लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के नाम से भी अब ठगी के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला सीबीआई के पास पहुंचा है, जिसमें एक व्यक्ति ने भाजपा से उपचुनाव में टिकट पाने के लिए मुख्यमंत्री के फर्जी पत्र से प्रधानमंत्री को सिफारिश भेजी थी. प्रधानमंत्री कार्यालय को जब शक हुआ तो इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई गई. वहीं सीबीआई के जांच में यह पूरा पत्र फर्जी पाया गया. फिलहाल इस पूरे मामले पर राजधानी दिल्ली में सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जिसे अब लखनऊ स्थानांतरित किया जा रहा है. यह आरोपी कोई और नहीं बल्कि जौनपुर का रहने वाला शिवाजी यादव है, जिसने उपचुनाव में भाजपा का टिकट पाने के लिए यह काम किया था.
उपचुनाव में भाजपा का टिकट पाने के लिए सीएम के नाम से लिखा पीएम को पत्र
नवंबर में उत्तर प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ तो वहीं इस उपचुनाव में टिकट पाने के लिए बड़ी संख्या में दावेदार भी थे. लेकिन जौनपुर के रहने वाले शिवाजी यादव ने भाजपा टिकट से चुनाव लड़ने की एक ऐसी तरकीब सोची. उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से एक पत्र तैयार किया, यह पत्र उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखा. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में पता चला कि पत्र में शिवाजी यादव को उप चुनाव का टिकट देने की सिफारिश की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय को इस पत्र को लेकर शक हुआ तो पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. वहीं सीबीआई ने इस मामले की जांच में पत्र को फर्जी बताया और आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया. फिलहाल का मुकदमा दिल्ली से अब लखनऊ स्थानांतरित किया जाएगा.
पत्र में नाम किसी और का लेकिन जांच में निकला कोई और
प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री के नाम से भेजे गए पत्र में नाम संदीप सिंह का था, लेकिन जांच में जब संदीप से पूछताछ की गई तो उसने इंकार कर दिया. फिर पत्र और हैंडराइटिंग का मिलान किया गया तो शिवाजी यादव का नाम सामने आया. वहीं पत्र में जो मोबाइल नंबर दिया गया वह शिवाजी का है. शिवाजी के एक दोस्त विशाल ने बताया कि वह चुनाव लड़ने की फिराक में था. इसलिए इस तरह का काम किया था.