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मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति में फर्जीवाड़ा, पुलिस ने शुरू की जांच

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन के फर्जी परचेज ऑर्डर पर करोड़ों के मास्क और पीपीई किट आपूर्ति के मामले में पुलिस की जांच शुरू हो गयी है. कॉर्पोरेशन ने फर्जीवाड़े पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर के रूप में एक शिकायती पत्र सौंपा है.

मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति में फर्जीवाड़ा, पुलिस ने शुरू की जांच
मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति में फर्जीवाड़ा, पुलिस ने शुरू की जांच
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Published : Mar 19, 2021, 6:03 PM IST

लखनऊः यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन के फर्जी परचेज ऑर्डर पर करोड़ों के मास्क और पीपीई किट आपूर्ति के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस को एक शिकायती पत्र सौंपा गया है. जिसमें कॉर्पोरेशन पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर के रूप में दिया गया है. पुलिस इस मामले में जल्द ही जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई कर सकती है.

कोरोना काल में गड़बड़झाला

कोरोना काल के दौरान हरियाणा के पानीपत की कंपनी महादेव एक्सपोर्ट ने 12 सौ रुपये प्रति के हिसाब से कार्पोरेशन को 50 हजार पीपीई किट और 9 रुपये प्रति की कीमत पर 30 हजार मास्क सरकारी अस्पतालों समेत वेयर हाउसेस में आपूर्ति का आरोप लगाया है. यूपीएमएससीएल से 9 करोड़ 60 लाख रुपये का बकाया मांगने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. कॉरपोरेशन के एमडी कंचन वर्मा ने चार अफसरों की जांच कमेटी बनायी थी. इसकी संस्तुति पर कॉरपोरेशन ने एफआईआर कराने का निर्णय लिया है.

UPMSCL के जीएम ने दी तहरीर

यूपीएमएससीएल के जीएम (एडमिन) शेख मोहम्मद शोएब ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए सबूत के साथ लखनऊ कमिश्नर के डीसीपी (साउथ) रवि कुमार के रूप में एक शिकायत पत्र सौंपा है. इस शिकायत में तथ्यों की प्रारंभिक जांच के लिए डीसीपी ने प्रकरण एसीपी गोसाईगंज स्वाति चौधरी को सौंपा है. एसीपी ने जांच शुरू कर दी है.

बढ़ सकता है फर्जीवाड़े का दायरा

पिछले साल जून से इस साल जनवरी के बीच मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति फर्म ने की है. मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के नाम पर करोड़ों की पीपीई किट और मास्क खरीद में फर्जीवाड़े का दायरा और बढ़ सकता है. कई और कारोबारियों को दी गई कोरोना से लड़ने के संसाधनों की खरीद-फरोख्त में करोड़ों की चपत लगाई गई है. सिर्फ यही नहीं पीड़ित कंपनी और कॉरपोरेशन के बीच कुछ बड़े दलालों के गिरोहों के भी होने की प्रबल संभावना है. दवा माफिया के करीबी अफसर ही कॉरपोरेशन में करोड़ों की दवा और उपकरणों के ठेकों में बड़े-बड़े खेल कर रहे हैं. फिलहाल करोड़ों के मास्क और पीपीई किट के फर्जीवाड़े में एसीपी की जांच के बाद एफआईआर दर्ज होना तय माना जा रहा है.

मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के अफसर भी जांच के घेरे में

यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के अफसर लगातार करोड़ों के मास्क और पीपीई किट फर्जीवाड़े से पल्ला झाड़ रहे हैं. जबकि इस मामले में कॉरपोरेशन के अफसरों की भूमिका भी जांच के दायरे में है. पानीपत की कंपनी ने करोड़ों के सामान के पूर्ति में जीएसटी भी अदा की है, जो कॉरपोरेशन के रिकॉर्ड में साफ दिखाई दे रहा है. इसके बावजूद कॉरपोरेशन में फाइनेंस अफसरों ने क्रेडिट नोट में कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई. जीएसटी के ट्रांजैक्शन पर अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

लखनऊ कमिश्नर के डीसीपी (साउथ) रवि कुमार के मुताबिक उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की ओर से एक शिकायत आई है. ये पीपीई किट और मास्क की आपूर्ति में फर्जीवाड़े से संबंधित है. प्रकरण को प्रारंभिक जांच के लिए एसीपी गोसाईगंज को भेजा गया है. जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जायेगी.

