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इसी साल पूरा हो जाएगा लखनऊ आउटर रिंग रोड का काम

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आउटर रिंग रोड का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2021 के अंत तक इस आउटर रिंग रोड पर यातायात शुरू हो जाएगा. वहीं इससे लखनऊ शहर के भीतर लगने वाले भीषण जाम से मुक्ति मिल सकेगी.

दिवाकर त्रिपाठी से खास बातचीत.
दिवाकर त्रिपाठी से खास बातचीत.
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Published : Jan 3, 2021, 9:06 AM IST

Updated : Jan 3, 2021, 4:54 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ से होकर गुजरने वाले लोगों को 104 किलोमीटर लंबे आउटर रिंग रोड पर चलने का तोहफा इसी साल मिलने की पूरी उम्मीद है. छह हजार करोड़ का यह निर्माणाधीन आउटर रिंग रोड देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस पर काम पूरा होने के बाद लखनऊ में पूरी तरह जाम की समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगी. इस बड़े प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है.

दिवाकर त्रिपाठी से खास बातचीत.

छह हजार करोड़ रुपये है लागत

छह हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस आउटर रिंग रोड पर तीन से चार लाख वाहन प्रतिदिन फर्राटा भरेंगे. देश के कई राज्यों से वाया लखनऊ गुजरने वाले वाहन इसी आउटर रिंग रोड से जाएंगे और लखनऊ में पूरी तरह से यातायात की समस्या समाप्त हो सकेगी. इस पूरे प्रोजेक्ट और इसके एलाइनमेंट लेआउट पर जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व लखनऊ से सांसद दिवाकर त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

104 किमी लंबा होगा आउटर रिंग रोड

इस आउटर रिंग रोड का पूरा लेआउट 104 किलोमीटर का है. सुलतानपुर रोड के पास यह हाईवे को जोड़ने का काम करता है. 3300 करोड़ रुपये से 127 किलोमीटर लखनऊ-सुलतानपुर चार लेन सीमेंट कंक्रीट से चौड़ीकरण हो गया है. इसके बाद सुलतानपुर रोड से ही एक क्लवर लीफ भी बन रहा है. इससे सुलतानपुर रोड हाईवे से आने वाले लोग इसमें आ जा सकेंगे.

कई राज्यों से आने वाला ट्रैफिक भी इससे निकलेगा

सुलतानपुर का यह जो हाईवे है, वह मुगलसराय होते हुए बिहार, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा सहित कई राज्यों को वाया लखनऊ जोड़ने वाला है. इसके बाद सुलतानपुर रोड से यह आउटर रिंग रोड शुरू हो रही है, यह आकर फैजाबाद रोड तक 12 किलोमीटर तक पूरी तरह से बन चुकी है. बीच में जो नहर है, उसके दोनों तरफ 3-3 लेन की रोड बनाई गई है. इसमें बहुत खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. यह काफी इंपोर्टेंट है.

डिफेंस कॉरीडोर से जुड़ा ट्रैफिक भी गुजरेगा

आगे आने वाले दिनों में डिफेंस कॉरिडोर को लेकर जाओ यातायात का मूवमेंट होगा. कानपुर से लखनऊ और इधर होते हुए आउटर रिंग रोड के किनारे उस समय यह सुलतानपुर रोड क्लवर लीफ है, तो वह इंपॉर्टेंट होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जो बन रहा है, उसे भी लखनऊ में जोड़ने का काम हो रहा है. इस साल के अंत तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे कंप्लीट हो जाएगा. उसे आउटर रिंग रोड सुलतानपुर रोड से जोड़ा जा सकेगा. इसकी काफी ज्यादा इंपोर्टेंस है.

