लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महोबा के एसपी मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड करने के बाद उनके खिलाफ कोतवाली नगर, महोबा में धारा 7/13 (भ्रष्टाचार अधिनियम) और आईपीसी की धारा 384 (जबरन वसूली) के आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज कराई है. बुधवार को भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार को निलंबित करते हुए मुख्यालय में अटैच किया था. वहीं, गुरुवार को डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के निर्देशों पर महोबा में एफआईआर दर्ज की गई है.
8 सितंबर मंगलवार को महोबा में विस्फोटक के व्यवसायी इंद्रमणि त्रिपाठी को गोली मार दी गई थी. इंद्रमणि त्रिपाठी ने पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी कि उनसे एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार 6,00,000 रुपये महीना वसूली कर रहे हैं और न देने पर जान से मारने की धमकी दी है. इसको लेकर पीड़ित ने एक वीडियो भी जारी किया था. पीड़ित को गोली मारे जाने की घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई करते हुए पाटीदार को सस्पेंड कर दिया. उन्हें डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया था. वहीं अब डीआईजी की जांच रिपोर्ट के बाद डीजीपी ने मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
डीआईजी की रिपोर्ट में मणिलाल पाटीदार को लेकर कई खुलासे हुए हैं. डीआईजी की रिपोर्ट में यह बात निकल के सामने आई है कि पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ के प्रोजेक्ट मैनेजर अमित तिवारी को सिपाही राजकुमार कश्यप ने फोन करके एसपी से मिलने के लिए बुलाया था. उनका मोबाइल जब्त कर एसपी से भेंट कराई गई. रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि भेंट के बाद पैसे न देने पर पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ की गाड़ियों की चेकिंग की गई और दस्तावेज होने पर भी उनका चालान व सीज करने की कार्रवाई की गई.
पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर मिट्टी का काम करती है. नीतीश पांडे डायरेक्टर पीपी पांडे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ के प्रार्थना पत्र में अंकित आरोपों के तहत तत्कालीन पुलिस अधीक्षक महोबा मणिलाल पाटीदार, तात्कालिक निरीक्षक चरखारी राकेश कुमार सरोज, तात्कालिक एसओ खरेला राजू सिंह के खिलाफ नगर कोतवाली, महोबा में एफआईआर दर्ज की गई है.