ETV Bharat / state

यूपी के पॉलिटेक्निक कॉलेजों के सूची से हजारों छात्र 'गायब' - fault in data feeding

उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में छात्रों की डाटा फीडिंग में गड़बड़ी सामने आई है. एक साल तक पॉलिटेक्निक में पढ़ाई कर चुके कई छात्र-छात्राओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं.

यूपी के पॉलिटेक्निक कॉलेज
यूपी के पॉलिटेक्निक कॉलेज
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 10:16 AM IST

Updated : Aug 3, 2021, 6:04 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राएं गायब हो गए हैं. यह सुनने में अटपटा जरूर है लेकिन सच है. यह सारी गड़बड़ी छात्रों की डाटा फीडिंग में की गई है. एक साल तक पॉलिटेक्निक में पढ़ाई कर चुके कई छात्र-छात्राओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं.

कई ऐसे बच्चे भी है, जिनके माता-पिता के नाम से लेकर दूसरी आवश्यक सूचनाओं को गलत कर दिया गया है. जिम्मेदारों के स्तर पर हुई इस लापरवाही के चलते इन हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लग गया है. अगर जल्दी विभाग की स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं को परीक्षाओं से भी वंचित होना पड़ सकता है.

यूपी के पॉलिटेक्निक कॉलेजों के सूची से हजारों छात्र 'गायब'



उत्तर प्रदेश में पॉलिटेक्निक संस्थानों की संख्या करीब 1417 है. इनमें दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. 1417 में 1247 निजी पॉलिटेक्निक संस्थान हैं. प्राविधिक शिक्षा परिषद की देखरेख में इन संस्थानों में विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है. अभी तक इन निजी संस्थानों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा ( पॉलिटेक्निक) के माध्यम से दाखिले लिए जाते थे.

शिकायती पत्र
शिकायती पत्र

यहां से दा खेलों से जुड़े आंकड़ों को बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन यानी BTE को भेज दिए जाते थे. बीटीई इसके हिसाब से छात्रों की परीक्षाएं करता था. अब इस प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है. शासन के स्तर पर यूराइज पोर्टल की व्यवस्था की गई है. अब, दाखिला लेने वाले हर छात्र का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज कराना अनिवार्य. जब से इस पोर्टल पर डाटा फीडिंग का काम शुरू हुआ है तभी से छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.

डाटा फीडिंग का काम निजी संस्था देख रही है
डाटा फीडिंग का काम निजी संस्था देख रही है
इस तरह के मामले आ रहे सामने

प्रयागराज के एक कॉलेज में फार्मेसी में 65 दाखिले लिए हैं. कॉलेज संचालक की मानें तो उन्होंने अपने स्तर पर सभी 65 छात्र-छात्राओं का ब्यौरा ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया था, लेकिन यूराइस पोर्टल में सिर्फ 41 की जानकारी ही उपलब्ध है. उन्होंने इसके संबंध में बीटीई में आपत्ति दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया.

इसे भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेज में ओबीसी को 27 % और सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को 10 % आरक्षण


गढ़मुक्तेश्वर के एक फार्मेसी कॉलेज की तरफ से सचिव प्राविधिक शिक्षा को लिखित शिकायत दी गई है. इस शिकायत के मुताबिक उनके कॉलेज के छात्र राजू विश्वास के नाम पर परीक्षा फॉर्म भरा जा चुका है, लेकिन 20 वर्ष राजू विश्वास के स्थान पर सरताज का नाम दिख रहा है. सरताज का नाम किसी और पंजीकरण संख्या पर होना चाहिए था. सरताज कि नामांकन संख्या पर छात्र रियासत अली का नाम दिख रहा है. उनकी शिकायत में स्पष्ट लिखा है कि इस सूची में रियासत अली का नाम दो जगह हो गया है.


जिम्मेदारों ने भी खड़े किए हाथ


यह दो मामले से बानगी भर है. इस तरह की तमाम शिकायतें लगातार बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन में सामने आ रही है. जानकारों की मानें तो यह सारी गड़बड़ियां यूराइस पोर्टल पर डाटा फीडिंग के दौरान हुई है. इस पोर्टल का सारा काम निजी संस्था देख रही है. यह सारी व्यवस्था शासन के स्तर पर की गई है इसलिए अधिकारी कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है. ऐसे में कॉलेजों के स्तर पर आने वाली शिकायतों को लेकर बीटीई के अधिकारियों ने भी हाथ खड़े करना शुरू कर दिया है. प्राविधिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष विद्यासागर गुप्ता ने स्वीकार किया कि इस यूराइस पोर्टल पर गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायतें तो आई है लेकिन उनके स्तर पर कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर कोई लिखित शिकायत प्राप्त होती है तो उसके आधार पर शासन और विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों छात्र-छात्राएं गायब हो गए हैं. यह सुनने में अटपटा जरूर है लेकिन सच है. यह सारी गड़बड़ी छात्रों की डाटा फीडिंग में की गई है. एक साल तक पॉलिटेक्निक में पढ़ाई कर चुके कई छात्र-छात्राओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं.

