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24 घंटे पढ़ने से नहीं बस इतना करने से मिल जाएगी सफलता, केजीएमयू के टॉपर्स ने साझा किए अनुभव

केजीएमयू के दीक्षांत समारोह में चार ऐसे टॉपर्स हैं जिन्हें एक से अधिक गोल्ड मेडल मिले. इनमें एक छात्र और तीन छात्राएं हैं. एमबीबीएस के छात्र डॉ. दीपक बंसल को कुल आठ मेडल मिले हैं. डॉ. मेहविश को सर्वाधिक 15, बीडीएस की डॉ. गुंजन को आठ और नेहा रानी को कुल 6 मेडल मिले हैं. इनकी सफलता के पीछे कुछ खास वजह है. मेधावियों ने ईटीवी भारत से यह सीक्रेट साझा किया है.

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Published : Dec 23, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 8:06 PM IST

केजीएमयू के टाॅपर्स से बातचीत.

लखनऊ : केजीएमयू के दीक्षांत समारोह में चार ऐसे टॉपर्स हैं जिन्हें एक से अधिक गोल्ड मेडल मिले. इनमें एक छात्र और तीन छात्राएं हैं. एमबीबीएस के छात्र दीपक बंसल को कुल आठ मेडल मिले हैं. डॉ. मेहविश को सर्वाधिक 15, बीडीएस की गुंजन को आठ और नेहा रानी को कुल 6 मेडल मिले हैं. इनकी सफलता के पीछे कुछ खास वजह है. मेधावियों ने ईटीवी भारत से यह सीक्रेट साझा किया है.

मुरादाबाद निवासी डाॅ. नंदनी (Nandni resident of Moradabad) ने बताया कि मेरे पिता अब्सार अहमद भी डॉक्टर हैं. उन्हीं से प्रेरित होकर भाई ने एम्स से एमबीबीएस और अब मैंने केजीएमयू से एमबीबीएस किया. हालांकि मेरी रुचि नॉन क्लीनिक विषय (non clinic topics) में कॅरिअर बनाने की है. अभी पीजी की तैयारी कर रही हूं और बाद में एकेडमिक्स में जाना चाहती हूं.

केजीएमयू के टाॅपर्स.
केजीएमयू के टाॅपर्स.

वेस्ट बंगाल की रहने वाली डॉ. अंकिता मंडल (Dr. Ankita Mandal, resident of West Bengal) ने बताया कि मैं अपने परिवार की पहली डॉक्टर बनूंगी. आगे एमडीएस करना चाहती हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने गांव के लिए कुछ करूं. यहां लोग ओरल हेल्थ के बार में बहुत कम जानते हैं. इसलिए यहां कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करूंगी. मुरादाबाद की रहने वाली डॉ. वैभव शर्मा (Vaibhav Sharma, resident of Moradabad) ने बताया कि रिजल्ट आने पर पैरंट्स काफी सदा खुश हैं. इसके लिए बहुत मेहनत की. जूनियर से यही कहना चाहेंगे कि चोरी नहीं कि आप 24 घंटा बैठ कर पढ़ें, जरूरी यह है कि अब जितने भी घंटे पढ़ रहे हैं उस पर फोकस करें.

केजीएमयू के टाॅपर्स.
केजीएमयू के टाॅपर्स.

हाथरस की रहने वाली डॉ. नेहा रानी (Neha Rani resident of Hathras) ने बताया कि आज का दिन हमारे लिए बहुत स्पेशल है, क्योंकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) ने सम्मानित किया है. गाजियाबाद की डॉ. गुंजन मेहता (Gunjan Mehta of Ghaziabad) ने बताया कि मैंने जब स्कूल में ग्यारहवीं में बाॅयोलाॅजी ली थी तभी तय कर लिया था कि मुझे डॉक्टर बनना है. इसके बाद तैयारी शुरू और कामयाबी मिली. अब मैं आगे पीजी करना चाहती हूं और डेंटल में इलाज के बेहतर आयाम विकसित करने पर काम करूंगी. आगरा निवासी डॉ. कृति गुप्ता (Agra resident Kriti Gupta) ने बताया कि इस रिजल्ट के लिए बहुत मेहनत किया है. आज अवार्ड पाने के बाद काफी अच्छा लग रहा है. पैरेंट भी काफी ज्यादा खुश हैं. जूनियर्स को यही मैसेज है कि हम पूरी किताब नहीं पढ़ सकते हैं, लेकिन जितना जरूरी है फोकस करके उसको अच्छे से पढ़ सकते हैं. कमजोर पड़ने पर टीचरों की मदद ले सकते हैं.

