लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित प्राथमिक विद्यालयों, जिन्होंने इस वर्ष खुद को निपुण विद्यालय के तौर पर घोषित किया है, उनके मानकों की जांच करने के आदेश जारी हुए हैं. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से एक आदेश जारी कर निपुण विद्यालयों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया गया है. यह कमेटी इन विद्यालयों में जाकर स्कूलों की ओर से निपुण योजना के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जो डाटा एप पर अपलोड किया गया है उसकी भौतिक जांचकर रिपोर्ट बनाकर महानिदेशक को प्रस्तुत करेगी. निपुण योजना के तहत देश में साल 2026-27 तक तीसरी कक्षा तक के बच्चों को पढ़ने, लिखने व अंक गणित सीखने की क्षमता को विकसित करना है. इसी योजना के तहत प्रदेश में संचालित प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा तीन तक के बच्चों को दो शब्दों को जोड़कर लिखना, पढ़ना व अंकों का जोड़ना घटाना आना अनिवार्य है.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन विद्यालयों ने खुद को निपुण विद्यालय के तौर पर घोषित किया है. उन विद्यालयों में बच्चों की शैक्षिक योग्यता की जांच करने के लिए 5 सदस्य कमेटी का गठन किया जाएगा. इस पांच सदस्यीय कमेटी में दो डाइट मेंटर व तीन डीएलएड प्रशिक्षु होंगे. यह टीम विद्यालय का निरीक्षण करते हुए निपुण लक्ष्य के सापेक्ष वास्तविक स्थिति की जानकारी लेकर राज्य परियोजना कार्यालय को अगले 10 कार्य दिवस में प्रस्तुत करेगी.
ज्ञात हो कि राज्य परियोजना कार्यालय में आयोजित विभिन्न समीक्षा बैठकों में यह तथ्य संज्ञान में आया है कि प्रदेश के कुछ प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय के तौर पर घोषित किया जा रहा है, जबकि वहां पर जो वास्तविक स्थिति है वह ठीक इसके उलट है. लगातार शिकायत आने के बाद महानिदेशक ने खुद को निपुण विद्यालय घोषित करने वाले विद्यालयों की जांच कराने के लिए टीम का गठन किया है. प्रत्येक जिले में डायट प्राचार्य अपने स्तर से टीम बनाकर इन निपुण विद्यालयों की जांच के लिए भेजेंगे.
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