लखनऊ: किसान इस समय रबी की फसल की बुवाई में जुटे हुए हैं. रबी की फसल गेहूं, चना, मसूर, सरसों आदि की फसलें रबी की फसल मानी जाती हैं, जो अक्टूबर-नवंबर के महीनों में बोई जाती हैं. इन फसलों की बुवाई के समय कम तापमान तथा पकते समय गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है. किसान अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह या दीपावली के पहले बुवाई करते हैं. किसान किस तरीके से रबी की फसल की बुवाई करें, इसके लिए कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कई उपाय बताए, जिससे किसानों को काफी फायदा मिलेगा.
मिट्टी की कराएं जांच
कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि रबी सीजन में तिलहन की (सरसों), दलहन की (मटर, चना) जैसी फसलें बोई जाती हैं. उन्होंने बताया कि सरसों दो तरीके की होती है. एक सरसों जल्दी तैयार हो जाती है, जिससे किसान दूसरी फसल भी तैयार कर लेता है. इसकी बुआई किसान फरवरी तक कर देता है.
कृषि रक्षा अधिकारी ने कहा कि किसानों को अपनी मिट्टी की जांच करानी चाहिए और जब वह बुवाई करें, तो उससे पहले देख लें कि उनके खेत में किस तत्व की कमी है. कार्बन अंश कितना है और उस खेत में रसायन, (फर्टिलाइजर) की मात्रा कितनी है. उसके अनुसार उतनी ही मात्रा का प्रयोग करें.
अच्छी किस्म के लेने चाहिए बीज
कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि इसके अलावा जो अच्छी किस्म के बीज उपलब्ध हैं, वही लेना चाहिए. उसका शोधन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम बीज शोधन फसल के अनुसार करते हैं. बीज शोधन हम केमिकल से भी कर सकते हैं. विभिन्न प्रकार के पेस्टीसाइड आते हैं. बीज शोधन करने का एक फार्मूला है, जिसको हम एफआईआर (फंजीसाइड. इंजस्टिस साइड. राइजोबियम कल्चर) कहते हैं.