कई ऐसे बच्चे भी है, जिनके माता-पिता के नाम से लेकर दूसरी आवश्यक सूचनाओं को गलत कर दिया गया है. जिम्मेदारों के स्तर पर हुई इस लापरवाही के चलते इन हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर लग गया है. अगर जल्दी विभाग की स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं को परीक्षाओं से भी वंचित होना पड़ सकता है.

यूपी के पॉलिटेक्निक कॉलेजों के सूची से हजारों छात्र 'गायब'



उत्तर प्रदेश में पॉलिटेक्निक संस्थानों की संख्या करीब 1417 है. इनमें दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. 1417 में 1247 निजी पॉलिटेक्निक संस्थान हैं. प्राविधिक शिक्षा परिषद की देखरेख में इन संस्थानों में विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है. अभी तक इन निजी संस्थानों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा ( पॉलिटेक्निक) के माध्यम से दाखिले लिए जाते थे.

शिकायती पत्र
शिकायती पत्र

यहां से दा खेलों से जुड़े आंकड़ों को बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन यानी BTE को भेज दिए जाते थे. बीटीई इसके हिसाब से छात्रों की परीक्षाएं करता था. अब इस प्रक्रिया में बदलाव कर दिया गया है. शासन के स्तर पर यूराइज पोर्टल की व्यवस्था की गई है. अब, दाखिला लेने वाले हर छात्र का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज कराना अनिवार्य. जब से इस पोर्टल पर डाटा फीडिंग का काम शुरू हुआ है तभी से छात्र-छात्राओं के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है.

डाटा फीडिंग का काम निजी संस्था देख रही है
डाटा फीडिंग का काम निजी संस्था देख रही है
इस तरह के मामले आ रहे सामने

प्रयागराज के एक कॉलेज में फार्मेसी में 65 दाखिले लिए हैं. कॉलेज संचालक की मानें तो उन्होंने अपने स्तर पर सभी 65 छात्र-छात्राओं का ब्यौरा ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया था, लेकिन यूराइस पोर्टल में सिर्फ 41 की जानकारी ही उपलब्ध है. उन्होंने इसके संबंध में बीटीई में आपत्ति दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया.

इसे भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेज में ओबीसी को 27 % और सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों को 10 % आरक्षण


गढ़मुक्तेश्वर के एक फार्मेसी कॉलेज की तरफ से सचिव प्राविधिक शिक्षा को लिखित शिकायत दी गई है. इस शिकायत के मुताबिक उनके कॉलेज के छात्र राजू विश्वास के नाम पर परीक्षा फॉर्म भरा जा चुका है, लेकिन 20 वर्ष राजू विश्वास के स्थान पर सरताज का नाम दिख रहा है. सरताज का नाम किसी और पंजीकरण संख्या पर होना चाहिए था. सरताज कि नामांकन संख्या पर छात्र रियासत अली का नाम दिख रहा है. उनकी शिकायत में स्पष्ट लिखा है कि इस सूची में रियासत अली का नाम दो जगह हो गया है.


जिम्मेदारों ने भी खड़े किए हाथ


यह दो मामले से बानगी भर है. इस तरह की तमाम शिकायतें लगातार बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन में सामने आ रही है. जानकारों की मानें तो यह सारी गड़बड़ियां यूराइस पोर्टल पर डाटा फीडिंग के दौरान हुई है. इस पोर्टल का सारा काम निजी संस्था देख रही है. यह सारी व्यवस्था शासन के स्तर पर की गई है इसलिए अधिकारी कुछ बोलने को भी तैयार नहीं है. ऐसे में कॉलेजों के स्तर पर आने वाली शिकायतों को लेकर बीटीई के अधिकारियों ने भी हाथ खड़े करना शुरू कर दिया है. प्राविधिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष विद्यासागर गुप्ता ने स्वीकार किया कि इस यूराइस पोर्टल पर गड़बड़ियों को लेकर लगातार शिकायतें तो आई है लेकिन उनके स्तर पर कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर कोई लिखित शिकायत प्राप्त होती है तो उसके आधार पर शासन और विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Aug 3, 2021, 6:04 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.