लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने छुट्टा पशुओं से किसानों की हो रही फसलों की बर्बादी पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि किसानों की खून पसीने से तैयार फसलों को छुट्टा जानवर तबाह और बर्बाद कर दे रहे हैं, लेकिन सरकार कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है. जिससे किसानों में घोर हताशा और निराशा है. उन्होंने बताया कि किसान संदेश अभियान के तहत बकाया गन्ना मूल्य व गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित कराने की मांग के साथ साथ किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने की भी मांग सूबे के मुख्यमंत्री से की जाएगी.
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने बताया 14 जनवरी को प्रदेश भर में हैशटैग किया जाएगा और 21 जनवरी को किसान एक साथ सामूहिक रूप से मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र अपने अपने जनपदों के डाकघरों के माध्यम से भेंजेगे. उन्होंने सरकार के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि वर्ष 2021 में जब चुनाव थे तो सरकार ने 26 सितंबर को ही गन्ने का लाभकारी मूल्य घोषित कर दिया था, लेकिन 2022 पूरा बीत गया है और आपने अभी तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया है. सरकार के इस उदासीन रवैए से किसान बहुत दुखी हैं. जनपदों में जिलाध्यक्ष और पार्टी के अन्य पदाधिकारी युद्धस्तर पर जुट गए हैं.
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केन एक्ट का नियम है कि अगर 14 दिनों के भीतर गन्ना किसानों को उनका भुगतान मिल मालिक नहीं करते हैं तो बाद में ब्याज सहित भुगतान करना पड़ेगा. प्रदेश प्रवक्ता वेद प्रकाश शास्त्री का कहना है कि इसके लिए न्यायालय भी आदेशित कर चुका है, लेकिन मिल मालिक किसानों का पैसा दबाए बैठे हैं. कई बार वार्ता के बाद भी भुगतान नहीं कर रही हैं, लेकिन राष्ट्रीय लोकदल का संघर्ष जारी रहेगा.
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