लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब किसी आवेदक को अगर अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो आरटीओ कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं होगी. परिवहन विभाग ने घर बैठे लर्नर लाइसेंस बनवाने की सुविधा पूरी तरह लागू कर दी है. फेसलेस व्यवस्था के तहत अब घर, दफ्तर या फिर जन सुविधा केंद्र के साथ ही साइबर कैफे से आवेदक लर्नर लाइसेंस का आवेदन कर सकते हैं. वहीं पर टेस्ट भी हो जाएगा और पास होने पर लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.
फेसलेस व्यवस्था लागू करने के लिए परिवहन विभाग की तरफ से पहले सभी आरटीओ कार्यालयों के टाइम स्लॉट कम किए गए. इसके बाद अब पूरी तरह खत्म कर दिए गए. इसके चलते यह सुविधा आवेदकों के लिए ही सरदर्द साबित होने लगी है. अब हर रोज काफी कम संख्या में ही लाइसेंस जारी हो पाएंगे.
पहले थे 450 स्लॉट, अब रह गए 3 से 6 स्लॉट : ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय की बात करें तो पहले की तुलना में यहां पर डीएल के स्लॉट में काफी कमी कर दी गई. शिक्षार्थी लाइसेंस के स्लॉट पहले 450 थे. इसके बाद 225 कर दिए गए और फिर सिर्फ 114 ही स्लॉट लर्नर लाइसेंस के लिए फिक्स किए गए. यानी लर्नर लाइसेंस के स्लॉट पहले की तुलना में लगभग आधे कर दिए गए. फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद अगर स्लॉट की बात करें तो आरटीओ कार्यालयों के लिए सिर्फ छह स्लॉट और एआरटीओ कार्यालय के लिए महज तीन स्लॉट ही छोड़े गए हैं. यानी अब हर रोज आरटीओ कार्यालय से आधा दर्जन ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो सकेंगे.
साइबर कैफे संचालकों की होगी चांदी : फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद आरटीओ कार्यालय में भीड़ कम हो जाएगी और यहां पर लर्नर लाइसेंस का काम भी खत्म हो जाएगा. वहीं, इस सुविधा से साइबर कैफे का संचालन करने वाले लोगों की चांदी हो जाएगी. इसकी वजह है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन के लिए साइबर कैफे जाना आवेदक मजबूरी होगी क्योंकि आवेदन के लिए नियम ऐसे हैं कि जिन्हें घर बैठे पूरा करना आम व्यक्ति के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है. पढ़े-लिखे लोग भी खुद से लाइसेंस का आवेदन करने में असमर्थ हैं. ऐसे में सीधे तौर पर साइबर कैफे संचालकों को इसका फायदा मिलेगा.
घर में कंप्यूटर नहीं तो आवेदन नहीं : परिवहन विभाग ने भले ही लोगों को यह सुविधा दी हो कि वह घर बैठे अपना लर्नर लाइसेंस बनवा सकें लेकिन इसके पीछे भी एक बड़ी समस्या है. शहरी इलाकों में तो कुछ लोगों के पास कंप्यूटर हो सकता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी हर घर में कंप्यूटर नहीं है. ऐसे में अब आम लोग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए और भी ज्यादा ठगी का शिकार होगा. मुंहमांगी कीमत वसूली जाएगी और उसकी मजबूरी होगी कि वह लाइसेंस के लिए मुंहमांगी रकम अदा करें.
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लाइसेंस के लिए आधार की अनिवार्यता: आरटीओ कार्यालयों में 100 फीसदी फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद अब बिना आधार के ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन नहीं हो सकेंगे. आधार प्रमाणीकरण के बाद ही लर्नर लाइसेंस के आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू कहते हैं कि घर बैठे लर्नर लाइसेंस की प्रक्रिया से अब लोग परिचित हो गए हैं. इसलिए अब पूरी तरह से फेसलेस व्यवस्था लागू कर दी गई है. इसके बाद अब आवेदक को अपने लर्नर लाइसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं है. घर से ही आवेदन कर सकते हैं. इससे लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी.
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