राम मंदिर के पत्थर लाने वाला ट्रैफिक भी निकलेगा

इसी तरह अयोध्या में जो राम मंदिर को लेकर पत्थर लाने का काम है, वह भी इसी से आएगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से अयोध्या जाने वाला ट्रैफिक भी इसी से होकर गुजरेगा. यहीं पर फैजाबाद रोड आकर मिलता है, यहां से अयोध्या मार्ग को घूम जाएगा. यह नहर के किनारे-किनारे जो हाईवे बन रहा है, वह भी पूरा हो गया है. कुर्सी रोड तक कुल मिलाकर 12 किलोमीटर का किसान पथ का जो क्षेत्र है, वह बन चुका है. किसान पथ का जो 12 किलोमीटर का हिस्सा है, इसमें 3-3 लेन का है और बाकी यह आउटर रिंग रोड में सम्मिलित रहेगा. बाकी आठ लेन का पूरा 92 किलोमीटर का रहेगा. चार लेन की तो मेन कैरिज वे है, जिसमें पूरा ट्रैफिक चलेगा और दो-दो लेन दोनों साइड सर्विस रोड के रूप में उपयोग होगी.

कुर्सी रोड पर चल रहा है काम

कुर्सी रोड से सीतापुर रोड तक के सेक्शन का काम हो रहा है. यहां पर ब्रिज बनाए जा रहे हैं. काफी काम यहां पर हो चुका है. करीब 75 परसेंट काम यहां पर हो चुका है. उम्मीद करते हैं कि यह सेक्शन भी अप्रैल-मई तक चलने लगेगा. सीतापुर रोड से सुलतानपुर रोड तक यह जो 42 किलोमीटर का आउटर रिंग रोड कंप्लीट हो जाएगा.

जम्मू कश्मीर से आने वाला ट्रैफिक इसी से होकर बिहार बंगाल जाएगा

सीतापुर रोड एनएच 24 बहुत इंपॉर्टेंट है. जम्मू कश्मीर से पंजाब और दिल्ली से बिहार और बंगाल तक जाने के लिए सारा ट्रैफिक इसी से आता है. उसे भी जोड़ने का काम यही आउटर रिंग रोड करेगा. सुलतानपुर रोड से सीतापुर रोड दूर जाने से सारा ट्रैफिक निकलने लगेगा. जिसको कानपुर भी जाना है, वह सुलतानपुर रोड पर उतरकर गोसाईगंज-मोहनलालगंज होते हुए बंथरा से कानपुर निकल जाएंगे. यह जैसे ही कंप्लीट होगा, वैसे ही अंदर शहर का ट्रैफिक है, वह पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा.

आउटर रिंग रोड़ से गुजरेगा शहीद पथ का ट्रैफिक

फरवरी के पहले सप्ताह में शहीद पथ पर जितना हाईवे ट्रैफिक चलता है, वह इसमें जुड़ जाएगा. किसान पथ पर चढ़कर वह आगे अपने गंतव्य की ओर निकल जाएगा. फैजाबाद मार्ग पर नहर से लेकर हाईकोर्ट तक रोज जाम की स्थिति बनी रहती है, यह पूरी तरह से जाम मुक्त हो जाएगा. शहीद पथ भी हमारा पूरी तरह से जाम से मुक्त हो जाएगा और यह पूरा ट्रैफिक आगे बढ़ जाएगा.

रेल कम रोड ओवर ब्रिज भी बन रहा है

सीतापुर रोड पर जब काम अप्रैल-मई में पूरा हो जाएगा, उसके बाद यहां पर जो रेलवे लाइन और रोड को मिलाकर और सीतापुर हाईवे को मिलाकर रेल कम रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा, इसमें बड़े-बड़े बीम रखकर बनाया जाएगा. हमें उम्मीद है कि यह जो और बीम का काम है, वह अक्टूबर तक कंप्लीट हो जाएगा. इसके बाद आगे का जो सेक्शन सीतापुर रोड से लेकर गोमती नदी तक है, वह करीब 12 किलोमीटर गोमती नदी तक कंप्लीट हो चुका है और अच्छी ड्राइव है.

