ETV Bharat / state

पीपीपी माॅडल पर बन रहे 14 मेडिकल कॉलेज में फर्नीचर और उपकरण खरीद के भुगतान पर रोक, आदेश जारी

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 12:35 PM IST

यूपी में पीपीपी माॅडल पर बनने वाले 14 मेडिकल काॅलेज में उपकरण और फर्नीचर की खरीद मामले में भुगतान पर रोक लगा दी गई है. सभी बनने वाले मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य को पत्र जारी किया गया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल पर बनने वाले 14 मेडिकल कॉलेज में उपकरण और फर्नीचर की खरीद मामले में भुगतान पर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने रोक लगा दी है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार द्वारा हाइट्स नाम की एजेंसी को खरीद के लिए नामित किया गया था. इस मामले सामने आया था कि बिना कैबिनेट अप्रूवल 462 करोड़ का ठेका दिया जा रहा था. सभी नए बनने वाले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र जारी किया गया है. 50 प्रतिशत एडवांस भुगतान पर उच्च स्तरीय जांच के कारण रोक लगा दी गई है.

आदेश
आदेश

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह की ओर से इस संबंध में आदेश किया गया है. अपने आदेश में उन्होंने कहा है कि 14 मेडिकल काॅलेजों के प्रथम एलओपी और फेज-2 के 9 मेडिकल कालेजों के द्वितीय एलओपी के लिए उपकरणों और फर्नीचर खरीद एवं आपूर्ति के लिए भारत सरकार की संस्था हाईट्स के माध्यम से किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है. जिसको लेकर हाईट्स द्वारा उपकरणों व फर्नीचरों की खरीद को लेकर हाईट्स को 50 प्रतिशत भुगतान के लिए कहा गया था. अब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के दृष्टिगत हाईट्स को अग्रिम धनराशि का भुगतान अग्रिम आदेशों तक स्थगित रहेगी. इन निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से करना सुनिश्चित किया जाएगा.

इसके सार्वजनिक होने के बाद उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने नाराजगी व्यक्त की थी. माना जा रहा था कि करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के साथ भुगतान का खेल होने जा रहा था. मामला सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने भी इस संबंध में सरकार को आड़े हाथों लिया था. इसके बाद में इतना बड़ा भुगतान बिना कैबिनेट अप्रूवल और सक्षम स्तर से आदेश न होने के बावजूद 50% के अग्रिम भुगतान के संबंध में घोटाले के आशंका को देखते हुए सरकार ने भुगतान पर रोक लगा दी है.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज मंडी परिषद में अफसरों-बाबुओं ने किया खेल, ढाई करोड़ के घोटाले में चार पर मुकदमा

यह भी पढ़ें : मेडिकल उपकरण के लिए लोहिया संस्थान को मिली मंजूरी, बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसले

लखनऊ : प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल पर बनने वाले 14 मेडिकल कॉलेज में उपकरण और फर्नीचर की खरीद मामले में भुगतान पर चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने रोक लगा दी है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार द्वारा हाइट्स नाम की एजेंसी को खरीद के लिए नामित किया गया था. इस मामले सामने आया था कि बिना कैबिनेट अप्रूवल 462 करोड़ का ठेका दिया जा रहा था. सभी नए बनने वाले मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र जारी किया गया है. 50 प्रतिशत एडवांस भुगतान पर उच्च स्तरीय जांच के कारण रोक लगा दी गई है.

आदेश
आदेश

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह की ओर से इस संबंध में आदेश किया गया है. अपने आदेश में उन्होंने कहा है कि 14 मेडिकल काॅलेजों के प्रथम एलओपी और फेज-2 के 9 मेडिकल कालेजों के द्वितीय एलओपी के लिए उपकरणों और फर्नीचर खरीद एवं आपूर्ति के लिए भारत सरकार की संस्था हाईट्स के माध्यम से किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है. जिसको लेकर हाईट्स द्वारा उपकरणों व फर्नीचरों की खरीद को लेकर हाईट्स को 50 प्रतिशत भुगतान के लिए कहा गया था. अब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के दृष्टिगत हाईट्स को अग्रिम धनराशि का भुगतान अग्रिम आदेशों तक स्थगित रहेगी. इन निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से करना सुनिश्चित किया जाएगा.

इसके सार्वजनिक होने के बाद उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने नाराजगी व्यक्त की थी. माना जा रहा था कि करोड़ों रुपये की गड़बड़ी के साथ भुगतान का खेल होने जा रहा था. मामला सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने भी इस संबंध में सरकार को आड़े हाथों लिया था. इसके बाद में इतना बड़ा भुगतान बिना कैबिनेट अप्रूवल और सक्षम स्तर से आदेश न होने के बावजूद 50% के अग्रिम भुगतान के संबंध में घोटाले के आशंका को देखते हुए सरकार ने भुगतान पर रोक लगा दी है.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज मंडी परिषद में अफसरों-बाबुओं ने किया खेल, ढाई करोड़ के घोटाले में चार पर मुकदमा

यह भी पढ़ें : मेडिकल उपकरण के लिए लोहिया संस्थान को मिली मंजूरी, बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसले

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.