लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्तियों के मामले में एसआईटी ने अल्पसंख्यक कल्याण के संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडे और तत्कालीन रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता समेत 23 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज किया है. सूबे के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने इस मामले पर पूर्व की सपा और बसपा सरकार को दोषी ठहराया है.
'भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस'
मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम किया है. पिछली सरकारों में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हुआ जिसे लेकर हमारी सरकार में भी लगातार शिकायतें आ रहीं थीं. कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे देखते हुए मदरसों की एसआईटी जांच के आदेश दिए थे. कहा कि इस भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें : यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या में औसतन 84.4 फीसद की गिरावट
कई हज़ार करोड़ के घोटाले का अनुमान
राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि अभी यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है. इसमें और नाम जुड़ेंगे. यह घोटाला कई हजार करोड़ का है जो समाजवादी सरकार में किया गया. उन्होंने कहा कि बहुत बड़े पैमाने पर अल्पसंख्यक कल्याण में भ्रष्टाचार हुआ है. मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में भ्रष्टाचार को लेकर किसी भी तरीके का कॉम्प्रोमाइज नहीं किया गया, न ही किया जाएगा. हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की नीति पर काम करते हैं.
संयुक्त निदेशक तक फर्जीवाड़े में आरोपी
आजमगढ़ के 20 मदरसों में फर्जी नियुक्ति के मामले में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के संयुक्त निदेशक शेषनाथ पांडे और तत्कालीन रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एसआईटी मिर्जापुर में आजमगढ़ के करीब 400 मदरसों में हुई अनियमितताओं की जांच कर रही है. सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के कई अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है जिन पर जल्द कार्रवाई की तलवार गिर सकती है.