लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां को शत्रु संपत्तियों पर कब्जा करने में मदद करने के आरोप में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर अहमद फारुकी के खिलाफ रामपुर में पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर ली है. भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना ने यह मामला जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया था. उनकी लगातार पैरवी के बाद दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
रामपुर के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की है. आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 447, 409, 201, 120 बी और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है.
शिकायतकर्ता अल्लामा जमीर नकवी है, जो ठाकुरगंज लखनऊ के निवासी है. दर्ज एफआईआर के अनुसार आरोपितों में मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फातिमा, बेटा अब्दुल्लाह आजम, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी, मजहर अली खान, सैयद गुलामुस सैयदेन, रहमत हुसैन जैदी, मुतवल्ली मसूद खान, जुफर फारुकी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के नाम शामिल हैं.
शिकायत में बताया गया है कि रामपुर में 250 बीघा शत्रु संपत्ति पर इन लोगों ने फर्जीवाड़ा कर कब्जा कर लिया. दस्तावेज में हेराफेरी की गई और शिया व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में मदद की है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता आकाश सक्सेना ने बताया कि 1943 के फर्जी वसीयतनामा के जरिए दोनों अध्यक्षों ने समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे आजम खां को 250 बीघा शत्रु संपत्ति पर कब्जा दिलाने में मदद की है. इस मामले में उन्होंने पूरे दस्तावेज रामपुर जिला पुलिस को मुहैया कराए हैं, जिसके आधार पर रामपुर के थाना अजीम नगर में प्राथमिकी दर्ज की गई है.