लखनऊ : राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर अभी भी हाहाकार मचा है. पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से अस्पतालों में भर्ती हजारों मरीजों की जान सांसत में है. गोमतीनगर में शहीद पथ के निकट स्थित टेंडर पाम अस्पताल में गुरुवार को 5 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने 5 मौतों की बात तो स्वीकार की है लेकिन ऑक्सीजन की कमी से मौत होने से इनकार किया है.
सोशल मीडिया पर 11 मौतों की चर्चा
टेंडर पाम अस्पताल में हुई मौतों को लेकर असमंजस की स्थिति है. अस्पताल प्रशासन ने जहां 5 मरीजों की मौत होना स्वीकार की है. वहीं, सोशल मीडिया पर 11 मरीजों की जान जाने की चर्चा है. यहां ऑक्सीजन खत्म होने से एक कोरोना पीड़ित महिला की मौत होने की बात कही जा रही है जबकि 4 अन्य मरीज कोरोना व दूसरी बीमारी से पीड़ित थे. ये सभी मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे.
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तीमारदारों ने किया हंगामा
मरीजों की मौत के बाद तीमारदारों का गुस्सा भड़क उठा. मरीजों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और वसूली का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया. आरोप है कि अस्पताल प्रशासन इलाज के नाम पर मरीजों से दो से तीन लाख रुपये वसूल रहा है. रेमडेसिविर इंजेक्शन भी मंगाए गए. इंजेक्शन मरीज को लगे या नहीं, इसकी कोई जानकारी तीमारदारों से साझा नहीं की जा रही. टेंडर पाम अस्पताल कद्दावर नेता की बेटी का बताया जा रहा है.
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खुद ऑक्सीजन का जुगाड़ कर रहे तीमारदार
अपनों की जान बचाने के लिए तीमारदार ऑक्सीजन का इंतजार कर रहे हैं. अस्पतालों को भरे सिलेंडर दे रहे हैं ताकि अस्पताल में मरीज की देखभाल हो सके. डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य बेड पर भर्ती एक कोरोना मरीज को 24 घंटे में तीन बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है. वहीं, आईसीयू या वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज के इलाज में पांच से सात सिलेंडर खर्च हो रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में सिलेंडर जुटा पाना तीमारदारों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है. अस्पतालों की मांग के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल रही है.