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लखनऊ: नए साल पर बस यात्रियों को तोहफा, टीएफएस से बचेगा किराया

नए साल पर 1 जनवरी से परिवहन निगम ने टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) लागू कर लंबी दूरी करने वाले यात्रियों को किराए में काफी छूट दी है.

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टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू.
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Published : Jan 2, 2020, 11:04 PM IST

लखनऊ: नए साल पर 1 जनवरी से जहां इस बार रेलवे ने अपने किराए में बढ़ोत्तरी कर रेल यात्रियों को झटका दिया है, वहीं परिवहन निगम ने टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू कर लंबी दूरी करने वाले यात्रियों को किराए में काफी छूट दी है. यह यात्रियों के लिए नए साल पर बड़ी सौगात है.

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टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू.

टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) शुरू
रेलवे की तर्ज पर एक जनवरी से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रोडवेज बसों में टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) शुरू कर दिया है. इसके तहत जितना लंबा सफर होगा, उसके अनुसार ही यात्री का किराया कम होगा. इससे लखनऊ से दिल्ली के किराए में 189 रुपये की कमी होगी. बुधवार को आलमबाग बस स्टेशन पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गर्ग ने इसकी शुरुआत की.

आगरा-दिल्ली मार्ग की वॉल्वो व स्कैनिया बसों में ही फिलहाल अभी टीएफएस लागू होगा. वर्तमान में यात्रियों को लखनऊ से दिल्ली तक के सफर के लिए 1260 रुपये देना होता है. अब टीएफएस लागू होने के बाद यात्रियों को औसतन 189 रुपये कम किराया चुकाना होगा. टीएफएस से 50 किमी. के स्लैब का फायदा मिलेगा. टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम में दूरी के अनुसार स्लैब निर्धारित किए जाते हैं.

ये है टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम
जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, उसके अनुसार किराए में छूट मिलती है. अभी 100 किमी तक के किराए में कोई बदलाव नहीं होगा. इसके बाद जैसे-जैसे दूरी बढ़ेगी, वैसे-वैसे छूट भी बढ़ेगी. रोडवेज का ये ट्रायल अगर सफल रहा तो आने वाले दिनों में विभिन्न रूटों पर यात्रियों को टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम के जरिए किराए में छूट मिल सकती है.
लखनऊ से दिल्ली के लिए 52 लग्जरी बसों में रोजाना चार से पांच हजार यात्री सफर करते हैं. तीन महीने बाद पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. यह सफल हुआ तो सभी रूटों पर सिस्टम लागू किया जाएगा.

लखनऊ: नए साल पर 1 जनवरी से जहां इस बार रेलवे ने अपने किराए में बढ़ोत्तरी कर रेल यात्रियों को झटका दिया है, वहीं परिवहन निगम ने टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू कर लंबी दूरी करने वाले यात्रियों को किराए में काफी छूट दी है. यह यात्रियों के लिए नए साल पर बड़ी सौगात है.

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टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू.

टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) शुरू
रेलवे की तर्ज पर एक जनवरी से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रोडवेज बसों में टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) शुरू कर दिया है. इसके तहत जितना लंबा सफर होगा, उसके अनुसार ही यात्री का किराया कम होगा. इससे लखनऊ से दिल्ली के किराए में 189 रुपये की कमी होगी. बुधवार को आलमबाग बस स्टेशन पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गर्ग ने इसकी शुरुआत की.

आगरा-दिल्ली मार्ग की वॉल्वो व स्कैनिया बसों में ही फिलहाल अभी टीएफएस लागू होगा. वर्तमान में यात्रियों को लखनऊ से दिल्ली तक के सफर के लिए 1260 रुपये देना होता है. अब टीएफएस लागू होने के बाद यात्रियों को औसतन 189 रुपये कम किराया चुकाना होगा. टीएफएस से 50 किमी. के स्लैब का फायदा मिलेगा. टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम में दूरी के अनुसार स्लैब निर्धारित किए जाते हैं.

ये है टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम
जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, उसके अनुसार किराए में छूट मिलती है. अभी 100 किमी तक के किराए में कोई बदलाव नहीं होगा. इसके बाद जैसे-जैसे दूरी बढ़ेगी, वैसे-वैसे छूट भी बढ़ेगी. रोडवेज का ये ट्रायल अगर सफल रहा तो आने वाले दिनों में विभिन्न रूटों पर यात्रियों को टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम के जरिए किराए में छूट मिल सकती है.
लखनऊ से दिल्ली के लिए 52 लग्जरी बसों में रोजाना चार से पांच हजार यात्री सफर करते हैं. तीन महीने बाद पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी. यह सफल हुआ तो सभी रूटों पर सिस्टम लागू किया जाएगा.

Intro:नए साल पर यात्रियों को परिवहन निगम का तोहफा, टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू होने से बचेगा किराया

नए साल पर एक जनवरी से जहां इस बार रेलवे ने अपने किराए में बढ़ोतरी कर रेल यात्रियों को झटका दिया है, वहीं परिवहन निगम ने टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम लागू कर लंबी दूरी के यात्रियों को किराए में काफी छूट दे दी है। यह यात्रियों के लिए नए साल पर बड़ी सौगात है। रेलवे की तर्ज पर एक जनवरी से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रोडवेज बसों में टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) शुरू कर दिया। इसके तहत जितना लंबा सफर होगा, यात्री का किराया उसके अनुसार कम होगा। इससे लखनऊ से दिल्ली के किराए में 189 रुपये की कमी हो गई है। बुधवार को आलमबाग बस स्टेशन पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डीके गर्ग ने इसकी शुरुआत की।

Body:लखनऊ-आगरा-दिल्ली मार्ग की वॉल्वो व स्कैनिया बसों में ही फिलहाल अभी टीएफएस लागू होगा। वर्तमान में यात्रियों को लखनऊ से दिल्ली तक के सफर के लिए 1260 रुपये देना होता है। अब टीएफएस लागू होने के बाद यात्रियों को औसतन 189 रुपये कम किराया चुकाना होगा। टीएफएस से 50 किमी के स्लैब का फायदा मिलेगा। टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम में दूरी के अनुसार स्लैब निर्धारित किए जाते हैं। जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, उसके अनुसार किराए में छूट मिलती है। अभी 100 किमी तक के किराए में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके बाद जैसे-जैसे दूरी बढ़ेगी वैसे वैसे छूट भी बढ़ेगी। रोडवेज का ये ट्रायल अगर सफल रहा तो आने वाले दिनों में विभिन्न रूटों पर यात्रियों को टेलीस्कोपिक फेयर सिस्टम के जरिए किराए में छूट मिल सकती है।



Conclusion:लखनऊ से दिल्ली के लिए 52 लग्जरी बसों में रोजाना चार से पांच हजार यात्री सफर करते हैं। तीन महीने बाद पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। यह सफल हुआ तो सभी रूटों पर सिस्टम लागू किया जाएगा।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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