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KMC विश्वविद्यालय में शुरू होंगे कई विदेशी भाषा के कोर्स

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Published : Jan 28, 2021, 5:49 AM IST

राजधानी लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिक्षण कल्याण कोष का गठन किया जाएगा. इसका फैसला वित्त समिति एवं विद्या परिषद की हुई बैठक में लिया गया.

केएमसी विश्वविद्यालय में हुई वित्त समिति की बैठक  .
केएमसी विश्वविद्यालय में हुई वित्त समिति की बैठक .

लखनऊ: राजधानी लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिक्षक कल्याण कोष का गठन किया जाएगा. इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी प्रो. सैयद हैदर अली डीन स्टूडेंट वेलफेयर को दी गई है. इसका फैसला बुधवार को विश्वविद्यालय में हुई वित्त समिति एवं विद्या परिषद की बैठक में लिया गया.

बैठक में गरीब छात्र फंड को भी क्रियान्वित करने का फैसला लिया गया, जिससे कि गरीब परिवेश से आ रहे विद्यार्थियों की सहायता की जा सके. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्य कर रहे कार्मिकों के वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. विद्या परिषद की बैठक में सभी संकायाध्यक्षों के अलावा प्रो. सोमेश शुक्ला, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो. मोहम्मद सगीर बेग अफराहिम उर्दू विभाग, अलीगढ़ विश्वविद्यालय एवं प्रो. मोहम्मद शफी अहमद कश्मीर विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया.

बैठक में कुल 40 बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय में चल रहे सभी पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के अनुसार बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सभी संकायों को इस पर शीघ्र काम करना चाहिए. उन्होंने नई शिक्षा नीति पर एक वाइट पेपर तैयार करने का भी सुझाव दिया और इसकी जिम्मेदारी प्रो. एसएस अशर्फी विभागाध्यक्ष उर्दू विभाग को दी गई है.

गिरी संस्थान के साथ हुआ समझौता होगा रद्द

बैठक में शोधार्थियों को पूर्णकालिक रूप में ही पीएचडी करने की अनिवार्यता का निर्णय लिया गया. वहीं छात्रहित में शोध के लिए गिरी संस्थान के साथ हुए समझौते को निरस्त करने का फैसला किया गया. कुलपति ने इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए ब्रिज कोर्स तैयार करने की सलाह दी. बैठक में विश्वविद्यालय की सभी स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है, जो इन कार्यक्रमों का संयोजन करेगी.

कई विदेशी भाषाओं के कोर्स होंगे शुरू

बैठक में अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रस्तावित फ्रेंच, जर्मन, कोरियन व जैपनीज भाषा के पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. इसके साथ ही M.Ed व अर्थशास्त्र में परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की भी मंजूरी दी गई. विदेशी भाषाओं की ओर विद्यार्थियों का रुझान बढ़ाने के लिए कुलपति प्रो. पाठक ने विश्वविद्यालय में फॉरेन फिल्म फेस्टिवल के आयोजन का सुझाव दिया है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिक्षक कल्याण कोष का गठन किया जाएगा. इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी प्रो. सैयद हैदर अली डीन स्टूडेंट वेलफेयर को दी गई है. इसका फैसला बुधवार को विश्वविद्यालय में हुई वित्त समिति एवं विद्या परिषद की बैठक में लिया गया.

बैठक में गरीब छात्र फंड को भी क्रियान्वित करने का फैसला लिया गया, जिससे कि गरीब परिवेश से आ रहे विद्यार्थियों की सहायता की जा सके. इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्य कर रहे कार्मिकों के वेतन में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है. विद्या परिषद की बैठक में सभी संकायाध्यक्षों के अलावा प्रो. सोमेश शुक्ला, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो. मोहम्मद सगीर बेग अफराहिम उर्दू विभाग, अलीगढ़ विश्वविद्यालय एवं प्रो. मोहम्मद शफी अहमद कश्मीर विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया.

बैठक में कुल 40 बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया. बैठक में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने मुख्य रूप से इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय में चल रहे सभी पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के अनुसार बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सभी संकायों को इस पर शीघ्र काम करना चाहिए. उन्होंने नई शिक्षा नीति पर एक वाइट पेपर तैयार करने का भी सुझाव दिया और इसकी जिम्मेदारी प्रो. एसएस अशर्फी विभागाध्यक्ष उर्दू विभाग को दी गई है.

गिरी संस्थान के साथ हुआ समझौता होगा रद्द

बैठक में शोधार्थियों को पूर्णकालिक रूप में ही पीएचडी करने की अनिवार्यता का निर्णय लिया गया. वहीं छात्रहित में शोध के लिए गिरी संस्थान के साथ हुए समझौते को निरस्त करने का फैसला किया गया. कुलपति ने इंटरडिसिप्लिनरी लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए ब्रिज कोर्स तैयार करने की सलाह दी. बैठक में विश्वविद्यालय की सभी स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है, जो इन कार्यक्रमों का संयोजन करेगी.

कई विदेशी भाषाओं के कोर्स होंगे शुरू

बैठक में अंग्रेजी विभाग द्वारा प्रस्तावित फ्रेंच, जर्मन, कोरियन व जैपनीज भाषा के पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. इसके साथ ही M.Ed व अर्थशास्त्र में परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की भी मंजूरी दी गई. विदेशी भाषाओं की ओर विद्यार्थियों का रुझान बढ़ाने के लिए कुलपति प्रो. पाठक ने विश्वविद्यालय में फॉरेन फिल्म फेस्टिवल के आयोजन का सुझाव दिया है.

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