यह भी पढ़ें : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों को समझाई माता-पिता की अहमियत, कही ये बड़ी बात

केजीएमयू के टाॅपर्स से बातचीत.

लखनऊ : केजीएमयू के दीक्षांत समारोह में चार ऐसे टॉपर्स हैं जिन्हें एक से अधिक गोल्ड मेडल मिले. इनमें एक छात्र और तीन छात्राएं हैं. एमबीबीएस के छात्र दीपक बंसल को कुल आठ मेडल मिले हैं. डॉ. मेहविश को सर्वाधिक 15, बीडीएस की गुंजन को आठ और नेहा रानी को कुल 6 मेडल मिले हैं. इनकी सफलता के पीछे कुछ खास वजह है. मेधावियों ने ईटीवी भारत से यह सीक्रेट साझा किया है.

मुरादाबाद निवासी डाॅ. नंदनी (Nandni resident of Moradabad) ने बताया कि मेरे पिता अब्सार अहमद भी डॉक्टर हैं. उन्हीं से प्रेरित होकर भाई ने एम्स से एमबीबीएस और अब मैंने केजीएमयू से एमबीबीएस किया. हालांकि मेरी रुचि नॉन क्लीनिक विषय (non clinic topics) में कॅरिअर बनाने की है. अभी पीजी की तैयारी कर रही हूं और बाद में एकेडमिक्स में जाना चाहती हूं.

केजीएमयू के टाॅपर्स.
केजीएमयू के टाॅपर्स.

वेस्ट बंगाल की रहने वाली डॉ. अंकिता मंडल (Dr. Ankita Mandal, resident of West Bengal) ने बताया कि मैं अपने परिवार की पहली डॉक्टर बनूंगी. आगे एमडीएस करना चाहती हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने गांव के लिए कुछ करूं. यहां लोग ओरल हेल्थ के बार में बहुत कम जानते हैं. इसलिए यहां कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करूंगी. मुरादाबाद की रहने वाली डॉ. वैभव शर्मा (Vaibhav Sharma, resident of Moradabad) ने बताया कि रिजल्ट आने पर पैरंट्स काफी सदा खुश हैं. इसके लिए बहुत मेहनत की. जूनियर से यही कहना चाहेंगे कि चोरी नहीं कि आप 24 घंटा बैठ कर पढ़ें, जरूरी यह है कि अब जितने भी घंटे पढ़ रहे हैं उस पर फोकस करें.

केजीएमयू के टाॅपर्स.
केजीएमयू के टाॅपर्स.

हाथरस की रहने वाली डॉ. नेहा रानी (Neha Rani resident of Hathras) ने बताया कि आज का दिन हमारे लिए बहुत स्पेशल है, क्योंकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) ने सम्मानित किया है. गाजियाबाद की डॉ. गुंजन मेहता (Gunjan Mehta of Ghaziabad) ने बताया कि मैंने जब स्कूल में ग्यारहवीं में बाॅयोलाॅजी ली थी तभी तय कर लिया था कि मुझे डॉक्टर बनना है. इसके बाद तैयारी शुरू और कामयाबी मिली. अब मैं आगे पीजी करना चाहती हूं और डेंटल में इलाज के बेहतर आयाम विकसित करने पर काम करूंगी. आगरा निवासी डॉ. कृति गुप्ता (Agra resident Kriti Gupta) ने बताया कि इस रिजल्ट के लिए बहुत मेहनत किया है. आज अवार्ड पाने के बाद काफी अच्छा लग रहा है. पैरेंट भी काफी ज्यादा खुश हैं. जूनियर्स को यही मैसेज है कि हम पूरी किताब नहीं पढ़ सकते हैं, लेकिन जितना जरूरी है फोकस करके उसको अच्छे से पढ़ सकते हैं. कमजोर पड़ने पर टीचरों की मदद ले सकते हैं.

यह भी पढ़ें : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों को समझाई माता-पिता की अहमियत, कही ये बड़ी बात

Last Updated : Dec 23, 2022, 8:06 PM IST
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