ETV Bharat / state

लखनऊ : पूर्व सैनिक आवास विकास विभाग से लड़ रहे हैं अपने हक की लड़ाई - jai jawan jai kisan

पूर्व सैनिक मांगों को लेकर परिवार के साथ आवास विकास परिषद कार्यालय पहुंचे. पूर्व सैनिकों ने सरकार पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए अपना विरोध जताया.

बिना नोटिस दिए आवास-विकास ने गिरा दिया मकान
author img

By

Published : Feb 21, 2019, 5:16 PM IST

लखनऊ : लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था लेकिन राजधानी लखनऊ में सरकार जवानों से उनका हक छीनने का काम कर रही है. आवास-विकास ने कुछ सैनिकों के सिर से छत छीन ली है, जिससे 72 सैनिकों के परिवार खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.


सीमा पर लड़कर देश की रक्षा करने वाले पूर्व सैनिकों ने देश की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन आज उनको डर रहता है कि न जाने कब आवास-विकास का बुलडोजर उनके घरों पर चल जाये.

बिना नोटिस दिए आवास-विकास ने गिरा दिया मकान


दरअसल मामला राजधानी लखनऊ के सैनिक कॉलोनी का है, जहां पूर्व सैनिकों ने किसानों से जमीन का एग्रीमेंट कराकर अपने मकान बनाए थे और वर्ष 2007 में मकानों की रजिस्ट्री भी कराई थी, लेकिन वर्ष 2010 के बाद आवास-विकास ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया, जिसके बाद आवास-विकास और पूर्व सैनिकों में विवाद शुरू हो गया. आवास-विकास ने नोटिस जारी कर सैनिकों और पूर्व सैनिकों द्वारा बनाए गए मकान को अवैध बताया और मकान खाली करने को कहा.

undefined


इस विषय में जब ईटीवीने आवास विकास के आयुक्त से बात की तो उन्होंने कहा कि यह जमीन किसानों से एग्रीमेंट करके खरीदी गई है. आवास विकास पूर्व सैनिकों से बातचीत के माध्यम से यह मामला सुलझाना चाहता है.


बिना नोटिस दिए आवास-विकास ने गिरा दिया मकान


वर्ष 2014 सेना के रिटायर्ड कैप्टन डीके सिंह लेह लद्दाख में पोस्टेड थे. इसी वर्ष अचानक आवास-विकास ने उनके मकान को अवैध बताकर गिरा दिया. छुट्टी न मिल पाने के कारण कैप्टन डीके सिंह अपने घर नहीं आ सके और उनका पूरा परिवार उनके मित्र के घर पर रहने लगा.


किसी देश के लिए ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि देश की रक्षा करने वाले जवान सड़क पर उतरकर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं. सैनिक हमेशा आखिर दम तक लड़ाई लड़ता है उसमें चाहे मांगें हो या दुश्मन का खेमा.

लखनऊ : लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था लेकिन राजधानी लखनऊ में सरकार जवानों से उनका हक छीनने का काम कर रही है. आवास-विकास ने कुछ सैनिकों के सिर से छत छीन ली है, जिससे 72 सैनिकों के परिवार खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.


सीमा पर लड़कर देश की रक्षा करने वाले पूर्व सैनिकों ने देश की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, लेकिन आज उनको डर रहता है कि न जाने कब आवास-विकास का बुलडोजर उनके घरों पर चल जाये.

बिना नोटिस दिए आवास-विकास ने गिरा दिया मकान


दरअसल मामला राजधानी लखनऊ के सैनिक कॉलोनी का है, जहां पूर्व सैनिकों ने किसानों से जमीन का एग्रीमेंट कराकर अपने मकान बनाए थे और वर्ष 2007 में मकानों की रजिस्ट्री भी कराई थी, लेकिन वर्ष 2010 के बाद आवास-विकास ने जमीन का अधिग्रहण कर लिया, जिसके बाद आवास-विकास और पूर्व सैनिकों में विवाद शुरू हो गया. आवास-विकास ने नोटिस जारी कर सैनिकों और पूर्व सैनिकों द्वारा बनाए गए मकान को अवैध बताया और मकान खाली करने को कहा.

undefined


इस विषय में जब ईटीवीने आवास विकास के आयुक्त से बात की तो उन्होंने कहा कि यह जमीन किसानों से एग्रीमेंट करके खरीदी गई है. आवास विकास पूर्व सैनिकों से बातचीत के माध्यम से यह मामला सुलझाना चाहता है.


बिना नोटिस दिए आवास-विकास ने गिरा दिया मकान


वर्ष 2014 सेना के रिटायर्ड कैप्टन डीके सिंह लेह लद्दाख में पोस्टेड थे. इसी वर्ष अचानक आवास-विकास ने उनके मकान को अवैध बताकर गिरा दिया. छुट्टी न मिल पाने के कारण कैप्टन डीके सिंह अपने घर नहीं आ सके और उनका पूरा परिवार उनके मित्र के घर पर रहने लगा.


किसी देश के लिए ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि देश की रक्षा करने वाले जवान सड़क पर उतरकर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं. सैनिक हमेशा आखिर दम तक लड़ाई लड़ता है उसमें चाहे मांगें हो या दुश्मन का खेमा.

Intro:पूर्व सैनिक परिवार समेत आवास विकास के ऑफिस पहुंचे


Body:पूर्व सैनिक परिवार के साथ आवास विकास परिषद कार्यालय पहुंचे।
आवास विकास के ऑफिस में कमिश्नर से मिलने पहुंचे पूर्व सैनिक अपनी मांगों को लेकर के करेंगे बात


Conclusion:पूर्व सैनिक पहुंचे आवास विकास परिषद।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.