लखनऊ: साइबर ठग ने एक अधिवक्ता को दो लाख रुपये का चूना लगा दिया है. ओएलएक्स ऐप पर ठग ने खुद को सैन्य अफसर बताया. इसके बाद एसयूवी कार खरीदने के नाम पर ऑनलाइन रकम खाते में मंगाई, लेकिन गाड़ी नहीं दी. अधिवक्ता को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने हजरतगंज कोतवाली स्थित साइबर सेल में तहरीर दी है. पुलिस का कहना है जल्द ही आरोपी को दबोच लिया जाएगा.
ओएलएक्स पर देखी थी कार
मिली जानकारी के मुताबिक, महानगर के पुराना बादशाह नगर लाल बिहारी रोड निवासी शरद चौधरी पेशे से अधिवक्ता हैं. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को उन्होंने ओएलएक्स पर देखा कि सफारी गाड़ी महज दो लाख रुपये में बिक रही है. लिहाजा उन्होंने सौदा करने के लिए उस पर लिखे हुए नंबर पर फोन किया. कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को संतोष कुमार बताया. उनकी बातचीत हुई. फोन रिसीव करने वाले ने खुद को सैन्य अफसर बताते हुए वाराणसी एयरपोर्ट पर अपनी ड्यूटी लगने की बात बताई. उन्होंने बताया दोनों के बीच दो लाख रुपये में सौदा तय हुआ था.
गूगल-पे के जरिए भेजी रकम
शरद ने बताया कि उसके द्वारा बताए गए आईसीआईसीआई बैंक में पुरुषोत्तम नामक शख्स के खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए गए. इस पर खुद को सैन्य अफसर बताने वाले शख्स ने शरद को एक लाख रुपये की रसीद भी भेज दी. शाम को फिर शरद ने उससे बात की इस पर उसने बाकी रकम भी ट्रांसफर करने को कहा. इसके बाद ही उन्हें गाड़ी भेजी जाएगी. पीड़ित शरद ने अपनी मां और पत्नी के खाते से कई किस्मों में गूगल-पे के जरिए रुपये ट्रांसफर कर दिए.
फिर से रुपये मांगने पर हुआ शक
शरद ने बताया कि संतोष ने उन्हें बताया कि गाड़ी वाराणसी से निकल चुकी है. ड्राइवर गाड़ी लेकर मोहनलालगंज पहुंच गया है. लेकिन रकम देने में देर हो गई जिसके कारण आपको 31 हजार 999 रुपये और देने पड़ेंगे. इसके बाद ही आपको गाड़ी मिल सकेगी. तभी शरद को ठगी का अहसास हुआ. उन्होंने बताया कि शनिवार को ओएलएक्स पर वही गाड़ी महानगर की दिखाई गई. इस पर शरद ने शनिवार को हजरतगंज कोतवाली स्थित साइबर सेल में शातिर ठग के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है.