लखनऊ. हिंदुस्तान में शिल्प की सबसे खूबसूरत इमारतों में यूपी का विधानभवन भी शामिल है. इसकी नींव 15 दिसंबर 1922 को रखी गई थी. ये इमारत कई ऐतिहासिक मौकों की गवाह भी बनी. विधानभवन न केवल राजनीतिक उद्देश्य से खास है बल्कि कई ऐसे चीजें हैं जो इस इमारत को सबसे अलग बनाती हैं.
आइए आज हम आपको बताएंगे इस बेमिसाल इमारत की कुछ खास बातें..
डोंगरी मार्बल : विधानभवन की फर्श के लिए डोंगरी मार्बल का प्रयोग किया गया है. कहा जाता है कि ये पत्थर जितना पुराना होता है, इसकी चमक उतनी ही बढ़ती जाती है. आज भी ये पत्थर विधान भवन की शोभा में चार चांद लगाते हैं.
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पेंटिंग : विधानभवन में कई ऐसी जगहें हैं जहां सुंदर-सुंदर पेंटिंग्स लगी हुईं हैं. जो विजिटर्स को आकर्षित करतीं हैं. इन पेंटिंग्स की खासियत यह है कि ये लकड़ी पर ऑयल पेंट से तैयार की गईं हैं जो कि विधानसभा मंडप की ओर जाने वाली सीढ़ियों के किनारे लगाई गईं हैं.
मुख्य द्वार: विधान भवन के मुख्य द्वार भी अपने आप में अलग पहचान रखता है. गेट करीब 14 फीट ऊंचा है. इसकी खासियत यह है कि द्वार के एक पल्ले में शीशम की एक ही लकड़ी का इस्तेमाल हुआ है. 1922 से आज तक इस लकड़ी को बदला नहीं गया जबकि यह दरवाजा अब भी नया जैसा लगता है.
संगमरमर की सीढ़ियां: बताया जाता है कि भवन में अनेकों हॉल हैं और इन सभी की दीवारों में जयपुर और आगरा से लाए गए पत्थरों का प्रयोग किया गया हैं. वहीं, भवन के ऊपरी मंजिल में जाने के लिए संगमरमर की गोलाकार सीढ़ियां बनाई गईं हैं.
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