गोमती नदी पर पाइलिंग का काम जारी

गोमती नदी के ऊपर भी पाइलिंग का काम चल रहा है. इसमें ब्रिज बनाया जा रहा है, जो नवंबर में कंप्लीट हो जाएगा. इसके बाद फिर हरदोई रोड का जो सेक्शन है, पूरा हो चुका है. यह मान कर चलिए कि नवंबर तक वहां पर टच कर लेंगे. हरदोई रोड से फिर जो मोहान रोड का पैच है, आगरा एक्सप्रेस को जोड़ने वाला उस पर काम चल रहा है. आगरा एक्सप्रेस वे के ऊपर से जो ब्रिज निकलना है, आउटर रिंग रोड ऊपर से क्रॉस करेगी उसमें भी पाइलिंग का काम चल रहा है. इसमें करीब हंड्रेड पिलर्स लगाकर एक्सप्रेसवे के ऊपर से आउटर रिंग रोड को निकाला जाना है, दिसंबर तक उसे पूरा कर लिया जाएगा.

दिवाकर त्रिपाठी ने बताआ कि इस समय जो इंपॉर्टेंट वर्क चल रहे हैं. वह गोमती नदी पाइलिंग और सीतापुर रोड पर पाइलिंग, आउटर रिंग रोड के ऊपर पाइलिंग. इसके बाद आगरा एक्सप्रेस वे से जब कानपुर की तरफ आएंगे तो उधर भी हमारा अर्थ वर्क चल रहा है. हमें उम्मीद है कि यह सारे काम दिसंबर तक कंप्लीट हो जाएंगे और फिर यातायात पर शुरू हो सकेगा.

लखनऊ में जाम की समस्या होगी दूर

कुल मिलाकर इस पूरे प्रोजेक्ट में तेजी से काम हो रहा है. हमें पूरी उम्मीद है कि दिसंबर 2021 तक यह काम कंप्लीट हो जाएगा और फिर कई राज्यों से लखनऊ से गुजरने वाला करीब तीन से चार लाख वाहनों का बड़ा ट्रैफिक इसी से निकलेगा और लखनऊ में यातायात की समस्या हल हो सकेगी.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ से होकर गुजरने वाले लोगों को 104 किलोमीटर लंबे आउटर रिंग रोड पर चलने का तोहफा इसी साल मिलने की पूरी उम्मीद है. छह हजार करोड़ का यह निर्माणाधीन आउटर रिंग रोड देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस पर काम पूरा होने के बाद लखनऊ में पूरी तरह जाम की समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगी. इस बड़े प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है.

दिवाकर त्रिपाठी से खास बातचीत.

छह हजार करोड़ रुपये है लागत

छह हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस आउटर रिंग रोड पर तीन से चार लाख वाहन प्रतिदिन फर्राटा भरेंगे. देश के कई राज्यों से वाया लखनऊ गुजरने वाले वाहन इसी आउटर रिंग रोड से जाएंगे और लखनऊ में पूरी तरह से यातायात की समस्या समाप्त हो सकेगी. इस पूरे प्रोजेक्ट और इसके एलाइनमेंट लेआउट पर जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व लखनऊ से सांसद दिवाकर त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

104 किमी लंबा होगा आउटर रिंग रोड

इस आउटर रिंग रोड का पूरा लेआउट 104 किलोमीटर का है. सुलतानपुर रोड के पास यह हाईवे को जोड़ने का काम करता है. 3300 करोड़ रुपये से 127 किलोमीटर लखनऊ-सुलतानपुर चार लेन सीमेंट कंक्रीट से चौड़ीकरण हो गया है. इसके बाद सुलतानपुर रोड से ही एक क्लवर लीफ भी बन रहा है. इससे सुलतानपुर रोड हाईवे से आने वाले लोग इसमें आ जा सकेंगे.

