लखनऊ: श्री श्याम परिवार की ओर से बीरबल साहनी मार्ग स्थित खाटू श्याम मन्दिर में बुधवार से फाल्गुनोत्सव शुरुआत हो गई. इस मौके पर प्रभु श्याम का दरबार सजाने के साथ ही भजनों की रसधारा बही.
प्रभु श्याम की महिमा का गुणगान
फाल्गुनोत्सव के मौके पर यश टिबरेवाल जैसे ही मंच पर आये और 'मैं मांगता तुमसे मेरे बाबा वो चीज मुझको जरुर देना, मिले जमाने की सारी खुशिया मगर न मुझको गुरुर देना' भजन सुनाया तो पण्डाल बाबा के जयकारों से गूंज उठा. इसके बाद उन्होंने हर जनम सांवरे का साथ चाहिए, सिर पर मेरे नाथ तेरा हाथ चाहिए' भजन सुनाया तो लोग झूम उठे. इसके बाद लोगों के पसंद का भजन 'भोली सी सूरत', 'मेरा श्याम दिवाना' सुनाया तो वीरेन्द्र अग्रवाल, रूपेश अग्रवाल, शिव सिघानिया, नीलेश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, महावीर प्रसाद अग्रवाल, गणेश प्रसाद अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, सुधीर कुमार गर्ग, सत्य नारायण अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल सहित अन्य श्रद्धालु झूम-झूमकर नाचने लगे.
इसी क्रम में भजन गायिका दीप्ति अग्रवाल ने 'अगर तूने दया का हाथ सिर पर न धरा होता, तो मिट जाती मेरी हस्ती' भजन सुनया. भजन के दौरान ऐसा लग रहा था कि जैसे अमृत बरस रहा है. जैसे-जैसे श्यामसुंदर की भजनों की गंगा आगे बढ़ती गयी वैसे-वैसे 'हारे के सहारे की जय' 'तीन बाण धारी की जय' 'खाटू नरेश की जय' 'लखदातार की जय‘ जैसे भक्तिभाव से ओतप्रोत कर देने वाले जायकारें गूंज रहे थे और भजन गायक बाबा के भजनों से लोगों को भक्ति की गंगा में डुबकी लगवा रहे थे.
उसके बाद कोलकाता के मोनू दधीच ने 'तेरी बांकी आदा ने ओ सांवरे हमे तेरा दिवाना बना दिया' सुनाया तो पण्डाल तालियों की आवाज से गूंज उठा. उत्सव के अगले क्रम में रितेश अग्रवाल ने एक भजन 'श्याम तुझसे हमारी अर्जी है' सुनाया तो लोग भावविभोर हो गये.
उत्सव के संयोजक ने बताया
फाल्गुनउत्सव के संयोजक प्रशांत डालमिया ने बताया कि उत्सव के क्रम में 25 मार्च को कोलकाता के देबाजीत डांस ग्रुप द्वारा 'करमा बाई को खीचड', 'डाकिया' व अन्य नत्य नाटिकाएं रात्रि मंचित होंगी. उत्सव मे सुधीर खेतान, सुनील अग्रवाल, भारत भूषण गुप्ता, मदन लाल जिन्दल समेत अन्य लोग मौजूद रहे.