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जहरीली शराबः 5 साल में जा चुकी इतनी जान, अधिकारी नहीं ले रहे ध्यान

उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से शराब बनाने का कारोबार होता है. जहरीली शराब पीने से पिछले पांच सालों में 223 लोगों की मौत हो गई है. उसके बाद भी आबकारी विभाग इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है.

अवैध शराब पर नहीं लग रही लगाम.
अवैध शराब पर नहीं लग रही लगाम.
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Published : Nov 13, 2020, 9:38 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 11:00 PM IST

लखनऊ: यूपी की राजधानी सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से शराब बनाने का कारोबार किया जाता है. जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत भी हो रही है. इसके बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है.

अवैध शराब पर नहीं लग रही लगाम.


ताजा मामला राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र का है. यहां पर जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई. आंकड़ों की बात करें तो बीते 5 वर्षों में अक्टूबर 2020 तक 223 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है.


राजधानी के आसपास इलाकों में बड़े पैमाने पर बनाई जाती है अवैध शराब

यूपी की राजधानी और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध शराब का कारोबार किया जाता है. राजधानी लखनऊ के गांव में भट्ठी लगाकर लोग अवैध शराब बनाते हैं. कई बार शराब में मिलने वाले केमिकल की मात्रा कम या ज्यादा होने से लोगों की मौत हो जाती है. राजधानी लखनऊ के बंथरा, मोहनलालगंज, बीकेटी, चिनहट सहित पड़ोसी जिले सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई व उन्नाव में अवैध रूप से शराब बनाई जाती है.


5 वर्षों में हुई कार्रवाई
आबकारी विभाग का दावा है कि बीते 5 वर्षो में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए हैं. विभागीय आंकड़ों की बात करें तो बीते 5 वर्षों में 42,465 कार्रवाई की गई है और 1, 35,69,035 लीटर शराब जब्त की गई है. अवैध शराब के मामले में 2,27,622 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 6265 वाहनों को भी जब्त किया गया है.



अवैध शराब की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले डेढ़ वर्षो में बड़े पैमाने पर अवैध शराब के मामले में कार्रवाई की गई है. पुलिस विभाग और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने अवैध शराब की रोकथाम के लिए अभियान चलाया है. उन्होंने कहा कि अवैध शराब के मामले में सूचना मिलती है, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर प्रभावी कार्रवाई की जाती है.

संजय भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव आबकारी

लखनऊ: यूपी की राजधानी सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से शराब बनाने का कारोबार किया जाता है. जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत भी हो रही है. इसके बाद भी पुलिस और आबकारी विभाग इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है.

अवैध शराब पर नहीं लग रही लगाम.


ताजा मामला राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र का है. यहां पर जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई. आंकड़ों की बात करें तो बीते 5 वर्षों में अक्टूबर 2020 तक 223 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है.


राजधानी के आसपास इलाकों में बड़े पैमाने पर बनाई जाती है अवैध शराब

यूपी की राजधानी और आसपास के जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध शराब का कारोबार किया जाता है. राजधानी लखनऊ के गांव में भट्ठी लगाकर लोग अवैध शराब बनाते हैं. कई बार शराब में मिलने वाले केमिकल की मात्रा कम या ज्यादा होने से लोगों की मौत हो जाती है. राजधानी लखनऊ के बंथरा, मोहनलालगंज, बीकेटी, चिनहट सहित पड़ोसी जिले सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई व उन्नाव में अवैध रूप से शराब बनाई जाती है.


5 वर्षों में हुई कार्रवाई
आबकारी विभाग का दावा है कि बीते 5 वर्षो में अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए हैं. विभागीय आंकड़ों की बात करें तो बीते 5 वर्षों में 42,465 कार्रवाई की गई है और 1, 35,69,035 लीटर शराब जब्त की गई है. अवैध शराब के मामले में 2,27,622 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं 6265 वाहनों को भी जब्त किया गया है.



अवैध शराब की रोकथाम के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले डेढ़ वर्षो में बड़े पैमाने पर अवैध शराब के मामले में कार्रवाई की गई है. पुलिस विभाग और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने अवैध शराब की रोकथाम के लिए अभियान चलाया है. उन्होंने कहा कि अवैध शराब के मामले में सूचना मिलती है, जिसके बाद मौके पर पहुंचकर प्रभावी कार्रवाई की जाती है.

संजय भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव आबकारी

Last Updated : Nov 13, 2020, 11:00 PM IST
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