लखनऊ: पिछले महीने गुजरात के सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से करीब 20 लोगों की जान चली गई थी. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी जिम्मेदार इससे सबक नहीं ले रहे. ऐसा ही एक वाकया राजधानी के रानी लक्ष्मीबाई चिकित्सालय में देखने को मिला. अस्पताल में अगर आग लगने की घटना हुई तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.
- अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1200 से 1300 मरीज आते हैं.
- 110 बेड के इस अस्पताल में रोजाना मरीज भर्ती होते हैं.
- अस्पताल परिसर में करीब 16 अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं.
- इन यंत्रों पर कुछ पर तो तारीख पड़ी है और कुछ पर गायब है.
- इस उपकरण को चलाने के लिए किसी को ट्रेनिंग भी नहीं दी गई है.
- अगर अस्पताल में आग जैसी कोई घटना होती है तो यह उपकरण शोपीस साबित होंगे.
- चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. आरके चौधरी ने मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया.