लखनऊ : केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा, समय पर रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी जांचें होंगी. इसके लिए ट्रॉमा सेंटर में ट्रायज एरिया की जगह पांच मंजिला डायग्नोस्टिक भवन बनेगा. इसमें जांच से लेकर तीमारदारों के खीने-पीने और ठहरने की बेहतरीन व्यवस्था होगी. केजीएमयू प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है.
ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड : ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड हैं. बेड भरने की दिशा में 150 स्ट्रेचर पर मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जाता है. रोजाना 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर आ रहे हैं. गंभीर मरीजों को जांच के लिए सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड समेत पैथोलॉजी लैब आदि की सुविधा मिलती है. यहां एक सीटी स्कैन मशीन है. प्रतिदिन 150 से 200 सीटी स्कैन हो रहे हैं. तीन एक्स-रे मशीन हैं. इन मशीनों से लगभग 200 से अधिक एक्सरे जांच हो रही है. तीन अल्ट्रासाउंड मशीन से 300 से अधिक मरीजों की जांच हो रही है. ट्रॉमा की पैथोलॉजी में तीन सैंपल कलेक्शन सेंटर हैं. जहां रोजाना 300 से 350 सैंपल जमा होते हैं. इनकी जांच होती है. बड़ी संख्या में आने वाले मरीजों के कारण यहां जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, जिससे कई बार मरीजों को दिक्कत भी होती है.
पांच मंजिला होगा भवन : कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि 'मरीजों की सहूलियतों के लिए अलग से डायग्नोस्टिक भवन बनाया जा रहा है. पांच मंजिल का भवन होगा. इसमें दो मंजिल पर रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी जांच की सुविधा होगी. तीसरे तल पर तीमारदारों के खाने-पीने की व्यवस्था होगी. उसके दो तल पर तीमारदारों के ठहरने का इंतजाम होगा. उन्होंने बताया कि जांचें 24 घंटे होंगी. दो सीटी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी. इसके अलावा ट्रॉमा सेंटर को विस्तार दिया जाएगा. 500 बेड का ट्रॉमा-2 भवन बनेगा.'