लखनऊः यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन के फर्जी परचेज ऑर्डर पर करोड़ों के मास्क और पीपीई किट आपूर्ति के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस को एक शिकायती पत्र सौंपा गया है. जिसमें कॉर्पोरेशन पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर के रूप में दिया गया है. पुलिस इस मामले में जल्द ही जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई कर सकती है.

कोरोना काल में गड़बड़झाला

कोरोना काल के दौरान हरियाणा के पानीपत की कंपनी महादेव एक्सपोर्ट ने 12 सौ रुपये प्रति के हिसाब से कार्पोरेशन को 50 हजार पीपीई किट और 9 रुपये प्रति की कीमत पर 30 हजार मास्क सरकारी अस्पतालों समेत वेयर हाउसेस में आपूर्ति का आरोप लगाया है. यूपीएमएससीएल से 9 करोड़ 60 लाख रुपये का बकाया मांगने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. कॉरपोरेशन के एमडी कंचन वर्मा ने चार अफसरों की जांच कमेटी बनायी थी. इसकी संस्तुति पर कॉरपोरेशन ने एफआईआर कराने का निर्णय लिया है.

UPMSCL के जीएम ने दी तहरीर

यूपीएमएससीएल के जीएम (एडमिन) शेख मोहम्मद शोएब ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए सबूत के साथ लखनऊ कमिश्नर के डीसीपी (साउथ) रवि कुमार के रूप में एक शिकायत पत्र सौंपा है. इस शिकायत में तथ्यों की प्रारंभिक जांच के लिए डीसीपी ने प्रकरण एसीपी गोसाईगंज स्वाति चौधरी को सौंपा है. एसीपी ने जांच शुरू कर दी है.

बढ़ सकता है फर्जीवाड़े का दायरा

पिछले साल जून से इस साल जनवरी के बीच मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति फर्म ने की है. मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के नाम पर करोड़ों की पीपीई किट और मास्क खरीद में फर्जीवाड़े का दायरा और बढ़ सकता है. कई और कारोबारियों को दी गई कोरोना से लड़ने के संसाधनों की खरीद-फरोख्त में करोड़ों की चपत लगाई गई है. सिर्फ यही नहीं पीड़ित कंपनी और कॉरपोरेशन के बीच कुछ बड़े दलालों के गिरोहों के भी होने की प्रबल संभावना है. दवा माफिया के करीबी अफसर ही कॉरपोरेशन में करोड़ों की दवा और उपकरणों के ठेकों में बड़े-बड़े खेल कर रहे हैं. फिलहाल करोड़ों के मास्क और पीपीई किट के फर्जीवाड़े में एसीपी की जांच के बाद एफआईआर दर्ज होना तय माना जा रहा है.

मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के अफसर भी जांच के घेरे में

यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन के अफसर लगातार करोड़ों के मास्क और पीपीई किट फर्जीवाड़े से पल्ला झाड़ रहे हैं. जबकि इस मामले में कॉरपोरेशन के अफसरों की भूमिका भी जांच के दायरे में है. पानीपत की कंपनी ने करोड़ों के सामान के पूर्ति में जीएसटी भी अदा की है, जो कॉरपोरेशन के रिकॉर्ड में साफ दिखाई दे रहा है. इसके बावजूद कॉरपोरेशन में फाइनेंस अफसरों ने क्रेडिट नोट में कोई आपत्ति नहीं दर्ज कराई. जीएसटी के ट्रांजैक्शन पर अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

लखनऊ कमिश्नर के डीसीपी (साउथ) रवि कुमार के मुताबिक उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की ओर से एक शिकायत आई है. ये पीपीई किट और मास्क की आपूर्ति में फर्जीवाड़े से संबंधित है. प्रकरण को प्रारंभिक जांच के लिए एसीपी गोसाईगंज को भेजा गया है. जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जायेगी.

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