लखनऊ : प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक के प्रदेश में पांच हजार नोटरी अधिवक्ता नियुक्त करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार के न्याय विभाग ने मंजूरी दे दी है. कानून मंत्री पाठक ने इसे लेकर केंद्रीय कानून मंत्री व कानून मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से मुलाकात की और राज्य का पक्ष रखा. उन्होंने नोटरियों के कम पद होने के कारण उत्पन्न कठिनाइयों से अवगत कराया था. इसके बाद यह मंजूरी दी गई है.
कानूनमंत्री बृजेश पाठक ने बताया है कि उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री की अध्यक्षता में न्याय विभाग के केंद्रीय व राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बातचीत की और मामले की पूरी जानकारी दी. केंद्र सरकार ने सहमत होते हुए उत्तर प्रदेश को 5000 नोटरी के अतिरिक्त पद आवंटित करने की अधिसूचना जारी कर दी है. इन पदों में से आधे राज्य सरकार एवं आधे केंद्र सरकार द्वारा भरे जाएंगे.
उल्लेखनीय है कि अभी तक उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में नोटरी के कुल 2625 पद ही थे. इस कारण वादकारियों तथा आम जनता को तमाम प्रकार की विधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. तीन वर्ष पूर्व जब मामला राज्य के कानून मंत्री बृजेश पाठक के सामने आया तो उन्होंने इस समस्या के समाधान का प्रयास शुरू कर दिया था.
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केंद्रीय कानून मंत्री से बार-बार मुलाकात तथा बैठकें करके एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के उच्चाधिकारियों के समक्ष स्वयं व अपने विभागीय अधिकारियों के माध्यम से सरकार का लगातार पक्ष रखते रहे. इसके परिणाम यह रहा है कि भारत सरकार ने राज्य सरकार के पक्ष से सहमत होते हुए प्रदेश को 5000 अतिरिक्त नोटरी के पद आवंटित कर दिए.
इस फैसले के बाद उप्र राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं की लंबे अरसे से चली आ रही कमी भी पूरी हो सकेगी क्योंकि उप्र राज्य में सबसे बड़ी जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ ही बड़ी संख्या में नए न्यायालयों का गठन भी किया गया है. इसके अलावा नये न्यायाधीशों के पदों का भी सृजन किया गया है.
नयी तहसीलें भी बड़ी संख्या में बढ़ी हैं. नए पदों के सृजन में 610 पद सिविल जज जूनियर डिवीजन, 100 पद सिविल जज सीनियर डिवीजन, 100 पद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्तर के, 110 नयी पारिवारिक अदालतें, 218 नये फास्ट ट्रैक पॉक्सो कोर्ट, 100 कोर्ट फास्ट ट्रैक महिलाओं के लिए, 13 नए कामर्शियल कोर्ट व सभी जनपदों में मोटर एक्सीडेन्ट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई. इसमें नोटरी अधिवक्ताअें की काफी कमी हो गयी थी.
जानकारी के अनुसार अधिवक्ता जो नियुक्त होने हैं, उन्हें कम से कम 30 हजार रूपये मासिक लाभ हो सकेगा. इसके अतिरिक्त इन पांच हजार नोटरी अधिवक्ता नियुक्त होने से अप्रत्यक्ष रूप से 5 हजार अतिरिक्त सहायकों के रोजगार के अवसर मिलेंगे. आज कानून मंत्री ने अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर उन्हें निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा आवंटित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए. उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि इसमें कोई लापरवाही न होने पाए.