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प्रदेश की 5 सहकारी चीनी मिलों को मिलेगा दक्षता पुरस्कार - cooperative sugar mills of uttar pradesh

यूपी की पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय सहकारी कारखाना संघ द्वारा राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इनमें शाहजहांपुर की पुआया सहकारी चीनी मिल, शाहजहांपुर की तिलहर चीनी मिल, आजमगढ़ की सठियांव चीनी मिल, बागपत की रमाला चीनी मिल और बिजनौर की चीनी मिल का चयन किया गया.

गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी
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Published : Mar 25, 2021, 3:20 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार सहकारी चीनी मिलों के प्रबंधन में सुधार कर उनकी कार्य क्षमता में सुधार करने के साथ-साथ उनका आधुनिकीकरण भी कर रही है. यही कारण है कि कार्य प्रणाली बेहतर प्रबंधन के कारण वर्तमान में प्रदेश में 24 सहकारी चीनी मिले संचालित हैं और पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय सहकारी कारखाना संघ द्वारा राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है.

अपर मुख्य सचिव व गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि पहली बार 2019-20 के लिए प्रदेश की पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. गन्ना आयुक्त ने बताया कि चीनी मिलों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही विद्युत एवं यांत्रिकी ब्रेकडाउन कम करने के लिए शासन स्तर से दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. इन प्रयासों के कारण ही उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है.

इन चीनी मिलों को मिलेगा पुरस्कार
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि जिन पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, उनमें शाहजहांपुर की पुआया सहकारी चीनी मिल, शाहजहांपुर की तिलहर चीनी मिल, आजमगढ़ की सठियांव चीनी मिल व बागपत की रमाला चीनी मिल का चयन किया गया.

लगातार तीसरे वर्ष बिजनौर चीनी मिल रही सर्वोत्तम
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की बिजनौर की चीनी मिल को लगातार तीसरे वर्ष देश की सर्वोत्तम सहकारी चीनी मिल हेतु चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है. यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा और निश्चित रूप से यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है.

बताते चलें कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि प्रदेश सरकार के मंत्री व अधिकारी लगातार बैठक कर गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.

लखनऊ: प्रदेश सरकार सहकारी चीनी मिलों के प्रबंधन में सुधार कर उनकी कार्य क्षमता में सुधार करने के साथ-साथ उनका आधुनिकीकरण भी कर रही है. यही कारण है कि कार्य प्रणाली बेहतर प्रबंधन के कारण वर्तमान में प्रदेश में 24 सहकारी चीनी मिले संचालित हैं और पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय सहकारी कारखाना संघ द्वारा राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है.

अपर मुख्य सचिव व गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि पहली बार 2019-20 के लिए प्रदेश की पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. गन्ना आयुक्त ने बताया कि चीनी मिलों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही विद्युत एवं यांत्रिकी ब्रेकडाउन कम करने के लिए शासन स्तर से दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. इन प्रयासों के कारण ही उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है.

इन चीनी मिलों को मिलेगा पुरस्कार
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि जिन पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, उनमें शाहजहांपुर की पुआया सहकारी चीनी मिल, शाहजहांपुर की तिलहर चीनी मिल, आजमगढ़ की सठियांव चीनी मिल व बागपत की रमाला चीनी मिल का चयन किया गया.

लगातार तीसरे वर्ष बिजनौर चीनी मिल रही सर्वोत्तम
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की बिजनौर की चीनी मिल को लगातार तीसरे वर्ष देश की सर्वोत्तम सहकारी चीनी मिल हेतु चयनित होने का गौरव प्राप्त हुआ है. यह पुरस्कार नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में दिया जाएगा और निश्चित रूप से यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है.

बताते चलें कि प्रदेश सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है. यही कारण है कि प्रदेश सरकार के मंत्री व अधिकारी लगातार बैठक कर गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.

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