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लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था में "आधार" के आगे सरकार के सभी विकल्प "निराधार"

आरटीओ कार्यालय से सेना के जवानों और सरकारी कर्मचारियों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी कराने में मशक्कत झेलनी पड़ रही है. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए दिए गए चार विकल्पों में से आवेदकों को सिर्फ एक विकल्प दिया जा रहा है.

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Published : Jun 13, 2023, 4:02 PM IST

लखनऊ : परिवहन विभाग ने आवेदकों को घर बैठे फेसलेस लाइसेंस के आवेदन की ऑनलाइन सुविधा तो दी, लेकिन सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए पांच विकल्पों में से सिर्फ एक ही विकल्प मौजूद है. चार विकल्प फेसलेस ऑनलाइन आवेदन में काम ही नहीं आ रहे हैं. फेसलेस में सिर्फ आधार कार्ड की ही स्वीकार्यता है, अन्य तरह के विकल्प आधारहीन हैं. इससे सेना के जवान और सरकारी कर्मचारी काफी परेशान हैं. वजह है कि आधार कार्ड स्थाई पते का होता है और इनका ट्रांसफर देश के विभिन्न प्रदेशों में कहीं भी होता रहता है. ऐसे में अगर फेसलेस लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो गृह जनपद के आरटीओ कार्यालय के लिए ही आवेदन स्वीकार होता है.

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी प्रपत्र.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी प्रपत्र.
ड्राइविंग लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था में आधार कार्ड की अनिवार्यता और शेष चार तरह के विकल्प स्वीकार न किए जाने से सेना के जवानों और कर्मचारियों के लाइसेंस नहीं बन पा रहे है. सेना के कई जवान और सरकारी कर्मचारी आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं. अधिकारी न उनकी समस्या का समाधान कर पा रहे हैं और न ही संतोषजनक जवाब दे पा रहे हैं. दरअसल, ऑनलाइन आवेदन कर आरटीओ कार्यालय में जाकर शिक्षार्थी लाइसेंस बनवाने के लिए हर रोज सिर्फ छह ही स्लॉट निर्धारित हैं, जबकि फेसलेस ऑनलाइन आवेदन न कर पाने वाले सैकड़ों आवेदक हर रोज आरटीओ कार्यालय अपना लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे हैं. जिनमें आधार के अलावा अन्य चार विकल्प इस्तेमाल हो सकते हैं. टाइम स्लॉट की संख्या काफी कम होने के कारण महीनों आगे तक का टाइम स्लॉट ही नहीं है. लिहाजा, अन्य विकल्पों का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी बातें.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी बातें.
फेसलेस व्यवस्था से इतर आवेदन में चारों विकल्प मान्य : ऑनलाइन फेसलेस व्यवस्था में सिर्फ आधार ही मान्य है, जबकि ऑनलाइन टाइम स्लॉट लेकर आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने जाने पर अन्य चार विकल्प भी मान्य है. इन चार विकल्पों के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है, लेकिन समस्या यही है कि सिर्फ छह टाइम स्लॉट होने से लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता है. महीनों स्लॉट के लिए इंतजार करना पड़ता है. वर्तमान में तीन माह से ज्यादा की वेटिंग है.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी नियम.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी नियम.

आधार कार्ड में फेस ऑथेंटिकेशन का लोचा : आरटीओ कार्यालय में हर रोज तमाम ऐसे भी आवेदक आते हैं जिनके पास आधार कार्ड है. उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल भी किया, लेकिन फेस ऑथेंटिकेशन न हो पाने के चलते बार-बार असफल हो रहे हैं. आधार की फोटो मैच न करने से आवेदक परीक्षा देने पर चीटिंग में फेल हो जा रहे हैं आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों के पास शिकायत लेकर आते हैं तो वह आधार कार्ड में फोटो अपडेट कराकर फिर से आवेदन करने की सलाह देकर वापस भेज देते हैं. आवेदक फेसलेस व्यवस्था से काफी निराश हैं.


