लखनऊ : खेती तो हर किसान करते हैं, लेकिन उस खेती से कैसे अच्छा मुनाफा कमाया जाए, कौन से फूलों की खेती की जाए इसके बारे में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में बताया जा रहा हैं. अगर किसी किसान के पास एक एकड़ जमीन है तो वह फूलों की खेती करके मिनिमम एक लाख रुपये तक कमा सकता है. इससे अधिक की आय फूलों की खेती से हो सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है ड्रीम |
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उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा फ्लोरीकल्चर मिशन संचालित हो रहा है. राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत हजारों किसानों को फूलों की ऑर्गेनिक खेती के गुर सिखाए जा रहे हैं. फ्लोरीकल्चर मिशन फेस 'वन' पूरा हो चुका है इस समय फ्लोरीकल्चर मिशन फेस 'टू' चल रहा है. इस योजना के तहत हजारों किसान फूलों की ऑर्गेनिक खेती के गुण सीख रहे हैं. किस फूल को किस मिट्टी में और किस मौसम में उगाया जा सकता है इसके बारे में भी विस्तृत जानकारी उन्हें दी जाती है समय-समय पर सेमिनार आयोजित होता है जहां पर किसानों को उन्हीं की भाषा में सरल शब्दों में एनबीआरआई के वैज्ञानिक सीखाते हैं. हर साल 10 नवंबर को विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इतना है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण सामाजिक लोगों को भी लाभान्वित कर सके.
एक एकड़ में मिनिमम एक लाख कर सकते हैं अर्न |
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हजारों किसान हो रहे लाभान्वित : डॉ. एके शासनी ने बताया कि इस योजना के तहत हजारों किसान लाभान्वित होते हैं. फ्लोरीकल्चर मिशन के लिए एनबीआरआई को नोडल बनाया गया है. एनबीआरआई से जुड़ने के बाद वैज्ञानिक किसानों तक जाएंगे और किसानों के खेत की मिट्टी का परीक्षण करेंगे. कौन सा पौधा वहां पर हो सकता है. उसके लिए संस्थान किसानों को विस्तृत में जानकारी देंगे. इसके लिए एग्राटेक्नोलॉजी भी किसान को देंगे. इसके अलावा किसान को बाजार में लिंक करवाएंगे. यह सभी व्यवस्थाएं एनबीआरआई किसानों तक पहुंच रही है. जो भी किसान इस मिशन से जुड़ेंगे. वह जरूर लाभान्वित होंगे. उन्होंने बताया कि इससे किसान की बाजार में अच्छी पहचान होगी. किसने की इनकम भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि संस्थान नहीं चाहते हैं कि किसान जो हमेशा से पारंपरिक खेती कर रहे हैं इसको बंद करके यह काम करें. किसानों के पास कोई अन्य खेत हो या कोई खाली जमीन हो जमीन में कुछ नहीं हो रहे हैं उसे जमीन में किसान फूलों की खेती कर सकते हैं. फूलों की खेती से लाभान्वित होंगे. इसमें मेरीगोल्ड, रजनीगंधा, रोज और ज़रवरा फूल किसानों को दिया गया है. जिसकी खेती वह करते हैं. जब किसान फूलों को बेचेंगे तो वह अधिक लाभान्वित होंगे.