लखनऊ : यूपी में बीते कई दिनों से रुक-रुककर लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके कारण कई स्थानों पर जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों की हजारों एकड़ फसल जनमग्न हो गई है.
आफत बनकर बरसी बारिश ने किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी भर जाने से स्थानीय लोगों पर मुशीबत का पहाड़ टूट पड़ा है.
लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी में डूबकर 2 लोगों की मौत
लखीमपुर खीरी जिले में उत्तराखंड के बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण हाहाकार मचा है. बुधवार को बाढ़ के पानी में डूबकर 2 लोगों की मौत हो गई है. जिसमें एक युवक निघासन तहसील के रंडहुआ गांव व दूसरा धौरहरा तहसील क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला था.
इसके अलावा जिले में मिर्जापुर गांव में नाव डूबने से कई लोग पानी में डूब गए. सेना की मदद से पानी में डूबे 16 लोगों को बाहर निकाला गया. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई.
वहीं लखीमपुर खीरी जिले के धौरहरा तहसील के मटेरा गांव में नाव पलटने से 18 लोग डूब गए. डूबे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक 5 से 6 लोगों को ही निकाला गया है.
अमरोहा में बाढ़ ने ढाया कहर
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण अमरोहा जनपद के तिगरी गंगा घाट समेत कई इलाकों में बाढ़ का कहर जारी है.
बाढ़ का पानी लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. गंगा बढ़े जलस्तर के कारण अमरोहा के तिगरी गंगा घाट पर रहने वाले पुरोहितों की झोपड़ियां बह गईं हैं.
अमरोहा समेत अन्य 7 जिलों में बाढ़ आने की आशंका है, जिसको लेकर अमरोहा प्रशासन अलर्ट है. बता दें, कि अमरोहा रामगंगा बांध मंडल कालागढ़ पौडी गढवाल से छोड़े गए पानी के कारण 7 जिलों में बाढ़ आने की आशंका है. जिसमें अमरोहा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद जिले शामिल हैं.
बहराइच में पानी बाढ़ के पानी ने मचाई तबाही
बीते कई दिनों से पहाड़ी व मैदानी इलाको में लगातार हो रही बारिश लोगों के लिए मुशीबत का सबब बनी हुई है. बाढ़ के पानी के कुछ लोग बेघर हो चुके हैं, तो कुछ लोग भूखे-प्यासे अपने-अपने घरों में कैद हैं. नेपाल में पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर भी भारत के सीमावर्ती जिलों में पड़ा है, इसमें बहराइच जिला भी शामिल है.
बहराइच जिले की सीमा से होकर गुजरने वाली गेरुआ, सरयू, कौड़ियाला व घाघरा नदीयां उफान पर हैं. जिसके कारण जिले के कई गांवों में बाढ़ आ गई है. मिली जानकारी के मुताबिक बहराइच जनपद से अब तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 600 लोग पलायन कर चुके हैं. बाढ़ के पानी में कई लोगों की मौत हो चुकी है. जिले के मिहीपुरवा तहसील के गांव चहलवा, बरखड़िया, सुजौली, जंगल गुलरिया चहलवा समेत 40 गांव पानी से घिर गए हैं.
हालत यह है कि राहत-बचाव कार्य में लगी निजी नाव घाघरा नदी में पेड़ से टकराकर पलट गयी. इस हादसे में दो मासूम बाढ़ के पानी में लापता हो गये. कौडियाला नदी में भी एक महिला बह गयी.
मुरादाबाद में बाढ़ सड़के हुईं लवालव
लगातार हो रही बारिश और डैम से पानी छोड़ने की वजह से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ गया. नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगीं. मुरादाबाद जिले के सिहोरावाजे पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया. आसपास के भी कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये. हाइवे से गांव का संपर्क कट गया है. हालत यह है कि गांव वालों तक राहत पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है.
बाढ़ से हालत ऐसी हो गयी है कि गांव में करीब 5 फीट तक बाढ़ का पानी बह रहा है. लोग अपने-अपने घरों की छत पर रहने के लिए मजबूर हो गये हैं. पानी का बहाव इतना तेज है कि गांव के अंदर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है.
रामपुर में बाढ़ के पानी से बंद हुआ NH-24
उत्तराखंड के रामनगर बेराज से छोड़े गए 1 लाख 46 हजार क्यूसेक पानी ने रामपुर जिले में लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लगातार हो रही बारिश और बांध से छोड़े गए पानी के कारण रामपुर जिले में अब तक 55 गांव में बाढ़ का पानी भर गया है.
बाढ़ से निपटने के लिए शासन-प्रशासन ने एनडीआरएफ की 2 और पीएसी एक टीम बचाव कार्य के लिए तैनात की है. बाढ़ के पानी के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-24(NH-24) पर यातायात रुक गया है.
शाहजहांपुर में बाढ़ प्रभावित के लिए जिला प्रशानस ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर