लखनऊ: अपनी ही दो नाबालिग बेटियों के साथ दुराचार करने वाले पिता को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है. इसी के साथ 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. ये फैसला पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने दिया है. दोषी इस मामले में जमानत न मिलने के कारण जेल में ही है. अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि अभियुक्त ने अपनी दो नाबालिग पुत्रियों के साथ घृणित अपराध किया है. जो सिर्फ कानून की दृष्टि में ही नहीं बल्कि समाज एवं नैतिक दृष्टि से भी एक घृणित अपराध है.
विशेष अधिवक्ता सुखेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट दोनों नाबालिग लड़कियों की मां के द्वारा थाना कृष्णा नगर में आरोपी पिता कमल सिंह के खिलाफ दर्ज कराई गई थी. जिसमें उसने कहा कि उसकी शादी के 17 साल हो गए हैं. उसका पति शराब पीकर उसे रोज मारता-पीटता हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि 15 फरवरी 2017 को उसकी बेटियों ने बताया कि पिता उनके साथ दुष्कर्म करते हैं.
5 साल की मासूम से दुराचार के दोषी को दस साल की कैद
इसी तरह 5 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के दोषी राम लखन यादव को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने दस वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत के समक्ष विशेष अधिवक्ता अरुण कुमार एवं अभिषेक उपाध्याय कहा कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़ित बच्ची के पिता द्वारा 15 जून 2017 को बख्शी का तालाब थाने पर दर्ज कराई गई थी. जिसमें कहा गया कि उसकी बेटी घर के पास खेल रही थी. तभी आरोपी ने उसका अपहरण कर लिया और दुराचार किया. अदालत को यह भी बताया गया है कि जब गंभीर हालत में बच्ची मिली, तो वह लोग उसे डॉक्टर के पास ले गए थे. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि घटना के समय पीड़िता अल्पआयु की बालिका थी. इसीलिए चिकित्सीय व्यय के दृष्टिगत अर्थदंड की धनराशि से 45 हजार रुपए मुआवजे के रूप में पीड़िता को दिलाया जाना न्यायोचित होगा.
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