कई राज्यों से आने वाला ट्रैफिक भी इससे निकलेगा

सुलतानपुर का यह जो हाईवे है, वह मुगलसराय होते हुए बिहार, झारखंड, बंगाल और उड़ीसा सहित कई राज्यों को वाया लखनऊ जोड़ने वाला है. इसके बाद सुलतानपुर रोड से यह आउटर रिंग रोड शुरू हो रही है, यह आकर फैजाबाद रोड तक 12 किलोमीटर तक पूरी तरह से बन चुकी है. बीच में जो नहर है, उसके दोनों तरफ 3-3 लेन की रोड बनाई गई है. इसमें बहुत खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. यह काफी इंपोर्टेंट है.

डिफेंस कॉरीडोर से जुड़ा ट्रैफिक भी गुजरेगा

आगे आने वाले दिनों में डिफेंस कॉरिडोर को लेकर जाओ यातायात का मूवमेंट होगा. कानपुर से लखनऊ और इधर होते हुए आउटर रिंग रोड के किनारे उस समय यह सुलतानपुर रोड क्लवर लीफ है, तो वह इंपॉर्टेंट होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जो बन रहा है, उसे भी लखनऊ में जोड़ने का काम हो रहा है. इस साल के अंत तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे कंप्लीट हो जाएगा. उसे आउटर रिंग रोड सुलतानपुर रोड से जोड़ा जा सकेगा. इसकी काफी ज्यादा इंपोर्टेंस है.

राम मंदिर के पत्थर लाने वाला ट्रैफिक भी निकलेगा

इसी तरह अयोध्या में जो राम मंदिर को लेकर पत्थर लाने का काम है, वह भी इसी से आएगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से अयोध्या जाने वाला ट्रैफिक भी इसी से होकर गुजरेगा. यहीं पर फैजाबाद रोड आकर मिलता है, यहां से अयोध्या मार्ग को घूम जाएगा. यह नहर के किनारे-किनारे जो हाईवे बन रहा है, वह भी पूरा हो गया है. कुर्सी रोड तक कुल मिलाकर 12 किलोमीटर का किसान पथ का जो क्षेत्र है, वह बन चुका है. किसान पथ का जो 12 किलोमीटर का हिस्सा है, इसमें 3-3 लेन का है और बाकी यह आउटर रिंग रोड में सम्मिलित रहेगा. बाकी आठ लेन का पूरा 92 किलोमीटर का रहेगा. चार लेन की तो मेन कैरिज वे है, जिसमें पूरा ट्रैफिक चलेगा और दो-दो लेन दोनों साइड सर्विस रोड के रूप में उपयोग होगी.

कुर्सी रोड पर चल रहा है काम

कुर्सी रोड से सीतापुर रोड तक के सेक्शन का काम हो रहा है. यहां पर ब्रिज बनाए जा रहे हैं. काफी काम यहां पर हो चुका है. करीब 75 परसेंट काम यहां पर हो चुका है. उम्मीद करते हैं कि यह सेक्शन भी अप्रैल-मई तक चलने लगेगा. सीतापुर रोड से सुलतानपुर रोड तक यह जो 42 किलोमीटर का आउटर रिंग रोड कंप्लीट हो जाएगा.

जम्मू कश्मीर से आने वाला ट्रैफिक इसी से होकर बिहार बंगाल जाएगा

सीतापुर रोड एनएच 24 बहुत इंपॉर्टेंट है. जम्मू कश्मीर से पंजाब और दिल्ली से बिहार और बंगाल तक जाने के लिए सारा ट्रैफिक इसी से आता है. उसे भी जोड़ने का काम यही आउटर रिंग रोड करेगा. सुलतानपुर रोड से सीतापुर रोड दूर जाने से सारा ट्रैफिक निकलने लगेगा. जिसको कानपुर भी जाना है, वह सुलतानपुर रोड पर उतरकर गोसाईगंज-मोहनलालगंज होते हुए बंथरा से कानपुर निकल जाएंगे. यह जैसे ही कंप्लीट होगा, वैसे ही अंदर शहर का ट्रैफिक है, वह पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा.

