हिला दिया आलम यह था कि कोरोना की दूसरी लहर में हर किसी ने किसी ना किसी अपने को जरूर खोया. 2021 में कोरोना की वैक्सीन आई, स्थिति थोड़ी सी संभली. साल 2022 में कोरोना के भय से बीता. वहीं साल 2023 तक लोगों की इम्यूनिटी इतनी कमजोर हो गई थी. बड़ी ही आसानी से कोई भी वायरल फ्लू किसी को भी अपनी चपेट में ले ले रहा है. यह बात सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव ने कही.

उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस ने इतनी बुरी तरह से सेहत पर असर डाला है कि अब मरीज को आसानी से अन्य बीमारियां भी अपनी चपेट में ले लेती हैं. कमजोर इम्यूनिटी होने पर कब्ज, अपच, एसिडिटी आदि समस्याएं होने लगती हैं. साथ ही व्यक्ति को पेट में दर्द आदि समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. कोरोना के कारण जल्दी-जल्दी लोगों की तबियत करने खराब होने लगी है. इम्यूनिटी खराब होने के कारण मरीज जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना लगता है और मरीज को कमजोरी काफी ज्यादा हो जाती है. कई बार ऐसे केस में मरीजों का वजन भी कम हो जाता है.

संचारी रोग ने भी बढ़ा दी थी दिक्कतें: केजीएमयू के पलमोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि पहले से ही कोरोनावायरस ने ही मरीजों का जीना मुहाल किया था. उसके बाद संचारी रोग जिसमें डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जोकि अक्टूबर-नवंबर के महीने में तेजी से फैला था और सभी लोग इससे प्रभावित हुए थे. ऐसे में किसी भी मरीज की रिपोर्ट तो पॉजिटिव नहीं आ रही थी, लेकिन कमजोरी और बदन में दर्द से मरीजों का हाल बेहाल हो गया था.

इस स्थिति में सभी ने अस्पताल जाकर खुद को जरूर दिखाया यहां तक कि बहुत से मरीज को इमरजेंसी में भर्ती भी करना पड़ा था वायरल सीजन में मरीजों को बदन में दर्द कमजोरी हड्डियों में दर्द हड्डियों का सुज जाना जैसी समस्याएं हो रही थी. इससे उभरने में भी मरीजों को महीनों लगे थे. कोरोनावायरस की वजह से मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर हुई है. कोरोनावायरस के कारण सभी स्वास्थ पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है.

इन्फ्लूएंजा ने बढ़ाई दिक्कतें: उन्होंने बताया कि संचारी रोग के बाद इनफ्लुएंस एच3एन2 ने भी लोगों को काफी परेशान किया. एक हफ्ते पहले अस्पतालों में ज्यादातर मरीज वायरल बुखार यानी इनफ्लूएंजा से पीड़ित अस्पताल में मरीजों की संख्या रही. उन्होंने कहा कि इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी है. इसके लिए बनेगी सभी लोग अपनी सेहत का ख्याल रखें. अपने खाने-पीने का ध्यान दें. इसके अलावा अपनी दिनचर्या में सुधार लाएंगे, तो सेहत की अच्छी बनी रहेगी. अच्छे खान-पान और अच्छी दिनचर्या से अपनी सेहत का ख्याल रखा जा सकता है. हर कोई स्वस्थ रह सकता है.

ये भी पढ़ें- चुनाव आचार संहिता लागू होते ही लखनऊ नगर निगम ने हटाए अवैध होर्डिंग और बैनर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.