लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बुधवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की प्रत्येक परिवार इकाई को जारी की जा रही 'परिवार आईडी' प्रक्रिया की अपडेट स्थिति की समीक्षा की. साथ ही इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ सभी परिवारों को उपलब्ध कराए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हर परिवार के न्यूनतम एक सदस्य को रोजगार-सेवायोजन से जोड़ने के संकल्प के क्रम में प्रदेश मे परिवार आईडी जारी की जा रही है.
परिवार आईडी पर सीएम योगी (Chief Minister Yogi Adityanath on Family ID) ने कहा कि अब तक प्राप्त 78 हजार आवेदनों में से 33 हजार से अधिक आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं. इस योजना का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए. प्रदेश का कोई भी परिवार इससे वंचित न रहे. सीएम ने कहा कि एक परिवार-एक पहचान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट पहचान जारी किया जा रहा है, जिससे राज्य की परिवार इकाइयों का एक लाइव व्यापक डेटाबेस स्थापित होगा.
यह डेटाबेस लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबंधन, समयबद्ध लक्ष्यीकरण, पारदर्शी संचालन एवं योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने और जनसामान्य के लिए सरकारी सुविधाओं के सरलीकरण करने में सहायक होगा. परिवार आईडी के माध्यम से प्राप्त एकीकृत डेटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों का चिन्हांकन कर उन्हें रोजगार के समुचित अवसर प्राथमिकता पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे.
सीएम योगी की प्रमुख बातें:
- मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निवासरत लगभग 3.61 करोड़ परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ पा रहे हैं.
- इन परिवारों की राशनकार्ड संख्या ही फैमिली आईडी होगी. जबकि ऐसे परिवार जो कि राशन कार्ड धारक नहीं है, वह पोर्टल https://familyid.up.gov.in पर पंजीयन कर परिवार आईडी प्राप्त कर सकते हैं.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि हर एक परिवार को मिल रहे शासकीय योजनाओं के लाभ का पूरा विवरण दर्शाते हुए परिवार का पासबुक भी तैयार करायी जाए.
- इससे प्रदेश के हर परिवार के स्वावलम्बन और सशक्तिकरण का अभियान पूरा किया जा सकेगा. पास-बुक और परिवार आईडी जारी करने से पूर्व परिवार के संबंध में सभी जानकारी को विधिवत प्रमाणित किया जाए. सभी संबंधित विभाग इसमें सहयोग करें.
- राज्य सरकार द्वारा संचलित सभी अवशेष लाभार्थीपरक योजनाओं की आधार अधिसूचना और परिवार आईडी से लिंक किया जाए. आईटीआई, पॉलिटेक्निक एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नए प्रवेश का आधार एवं तदोपरान्त परिवार आईडी से लिंकेज किया जाए.
- केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित समस्त योजनाओं का डेटाबेस प्राप्त कर उसे परिवार कल्याण पास बुक एवं फेमली आईडी से जोड़ा जाना चाहिए.
मानव संपदा पोर्टल की समीक्षा और ये निर्देश दिए: वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मानव संपदा पोर्टल के क्रियान्वयन की समीक्षा की और इसे प्रभावी ढंग से लागू किये जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मानव संपदा पोर्टल के उपयोग से कर्मचारी एनरोलमेंट, स्थानांतरण, नियुक्ति और कार्यमुक्ति, प्रशिक्षण, पेरोल सिस्टम, परफॉर्मेंस मूल्यांकन, सर्विस बुक के प्रबंधन, अवकाश प्रबंधन, एसीआर प्रबंधन का कार्य सहज हुआ है. इससे न केवल शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि कर्मचारियों को आसानी भी हुई है.
बढती आवश्यकताओं के दृष्टिगत इसे और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है. वर्तमान में 83 विभाग और 14 लाख से अधिक कर्मचारी इस पोर्टल पर ऑनबोर्ड हैं. सभी कार्मिकों की ई-सर्विस बुक भी यथाशीघ्र तैयार कर ली जाए.उन्होंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण के तत्काल बाद मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ज्वाइनिंग एवं रिलीविंग माड्यूल का प्रयोग कर कार्यभार प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना चाहिए. पोर्टल को वित्त विभाग के डीडीओ पोर्टल से इस प्रकार लिंक किया जाए कि डीडीओ पोर्टल पर वेतन केवल उन्हीं कर्मचारियों का बने जिनका डाटा मानव सम्पदा में सम्बंधित डीडीओ की पोस्टिंग लिस्ट में हो.
उन्होंने कहा कि मेरिट आधारित स्थानांतरण व्यवस्था के लिए पोर्टल का उपयोग किया जाना उचित होगा. पोर्टल के माध्यम से ही स्थानान्तरण हेतु एलिजबिल्टी सूची तैयार की जाए. स्थानान्तरण हेतु रिक्तिया चिन्हित की जाएं. एलिजबिल कर्मचारियों से स्थानान्तरण हेतु विकल्प लिए जाएं और भारांकानुसार मेरिट आधारित स्थानान्तरण प्रक्रिया एक्जिक्यूट की जाएं. स्थानांतरण में आकांक्षी जनपदों को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्मिक विभाग के अंतर्गत पूर्व से स्थापित प्रशिक्षण समन्वय प्रकोष्ठ के कार्यों के साथ डिजिटल प्रशिक्षण का समन्वय करने तथा मानव सम्पदा पोर्टल एवं ई-अधियाचन सम्बन्धी परियोजनाओं को संचालित करने हेतु कार्मिक विभाग के अंतर्गत एक नए अनुभाग "कार्मिक अनुभाग-5" का सृजन किया जाना चाहिए.
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