आउटर रिंग रोड़ से गुजरेगा शहीद पथ का ट्रैफिक

फरवरी के पहले सप्ताह में शहीद पथ पर जितना हाईवे ट्रैफिक चलता है, वह इसमें जुड़ जाएगा. किसान पथ पर चढ़कर वह आगे अपने गंतव्य की ओर निकल जाएगा. फैजाबाद मार्ग पर नहर से लेकर हाईकोर्ट तक रोज जाम की स्थिति बनी रहती है, यह पूरी तरह से जाम मुक्त हो जाएगा. शहीद पथ भी हमारा पूरी तरह से जाम से मुक्त हो जाएगा और यह पूरा ट्रैफिक आगे बढ़ जाएगा.

रेल कम रोड ओवर ब्रिज भी बन रहा है

सीतापुर रोड पर जब काम अप्रैल-मई में पूरा हो जाएगा, उसके बाद यहां पर जो रेलवे लाइन और रोड को मिलाकर और सीतापुर हाईवे को मिलाकर रेल कम रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा, इसमें बड़े-बड़े बीम रखकर बनाया जाएगा. हमें उम्मीद है कि यह जो और बीम का काम है, वह अक्टूबर तक कंप्लीट हो जाएगा. इसके बाद आगे का जो सेक्शन सीतापुर रोड से लेकर गोमती नदी तक है, वह करीब 12 किलोमीटर गोमती नदी तक कंप्लीट हो चुका है और अच्छी ड्राइव है.

गोमती नदी पर पाइलिंग का काम जारी

गोमती नदी के ऊपर भी पाइलिंग का काम चल रहा है. इसमें ब्रिज बनाया जा रहा है, जो नवंबर में कंप्लीट हो जाएगा. इसके बाद फिर हरदोई रोड का जो सेक्शन है, पूरा हो चुका है. यह मान कर चलिए कि नवंबर तक वहां पर टच कर लेंगे. हरदोई रोड से फिर जो मोहान रोड का पैच है, आगरा एक्सप्रेस को जोड़ने वाला उस पर काम चल रहा है. आगरा एक्सप्रेस वे के ऊपर से जो ब्रिज निकलना है, आउटर रिंग रोड ऊपर से क्रॉस करेगी उसमें भी पाइलिंग का काम चल रहा है. इसमें करीब हंड्रेड पिलर्स लगाकर एक्सप्रेसवे के ऊपर से आउटर रिंग रोड को निकाला जाना है, दिसंबर तक उसे पूरा कर लिया जाएगा.

दिवाकर त्रिपाठी ने बताआ कि इस समय जो इंपॉर्टेंट वर्क चल रहे हैं. वह गोमती नदी पाइलिंग और सीतापुर रोड पर पाइलिंग, आउटर रिंग रोड के ऊपर पाइलिंग. इसके बाद आगरा एक्सप्रेस वे से जब कानपुर की तरफ आएंगे तो उधर भी हमारा अर्थ वर्क चल रहा है. हमें उम्मीद है कि यह सारे काम दिसंबर तक कंप्लीट हो जाएंगे और फिर यातायात पर शुरू हो सकेगा.

लखनऊ में जाम की समस्या होगी दूर

कुल मिलाकर इस पूरे प्रोजेक्ट में तेजी से काम हो रहा है. हमें पूरी उम्मीद है कि दिसंबर 2021 तक यह काम कंप्लीट हो जाएगा और फिर कई राज्यों से लखनऊ से गुजरने वाला करीब तीन से चार लाख वाहनों का बड़ा ट्रैफिक इसी से निकलेगा और लखनऊ में यातायात की समस्या हल हो सकेगी.

Last Updated : Jan 3, 2021, 4:54 PM IST
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