यह भी पढ़ें : मुलायम सिंह के करीबी रहे सीपी राय ने ज्वाइन की कांग्रेस, पूर्व विधायक राकेश राठौर भी शामिल

लखनऊ : परिवहन विभाग ने आवेदकों को घर बैठे फेसलेस लाइसेंस के आवेदन की ऑनलाइन सुविधा तो दी, लेकिन सरकार की तरफ से निर्धारित किए गए पांच विकल्पों में से सिर्फ एक ही विकल्प मौजूद है. चार विकल्प फेसलेस ऑनलाइन आवेदन में काम ही नहीं आ रहे हैं. फेसलेस में सिर्फ आधार कार्ड की ही स्वीकार्यता है, अन्य तरह के विकल्प आधारहीन हैं. इससे सेना के जवान और सरकारी कर्मचारी काफी परेशान हैं. वजह है कि आधार कार्ड स्थाई पते का होता है और इनका ट्रांसफर देश के विभिन्न प्रदेशों में कहीं भी होता रहता है. ऐसे में अगर फेसलेस लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो गृह जनपद के आरटीओ कार्यालय के लिए ही आवेदन स्वीकार होता है.

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी प्रपत्र.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी प्रपत्र.
ड्राइविंग लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था में आधार कार्ड की अनिवार्यता और शेष चार तरह के विकल्प स्वीकार न किए जाने से सेना के जवानों और कर्मचारियों के लाइसेंस नहीं बन पा रहे है. सेना के कई जवान और सरकारी कर्मचारी आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं. अधिकारी न उनकी समस्या का समाधान कर पा रहे हैं और न ही संतोषजनक जवाब दे पा रहे हैं. दरअसल, ऑनलाइन आवेदन कर आरटीओ कार्यालय में जाकर शिक्षार्थी लाइसेंस बनवाने के लिए हर रोज सिर्फ छह ही स्लॉट निर्धारित हैं, जबकि फेसलेस ऑनलाइन आवेदन न कर पाने वाले सैकड़ों आवेदक हर रोज आरटीओ कार्यालय अपना लाइसेंस बनवाने पहुंच रहे हैं. जिनमें आधार के अलावा अन्य चार विकल्प इस्तेमाल हो सकते हैं. टाइम स्लॉट की संख्या काफी कम होने के कारण महीनों आगे तक का टाइम स्लॉट ही नहीं है. लिहाजा, अन्य विकल्पों का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी बातें.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी बातें.
फेसलेस व्यवस्था से इतर आवेदन में चारों विकल्प मान्य : ऑनलाइन फेसलेस व्यवस्था में सिर्फ आधार ही मान्य है, जबकि ऑनलाइन टाइम स्लॉट लेकर आरटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवाने जाने पर अन्य चार विकल्प भी मान्य है. इन चार विकल्पों के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है, लेकिन समस्या यही है कि सिर्फ छह टाइम स्लॉट होने से लोगों को इसका फायदा नहीं मिलता है. महीनों स्लॉट के लिए इंतजार करना पड़ता है. वर्तमान में तीन माह से ज्यादा की वेटिंग है.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी नियम.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जरूरी नियम.

आधार कार्ड में फेस ऑथेंटिकेशन का लोचा : आरटीओ कार्यालय में हर रोज तमाम ऐसे भी आवेदक आते हैं जिनके पास आधार कार्ड है. उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल भी किया, लेकिन फेस ऑथेंटिकेशन न हो पाने के चलते बार-बार असफल हो रहे हैं. आधार की फोटो मैच न करने से आवेदक परीक्षा देने पर चीटिंग में फेल हो जा रहे हैं आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों के पास शिकायत लेकर आते हैं तो वह आधार कार्ड में फोटो अपडेट कराकर फिर से आवेदन करने की सलाह देकर वापस भेज देते हैं. आवेदक फेसलेस व्यवस्था से काफी निराश हैं.


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