लखनऊः सूबे में साइबर जालसाज किस कदर सक्रिय हैं, इस वाकये से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गुरुवार को साइबर ठगों ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को ही निशाने पर ले लिया है. साइबर ठगों ने यूपी के पूर्व डीजीपी को बैंक कर्मी बनकर फोन किया और एटीएम ब्लॉक करने का झांसा देकर बैंक डिटेल मांगा. हालांकि पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह जालसाजों की हरकत समझ गए और उसको फटकार लगाई. लेकिन जालसाज ठरा नहीं वे करीब 50 सेकेण्ड तक उन्हें बैंककर्मी होने का भरोसा दिलाता रहा. इसके बाद कॉल को काट दिया. पूर्व डीजीपी ने गोमतीनगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.
इंस्पेक्टर राजेश कुमार द्विवेदी के मुताबिक पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह गोमतीनगर क्षेत्र स्थित एक अपार्टमेंट में रहते हैं. उनके पास एक शख्स ने अनजान नंबर से कॉल किया. पूर्व डीजीपी को एटीएम ब्लॉक होने का झांसा दिया और कहा कि अगर आप अपना एटीएम चालू रखना चाहते हैं तो उन्हें बैंक डिटेल की जानकारी बतानी होगी. सुलखान सिंह देश के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के मुखिया रह चुके हैं. उन्होंने तुरंत भांप लिया कि ये कोई बैंककर्मी नहीं, बल्कि एक साइबर ठग है. सुलखान सिंह ने फोन पर ही ठग को खूब फटकार लगाई. लेकिन ठग भी उनकी फटकार से डरा नहीं. वह अपने को बैंककर्मी साबित करने में लगा हुआ था. जब उसे लगा कि यहां दाल नहीं गलने वाली तो करीब 50 सेकेण्ड बाद कॉल काट दी. आरोपी साइबर ठग के खिलाफ पूर्व डीजीपी ने गोमतीनगर विस्तार थाना में मुकदमा दर्ज कराया है.
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पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा है कि अगर सत्पापन के बाद ही ग्राहक को सिमकार्ड दिया जाए तो काफी हद तक साइबर ठगी के मामलों में कमी आ सकती है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. अगर आपके पास भी कोई कॉल आता है तो सावधान हो जाएं, क्यों कि आपकी जानकारी लेकर साइबर ठग आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं.