ETV Bharat / state

लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में आग बुझाने के उपकरण बने शोपीस - लखनऊ न्यूज

रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन यंत्र लगाए गए, लेकिन उसे चलाने की ट्रेनिंग किसी को नहीं दी गई. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों की जान को खतरा हो सकता है.

आग बुझाने के उपकरण बने शोपीस.
author img

By

Published : Jun 16, 2019, 1:01 PM IST

लखनऊ: पिछले महीने गुजरात के सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से करीब 20 लोगों की जान चली गई थी. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी जिम्मेदार इससे सबक नहीं ले रहे. ऐसा ही एक वाकया राजधानी के रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में देखने को मिला. अस्पताल में अगर आग लगने की घटना हुई तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.

आग बुझाने के उपकरण बने शोपीस.
  • अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1200 से 1300 मरीज आते हैं.
  • 110 बेड के इस अस्पताल में रोजाना मरीज भर्ती होते हैं.
  • अस्पताल परिसर में करीब 16 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं.
  • इन यंत्रों पर कुछ पर तो तारीख पड़ी है और कुछ पर गायब है.
  • इस उपकरण को चलाने के लिए किसी को ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है.
  • अगर अस्पताल में आग जैसी कोई घटना होती है तो यह उपकरण शोपीस साबित होंगे.
  • चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. आरके चौधरी ने मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

लखनऊ: पिछले महीने गुजरात के सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से करीब 20 लोगों की जान चली गई थी. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी जिम्मेदार इससे सबक नहीं ले रहे. ऐसा ही एक वाकया राजधानी के रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में देखने को मिला. अस्पताल में अगर आग लगने की घटना हुई तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.

आग बुझाने के उपकरण बने शोपीस.
  • अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1200 से 1300 मरीज आते हैं.
  • 110 बेड के इस अस्पताल में रोजाना मरीज भर्ती होते हैं.
  • अस्पताल परिसर में करीब 16 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं.
  • इन यंत्रों पर कुछ पर तो तारीख पड़ी है और कुछ पर गायब है.
  • इस उपकरण को चलाने के लिए किसी को ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है.
  • अगर अस्पताल में आग जैसी कोई घटना होती है तो यह उपकरण शोपीस साबित होंगे.
  • चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. आरके चौधरी ने मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
Intro:अगर लगी आग तो खतरे में पड़ जाएंगी कई जानें

रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में आग बुझाने के उपकरण बने शोपीस

लखनऊ। पिछले महीने गुजरात के सूरत में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से करीब 20 लोगों की जान चली गई थी। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद जिम्मेदारों की कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है। स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसा ही एक वाकया राजधानी के रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में देखने को मिला। अस्पताल में अगर आग लगने की घटना हुई तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।


Body:जी हां हम बात कर रहे हैं राजधानी के राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मी बाई चिकित्सालय की। इस अस्पताल में रोजाना करीब 12 से 1300 मरीज रोजाना ओपीडी में दिखाने आते हैं। 110 बेड के इस अस्पताल में रोजाना मरीज भर्ती होते हैं। अस्पताल परिसर में करीब 16 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं। इन यंत्रों पर कुछ पर तो तारीख पड़ी है और कुछ पर गायब है। सूत्रों की माने तो इस उपकरण को चलाने के लिए किसी को ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है। ऐसे में अगर अस्पताल में आप जैसी कोई घटना होती है तो यह उपकरण शोपीस ही साबित होंगे और कइयों की जान खतरे में पड़ सकती है।

इस मामले पर चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. आर के चौधरी से जब बात की गई तो उन्होंने साफ कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।


Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
8318787082
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.