लखनऊ: किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार ने जगह-जगह क्रय केंद्र खोले हैं, जहां पर किसान अपनी फसल को बेचकर उसका उचित समर्थन मूल्य पा सकते हैं. लेकिन आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर क्रय केंद्र ना होने की वजह से किसान बिचौलियों को अपनी फसल बेचने पर मजबूर हो रहे हैं.
लखनऊ: राजधानी का किसान परेशान, आखिर कहां बेचे धान - धान क्रय केंद्र
राजधानी लखनऊ में सरकारी क्रय केन्द्र नहीं होने से किसानों को अपने धान की फसल को बेचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
धान क्रय केंद्र नहीं होने से किसान परेशान
लखनऊ: किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकार ने जगह-जगह क्रय केंद्र खोले हैं, जहां पर किसान अपनी फसल को बेचकर उसका उचित समर्थन मूल्य पा सकते हैं. लेकिन आज भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर क्रय केंद्र ना होने की वजह से किसान बिचौलियों को अपनी फसल बेचने पर मजबूर हो रहे हैं.
किसानों का कहना है कि आसपास क्रय केंद्र ना होने पर उन्होंने उप जिलाधिकारी से इसकी कई बार लिखित शिकायत भी की, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिल पाया है क्रय केंद्र नहीं. किसानों ने बताया कि वह छोटे किसान हैं, जरूरत के अनुसार फसल को रखकर बाकी की फसल बेच देते हैं, लेकिन आसपास क्रय केंद्र ना होने की वजह से फसल बिचौलियों को ही बेचना पड़ जाता है.
बताते चलें सरकारी क्रय केंद्र पर किसानों को 18 रुपए 68 पैसे प्रति किलो के हिसाब से धान की कीमत मिलती है, लेकिन राजधानी का किसान आज भी बिचौलियों को अपने धान दस रुपये प्रति किलो बेचने पर मजबूर हो रहा है.जहां एक तरफ सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित समर्थन मूल्य देकर किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है, वहीं सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आज भी किसान परेशान नजर आ रहा है और अपनी फसल को बिचौलियों के हाथों औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहा है. अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कब किसानों को राहत मिलेगी और उनके क्षेत्रों में भी क्रय केंद्र खोले जाएंगे.
किसानों का कहना है कि आसपास क्रय केंद्र ना होने पर उन्होंने उप जिलाधिकारी से इसकी कई बार लिखित शिकायत भी की, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिल पाया है क्रय केंद्र नहीं. किसानों ने बताया कि वह छोटे किसान हैं, जरूरत के अनुसार फसल को रखकर बाकी की फसल बेच देते हैं, लेकिन आसपास क्रय केंद्र ना होने की वजह से फसल बिचौलियों को ही बेचना पड़ जाता है.
बताते चलें सरकारी क्रय केंद्र पर किसानों को 18 रुपए 68 पैसे प्रति किलो के हिसाब से धान की कीमत मिलती है, लेकिन राजधानी का किसान आज भी बिचौलियों को अपने धान दस रुपये प्रति किलो बेचने पर मजबूर हो रहा है.जहां एक तरफ सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित समर्थन मूल्य देकर किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है, वहीं सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से आज भी किसान परेशान नजर आ रहा है और अपनी फसल को बिचौलियों के हाथों औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहा है. अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि कब किसानों को राहत मिलेगी और उनके क्षेत्रों में भी क्रय केंद्र खोले जाएंगे.