लखनऊ : एनआईए के अनुरोध पर व्यापक पूछताछ के लिए विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने पांच अभियुक्तों को सात दिन की पुलिस कस्टडी डिमांड पर दिए जाने का आदेश दिया है. इन पर प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई (एम) के सदस्य होने का आरोप लगा है. रिमांड अवधि 23 दिसंबर को सुबह दस बजे से प्रारंभ होकर 29 दिसंबर को शाम छह बजे समाप्त होगी.
अदालत के समक्ष आरोपी तारा देवी, लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत एवं विनोद साहनी को 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए एनआईए की ओर से विवेचक नरेंद्र सिंह द्वारा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जिस पर विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह ने तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह मामला 16 अगस्त 2023 को एटीएस लखनऊ द्वारा दर्ज किया गया था, लेकिन मामले की गंभीरता एवं विवेचना कई राज्यों में फैले होने के कारण गृह मंत्रालय द्वारा 9 नवंबर 2023 को मामले की विवेचना एनआईए को हस्तांतरित कर दी गई. उन्होंने अदालत को बताया कि यह मामला प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (एम) के सदस्यों की गिरफ्तारी से संबंधित है, जिनके पास से कई प्रकार के आपत्तिजनक दस्तावेज, हथियार और आयुध तथा नकदी बरामद हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि सभी आरोपियों ने प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा को फैलाने एवं उसमें नए सदस्यों को जोड़कर भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने की तैयारी करने जैसा अपराध किया है.
अदालत को बताया गया कि अभियुक्त एवं उनके नक्सली सदस्यों ने कई गुप्त ठिकाने बना रखे हैं, जहां पर वह मीटिंग करते थे एवं आपत्तिजनक दस्तावेजों का संग्रह करते थे, उन दस्तावेजों को बरामद करने के अलावा ठिकानों की भी पहचान करना है. इसके अलावा अभियुक्त एवं उनके साथियों ने जंगल में हथियार छिपा रखे हैं. जिनकी पहचान करना है तथा उन ट्रेनिंग सेंटरों को भी देखना है जो कि जंगल में स्थित है. अदालत को यह भी बताया गया कि अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त करनी है.