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मरीज को भर्ती कराने के लिए घंटों कर रहे तीमारदार इंतजार

सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने और बेड़ों की संख्या बढ़ाने का दावा किया था लेकिन अस्पताल के हाल पहले जैसे ही नजर आ रहे हैं.

लखनऊ
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Published : May 1, 2021, 4:45 PM IST

लखनऊः सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि जिले के सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है. साथ ही अस्पताल में बेड़ों की संख्या भी बढ़ाई गई है. जब शनिवार को ईटीवी ने दावे की पड़ताल की तो हालात अलग ही नजर आए. जिले में मरीजों को भर्ती कराने में अभी भी उतनी ही दिक्कत हो रही है, जितनी कि चार दिन पहले हो रही थी. अस्पतालों की स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है.

तीमारदार कर रहे घंटों इंतजार

चार घंटे से इंतजार
सिविल अस्पताल में शनिवार को अनेक परिजन बेड खाली होने का इंतजार करते मिले. एक व्यक्ति ने बताया कि चार घंटे से मरीज इमरजेंसी के बाहर बेड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि या तो आप किसी अन्य अस्पताल में चले जाएं या फिर कुछ समय इंतजार करें. सबसे बड़ा सवाल यहां पर यह है कि 4 घंटे से इंतजार कर रहे मरीजों को और कितना इंतजार करना पड़ेगा. तब तक मरीज की स्थिति गंभीर हो गई तो जिम्मेदार कौन होगा.

डॉक्टर ने कहा इंतजार करें
आलमबाग निवासी सत्य नारायण शुक्ला शनिवार को अपने ससुर को सिविल अस्पताल में दिखाने आए थे. इमरजेंसी में मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने देखा और दवा दी. साथ ही यह भी कहा कि हालत गंभीर है, लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं किया. गंभीर मरीज जमीन में लेटे दिखे. वहीं तीमारदार घंटों इंतजार करते रहे. सत्य नारायण बतातें हैं कि उनके ससुर की उम्र 68 साल है. उन्हें शुगर है. उनका शुगर लेवल काफी बढ़ गया था. इस कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर को इमरजेंसी में दिखाया लेकिन बेड के अभाव में अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. अन्य अस्पताल ले जाने को कहा गया. साथ ही डॉक्टर ने कहा कि इंतजार कीजिए, अगर बेड खाली होगा तो मरीज को भर्ती कर लिया जाएगा.

मरीज को लेकर परेशान तीमारदार
सिविल अस्पताल में ही मौजूद गोसाईगंज निवासी शैलेंद्र ने बताया कि उनकी मां को पिछले कई दिनों से बुखार आ रहा था. उन्हें टाइफाइड है. तबीयत काफी ज्यादा खराब है. अस्पताल लेकर आए तो यहां पर बेड खाली नहीं है. शैलेंद्र के अनुसार इंतजार करने के लिए कहा गया है. कहा है कि अगर बेड खाली हुआ तो मरीज को भर्ती कर लिया जाएगा. तीन घंटे तक मरीज को लेकर अस्पताल परिसर में ही बेड खाली होने का इंतजार किया. तीन घंटे बाद अन्य अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया है.

इसे भी पढ़ेंः प्रदेश के 7 जिलों में आज से 18+ का कोरोना टीकाकरण शुरू

बेड खाली नहीं
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि इस समय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड फुल हैं. 45 बेडों का इमरजेंसी वार्ड है, जहां पर ऑक्सीजन उपलब्ध है. वहीं नॉन कोविड इमरजेंसी में 130 बेड हैं. इस समय वह भी फुल है.

लखनऊः सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि जिले के सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है. साथ ही अस्पताल में बेड़ों की संख्या भी बढ़ाई गई है. जब शनिवार को ईटीवी ने दावे की पड़ताल की तो हालात अलग ही नजर आए. जिले में मरीजों को भर्ती कराने में अभी भी उतनी ही दिक्कत हो रही है, जितनी कि चार दिन पहले हो रही थी. अस्पतालों की स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है.

तीमारदार कर रहे घंटों इंतजार

चार घंटे से इंतजार
सिविल अस्पताल में शनिवार को अनेक परिजन बेड खाली होने का इंतजार करते मिले. एक व्यक्ति ने बताया कि चार घंटे से मरीज इमरजेंसी के बाहर बेड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि या तो आप किसी अन्य अस्पताल में चले जाएं या फिर कुछ समय इंतजार करें. सबसे बड़ा सवाल यहां पर यह है कि 4 घंटे से इंतजार कर रहे मरीजों को और कितना इंतजार करना पड़ेगा. तब तक मरीज की स्थिति गंभीर हो गई तो जिम्मेदार कौन होगा.

डॉक्टर ने कहा इंतजार करें
आलमबाग निवासी सत्य नारायण शुक्ला शनिवार को अपने ससुर को सिविल अस्पताल में दिखाने आए थे. इमरजेंसी में मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने देखा और दवा दी. साथ ही यह भी कहा कि हालत गंभीर है, लेकिन अस्पताल में भर्ती नहीं किया. गंभीर मरीज जमीन में लेटे दिखे. वहीं तीमारदार घंटों इंतजार करते रहे. सत्य नारायण बतातें हैं कि उनके ससुर की उम्र 68 साल है. उन्हें शुगर है. उनका शुगर लेवल काफी बढ़ गया था. इस कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर को इमरजेंसी में दिखाया लेकिन बेड के अभाव में अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. अन्य अस्पताल ले जाने को कहा गया. साथ ही डॉक्टर ने कहा कि इंतजार कीजिए, अगर बेड खाली होगा तो मरीज को भर्ती कर लिया जाएगा.

मरीज को लेकर परेशान तीमारदार
सिविल अस्पताल में ही मौजूद गोसाईगंज निवासी शैलेंद्र ने बताया कि उनकी मां को पिछले कई दिनों से बुखार आ रहा था. उन्हें टाइफाइड है. तबीयत काफी ज्यादा खराब है. अस्पताल लेकर आए तो यहां पर बेड खाली नहीं है. शैलेंद्र के अनुसार इंतजार करने के लिए कहा गया है. कहा है कि अगर बेड खाली हुआ तो मरीज को भर्ती कर लिया जाएगा. तीन घंटे तक मरीज को लेकर अस्पताल परिसर में ही बेड खाली होने का इंतजार किया. तीन घंटे बाद अन्य अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया है.

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बेड खाली नहीं
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि इस समय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड फुल हैं. 45 बेडों का इमरजेंसी वार्ड है, जहां पर ऑक्सीजन उपलब्ध है. वहीं नॉन कोविड इमरजेंसी में 130 बेड हैं. इस समय वह भी फुल है.

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