लखनऊ: कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक पर लखनऊ में गंभीर धाराओं के तहत रविवार को FIR दर्ज की गई. विनय पाठक एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय, भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं.
प्रोफेसर विनय पाठक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर (FIR against Professor Vinay Pathak in Lucknow) दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता डेविड मारियो ने प्रोफेसर विनय पाठक सहित XLICY के मालिक अजय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. शिकायतकर्ता ने बताया कि किस तरह से विश्वविद्यालय का काम करने के बदले होने वाले भुगतान के लिए उनसे विनय पाठक की ओर से 15 प्रतिशत कमीशन मांगा गया. वहीं, जब कमीशन नहीं दिया गया तो, उन्हें अजय मिश्रा की ओर से जान से मारने की धमकी दी गई.
एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कहा है कि तात्कालिक कुलपति भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा विनय पाठक से जब विश्वविद्यालय में परीक्षा के लिए किए गए कार्य के बदले में भुगतान करने के लिए कहा गया, तो उनके द्वारा 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की गई. असमर्थता जताने पर विनय पाठक ने उन्हें काम नहीं करने देने की धमकी दी, जिसके बाद शिकायतकर्ता को मजबूरन कमीशन देना पड़ा.
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प्रोफेसर विनय पाठक Professor (Vinay Pathak accused of corruption) ने भुगतान होने के बाद कमीशन का 33 लाख रुपया अजय मिश्रा के लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचाने के लिए कहा था, जहां पर अजय मिश्रा द्वारा 30 लाख रूपये पहुंचाए गए थे. जिसके बाद अजय मिश्रा ने उन्हें बंधक बना लिया और शिकायतकर्ता से भुगतान का 30 लाख और पहुंचाने के लिए कहा गया. पैसा न होने की बात कहते हुए अजय मिश्रा ने बाद में पैसे देने की बात कही. इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए शिकायतकर्ता ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
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