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नौकरी के नाम पर पूर्व एमएलसी का पीआरओ बता लाखों ठगे

यूपी के लखनऊ में पूर्व एमएलसी का पीआरओ होने का दावा कर ठगों ने बेरोजगार युवकों को नौकरी का झांसा देकर चार लाख रुपये हड़प लिए. घटना की सूचना पीड़ितों ने मंगलवार को थाने में दी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

हजरतगंज पुलिस
हजरतगंज पुलिस
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Published : Mar 10, 2021, 12:23 AM IST

लखनऊ: पूर्व एमएलसी रामचंद्र प्रधान का पीआरओ होने का दावा कर ठगों ने संविदा पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर चार लाख रुपये हड़प लिए. पीड़ितों ने मंगलवार को हजरतगंज कोतवाली में चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने बताया कि लखीमपुर पसगंवा निवासी राजेश कुमार काम के सिलसिले से दारुलशफा विधायक निवास आते थे. जहां उनकी मुलाकात दिनेश, सविता और फिरोजाबाद निवासी गुरुदत्त से हुई थी.

संविदा पर नौकरी देने का दिया झांसा
पीड़ितों की माने तो बातचीत में दिनेश ने बताया कि वह पूर्व एमएलसी रामचंद्र प्रधान का पीआरओ है. उसके बाद राजेश और दिनेश की अक्सर मुलाकात होती रही. साल 2019 में दिनेश ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण उन्नति संस्थान बनाया है. जिसमें संविदा के आधार पर भर्तियां होनी हैं. आपके परिचित में युवक हो तो उन्हें नौकरी मिल सकती है. यह बात सुनकर राजेश ने बेटे लिटिल, उसके दोस्त अंकित कुमार, आलोक कुमार और अशरफ गाजी की नियुक्ति कराने के लिए कहा. जिस पर युवकों को शैक्षित दस्तावेज लेकर बर्लिंगटन चौराहे बुलाया गया.

नौकरी के नाम पर ऐंठे चार लाख रुपये
पीड़ितों की माने तो बर्लिंगटन चौराहे पर उनकी बात फोन पर बनारस निवासी अंकित कुमार और आलोक यादव से कराई गई. जिन्होंने नियुक्ति के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख का खर्च करने की बात कही. आरोपियों के झांसे में फंसकर लिटिल, अंकित, संदीप और अशरफ ने चार लाख रुपये दे दिए. इसके बाद भी नौकरी नहीं लगी. पूछताछ करने पर दिनेश और उसके साथी टालमटोल करने लगे. परेशान होकर पीड़ितों ने राज्यमंत्री पिछड़ा वर्ग आयोग से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी. जिसके बाद ही उनके आदेश पर आज हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ेंः नौकरी का झांसा देकर 9 लाख की ठगी, जाना था UK भेज दिया यूक्रेन

लखनऊ: पूर्व एमएलसी रामचंद्र प्रधान का पीआरओ होने का दावा कर ठगों ने संविदा पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर चार लाख रुपये हड़प लिए. पीड़ितों ने मंगलवार को हजरतगंज कोतवाली में चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने बताया कि लखीमपुर पसगंवा निवासी राजेश कुमार काम के सिलसिले से दारुलशफा विधायक निवास आते थे. जहां उनकी मुलाकात दिनेश, सविता और फिरोजाबाद निवासी गुरुदत्त से हुई थी.

संविदा पर नौकरी देने का दिया झांसा
पीड़ितों की माने तो बातचीत में दिनेश ने बताया कि वह पूर्व एमएलसी रामचंद्र प्रधान का पीआरओ है. उसके बाद राजेश और दिनेश की अक्सर मुलाकात होती रही. साल 2019 में दिनेश ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण उन्नति संस्थान बनाया है. जिसमें संविदा के आधार पर भर्तियां होनी हैं. आपके परिचित में युवक हो तो उन्हें नौकरी मिल सकती है. यह बात सुनकर राजेश ने बेटे लिटिल, उसके दोस्त अंकित कुमार, आलोक कुमार और अशरफ गाजी की नियुक्ति कराने के लिए कहा. जिस पर युवकों को शैक्षित दस्तावेज लेकर बर्लिंगटन चौराहे बुलाया गया.

नौकरी के नाम पर ऐंठे चार लाख रुपये
पीड़ितों की माने तो बर्लिंगटन चौराहे पर उनकी बात फोन पर बनारस निवासी अंकित कुमार और आलोक यादव से कराई गई. जिन्होंने नियुक्ति के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख का खर्च करने की बात कही. आरोपियों के झांसे में फंसकर लिटिल, अंकित, संदीप और अशरफ ने चार लाख रुपये दे दिए. इसके बाद भी नौकरी नहीं लगी. पूछताछ करने पर दिनेश और उसके साथी टालमटोल करने लगे. परेशान होकर पीड़ितों ने राज्यमंत्री पिछड़ा वर्ग आयोग से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी. जिसके बाद ही उनके आदेश पर आज हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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