लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के संविदा चालक परिचालक बिना बताए ही ड्यूटी से लापता हो रहे हैं. जब उनसे संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है तो संपर्क ही नहीं हो पा रहा है. कंडक्टर के अभाव में बसें रूट पर संचालित होने के बजाय डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं, जिससे यूपीएसआरटीसी को तो नुकसान हो ही रहा है, यात्रियों को भी समय पर बसें न मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लखनऊ परिक्षेत्र के हैदरगढ़ डिपो से ऐसे पांच परिचालक पिछले कई महीनों से गायब हैं. जब ऐसे परिचालकों से रोडवेज प्रशासन की तरफ से नोटिस भेजकर संपर्क करने की कोशिश की गई तो इनका कोई जवाब नहीं मिला. नौकरी ज्वाइन करने के दौरान जो मोबाइल नंबर दर्ज था, उन पर भी संपर्क किया जा रहा है, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है.
हैदरगढ़ डिपो में संविदा पर भर्ती हुए बस कंडक्टर विगत छह माह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी ड्यूटी पर नहीं लौटे. इन संविदा परिचालकों में सुरेश कुमार, राहुल मिश्रा, केशव नाथ तिवारी, गौरव श्रीवास्तव और शम्भूदत्त तिवारी शामिल हैं. नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर हैदरगढ़ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक की तरफ से इन सभी को रोडवेज की लापता श्रेणी में डाल दिया गया है. रोडवेज के संविदा कंडक्टर के अलावा दर्जन भर ड्राइवर भी ऐसे हैं जो बिना बताए ही लापता हैं. ये भी पिछले कई माह से ड्यूटी पर नहीं आए. एआरएम की तरफ से सभी को नोटिस भेजा जा रहा है.
क्या कहते हैं एआरएम : लखनऊ परिक्षेत्र के हैदरगढ़ डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी प्रसाद ने बताया कि 'नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर अब इन बस चालकों की संविदा समाप्त कर दी जाएगी. इसके पहले जमा की गई 10-10 हजार रुपये सिक्योरिटी को जब्त कर ली जाएगी.'